अष्टछाप कवि : नंददास, - Study Search Point

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अष्टछाप कवि : नंददास,

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नंददास 16 वीं शती के अंतिम चरण के कवि थे। नंददास हिन्दी में अष्टछाप के प्रमुख कवि, जो सूरदास के बाद सबसे प्रसिद्ध हुए। एक मान्यता के अनुसार इनका जन्म उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले में सोरों के पास रामपुर गांव में हुआ था। ये तुलसीदास के भाई थे, किन्तु अब यह बात प्रामाणिक नहीं मानी जाती। उसी वार्ता में यह भी लिखा है कि द्वारिका जाते हुए नंददास सिंधुनद ग्राम में एक रूपवती खत्रानी पर आसक्त हो गए।
ये उस स्त्री के घर में चारो ओर चक्कर लगाया करते थे। घरवाले हैरान होकर कुछ दिनों के लिए गोकुल चले गए। ये वहाँ भी जा पहुँचे। अंत में वहीं पर गोसाईं विट्ठलनाथ जी के सदुपदेश से इनका मोह छूटा और ये अनन्य भक्त हो गए। इस कथा में ऐतिहासिक तथ्य केवल इतना ही है कि इन्होंने गोसाईं विट्ठलनाथ जी से दीक्षा ली।

कृतियाँ : -
भागवत दशमस्कंध
रुक्मिणीमंगल
सिद्धांत पंचाध्यायी
रूपमंजरी
मानमंजरी
विरहमंजरी
नामचिंतामणिमाला
अनेकार्थनाममाला
दानलीला
मानलीला
अनेकार्थमंजरी
ज्ञानमंजरी
श्यामसगाई
भ्रमरगीत
सुदामाचरित्र
हितोपदेश
नासिकेतपुराण,
    Nanddas -
    Nanddas the final stages of the 16th century poet. Nanddas Ashtchhap major poet in Hindi, the most famous of which was surdaas. According to one theory Etah district of Uttar Pradesh, in His birth took place in the village of Rampur near Soron. He was the brother of Tulsidas, but now it is not considered authentic. It is written in the same negotiations that go Dwarka Nanddas Sindhund grams Ktrani became enamored of a lovely figure.
    They circled around to the woman in the house used to be. Gokul family moved in awe for a few days. They also reached there. Finally there Gosain Vittlnath live their fascination with Sdupdesh were drawn and the exclusive devotee. The story is a historical fact that they only live Gosain Vittlnath were initiated.
    Works : -
    Bhagwat Dsmskand
    Rukminimngl
    Theory Panchadyayi
    Rupmnjri
    Manmnjri
    Virhmnjri
    Namcintamanimala
    Anecarthanammala
    Danleela
    Manleela
    Anecarthamnjri
    Gyanmnjri
    Shyamsgai
    Bramrgeet
    Sudamacritr
    Hitopadesha
    Nasiketpuran,

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