आज का इतिहास 29 अप्रैल, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

आज का इतिहास 29 अप्रैल,

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1639- दिल्ली में लाल किले की नींव रखी गयी।

1682- ईसवी को रूस में पीटर अग्रेट ने 10 वर्ष की आयु में शासन संभाला। वे रोमानोफ़ वंश के तीसरेज़ार शासक थयूडर के भाई थे। शासन संभालने के पश्चात उनकी बहन ने, जो शासन की उत्तराधिकारी थीं पीटर को मॉस्को के निकट एक गांव भेजकर स्वंय सत्ता हथिया ली। कुछ समय बाद पीटर ने विशाल सेना तैयार की और अपनी बहन के मुकाबले में युद्ध के लिए डट गये। इस युद्ध में पीटर को विजय प्राप्त हुई और वे दोबारा रुस के शासक बन गये। इसके बाद से उन्होंने पूरी गम्भीरता के साथ देश की आंतरिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया।


1747- ईसवी को फ़्रांस की 90 हज़ार की सेना ने हालैंड पर आक्रमण आरंभ किया। इस सेना ने बहुत तेज़ी से आगे बढ़ते हुए हालैंड में प्रवेश किया। इस युद्ध में ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया, हालैंड की सहायता कर रहे थे किंतु विजय फ़्रांस की हुई और हालैंड के कमज़ोर होने की प्रक्रिया, जो १७वीं शताब्दी के अंत से आरम्भ हुई थी, और भी तेज़ तथा व्यापक हो गयी।

1928- ईसवी को तुर्की में अरबी लिपि के स्थान पर लैटिन लिपि को औपचारिकता दी गयी यह कदम तुर्की में इस्लामी संस्कृति का अंत और पश्चिमी मूल्यों को उसके स्थान पर रखने के परिप्रेक्ष्य में उठाया गया। यह कार्यवाही मुसतफ़ा कमाल नामक नेता ने, जो अतातुर्क के नाम से प्रसिद्ध हैं, सन 1923 में आरंभ की थी। अक्तूबर सन 1923 में 623 वर्षीय उसमानी शासन के पतन की घोषणा के पश्चात अतातुर्क के नेतृत्व में तुर्की में प्रजातंत्र की स्थापना हुई।

1939-नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।


1945- ईसवी को द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में घटक सेनाओं को एक और बड़ी पराजय का सामना हुआ। इटली में जर्मनी की रक्षा पंक्ति के टूट जाने के बाद संयुक्त सेंनाओं ने एक व्यापक आक्रमण करके इटली पर अधिकार कर लिया। इटली, जहॉ मसोलीनी का राज था, जर्मनी का घटक था। इटली में संयुक्त सेना की सफलता के पश्चात इस देश में तैनात जर्मन सैनिकों ने संयुक्त सेना के समक्ष हथियार डाल दिये।

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