उत्तराखण्ड जनपद विशेष : अल्मोड़ा जनपद, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

उत्तराखण्ड जनपद विशेष : अल्मोड़ा जनपद,

Share This

उपनाम- विभांडेश्वर, ताम्र नगरी, मंदिरों की नगरी (द्वाराहाट) 
अस्तित्व- 1839 ईस्वी में 1891 में जिला बनाया गया। अल्मोड़ा जिला का क्षेत्रफल 3139 वर्ग किमी है।
तहसील- 11 विकास खंड- 11 विधानसभा क्षेत्र- 6,
सीमा विस्तार- पूर्व में पिथौरागढ़ - चंपावत, पश्चिम में पौड़ी, उत्तर में बागेश्वर, दक्षिण में नैनीताल,
➣ अल्मोड़ा जिले से 6 जिलों की सीमाए लगती है । अल्मोड़ा जिला राज्य के 4 आंतरिक जिलों में से एक है।
➣ पुरूष साक्षरता के मामले में राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। अल्मोड़ा जिले का लिंगानुपात 1139 है जो राज्य के सभी जिलो में सर्वाधिक है।
➣ सबसे कम दशकीय जनसंख्या वृद्धि वाला जिला पौडी के बाद दूसरा अल्मोंडा है।
➣ अल्मोड़ा की दशकीय वृद्धि ऋणात्मक है -1.28 प्रतिशत
➣ अल्मोडा जिले के 50 प्रतिशत भाग पर वन क्षेत्र है।
➣ गोरी नदी अल्मोडा जिला के मध्य से होकर बहती है।
प्रसिद्ध मंदिर-
➤ द्वाराहाट- मंदिरों का समूह, हिमालय की द्वारिका नाम से प्रसिद्ध, 11 वीं 12 वीं सदी में 30 मंदिरों 365 बावड़ियों का निर्माण हुआ।
➤ दूनागिरी मंदिर- द्रोणाचल पर्वत के नाम से प्रसिद्ध, 1183 में वैष्णवी शक्ति पीठ की स्थापना।
➤ बिनसर महादेव मंदिर
➤ वीरेश्वर मंदिर- विनसर पहाड़ी में स्थित कल्याण चंद द्वारा निर्मित मंदिर (झंडी धार स्थल में)
➤ शीतला देवी मंदिर- स्याही देवी मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध अल्मोडा के शीतलाखेत में,
➤ नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
➤ कसार देवी मंदिर
➤ कटारमल सूर्य मंदिर- 9 वीं 10 वीं सदी में निर्मित उत्तराखंड शैली का मंदिर, इसी के निकट कुमाऊं की रण चंडी मंदिर भी स्थित है।
➤ चितई मंदिर- न्याय देवता गोलू देवता का प्रसिद्ध मंदिर।
➤ विभांडेश्वर मन्दिर- उत्तरकाशी नाम से विख्यात स्थल, स्याल्दे विखौती का मेला प्रतिवर्ष विषवत क्रांति को लगता है।
➤ सोमनाथ मंदिर- 700 ईसवी में चंद राजा सोमचंद द्वारा निर्मित,
➤ जागेश्वर मंदिर- जटा गंगा के किनारे 124 छोटे बड़े मंदिरों का समूह, यह उत्तराखंड के पांचवे धाम नाम से विख्यात है। जागेश्वर नटराज मंदिर में शिव की नत्य करती मूर्ति है।
➤ नंदा देवी मंदिर- कमिश्नर ट्रेल के द्वारा मल्ला महल की नंदा देवी की मूर्ति पर्वतेश्वर मंदिर में रखी गई।
➤ पर्वतेश्वर मंदिर- नंदा देवी मंदिर, पर्वतेश्वर मंदिर संयुक्त रूप से,
➤ रामशिला मंदिर- अष्टमहल दुर्ग मंदिर के मध्य 1588 में रूपचंद द्वारा निर्मित मंदिर,
➤ गणनाथ मंदिर- प्राकृतिक रूप से जल का टपकना, इसी पर्वत की चोटी पर मल्लिका देवी का मंदिर भी स्थित है।
➤ झूला देवी मंदिर नैथना देवी मंदिर रत्न देव मंदिर कचहरी मंदेव मंदिर गुर्जर देव मंदिर मृत्युंजय मंदिर हरि सिंह देवल मंदिर➤ मनकामेश्वर मंदिर, ये सभी अल्मोड़ा जिले में स्थित हैं।
➤ गणनाथ शिव का मंदिर गुफा मंदिर अल्मोडा में है।
➤ रामपादुका तीर्थ अल्मोड़ा के चौखटिया में है।
➤ त्रिपुरा देवी का मंदिर,  पुश्ती माता का मंदिर जागेश्वर में है |

प्रसिद्ध उत्सव और मेले-
➣ नंदा देवी मेला- अल्मोड़ा के नंदा देवी परिसर में आयोजित,
➣ श्रावणी मेला- जागेश्वर धाम में श्रावण मास में आयोजित,
➣ सोमनाथ मेला- वैशाख माह में रानीखेत अल्मोड़ा के पाली-पछांऊ क्षेत्र में रामगगा नदी के तट पर आयोजित, सोमनाथ मेला पशुओं के क्रय-विक्रय के लिए जाना जाता है।
➣ गणनाथ मेला- कार्तिक पूर्णिमा में अल्मोड़ा में आयोजित, संतान प्राप्ति की कामना के लिए पूजा करते है।
➣ स्याल्दे विखौती मेला- वैशाख माह में आयोजित,
➣ बग्वाली पोखर मेला - राज्य सरकार की सहायता से आठ दिवसीय,
➣ गणनाथ मेला- कार्तिक पूर्णिमा को अल्मोड़ा में आयोजित,
➣ विनाथेश्वर मेला- अल्मोड़ा में आयोजित,
➣ उत्तरायणी मेला- 1921 से प्रतिवर्ष गोमती और सरयू नदी के किनारे बागेश्वर में आयोजित, 1901 में प्रकाशित सोरमैन की पुस्तक "होली हिमालय" में इससे कुमाऊं का सबसे पवित्र मेला बताया गया है।
➣ सालम रंग महोत्सव- सालम पट्टी अल्मोड़ा में जुलाई माह में आयोजित महोत्सव,

प्रमुख ताल व झीलें नदी परियोजनाएं-
➥ तागड़ ताल अल्मोड़ा में स्थित, तडाग ताल पर 5 सुरंगे बनी है।
➥ भालू बांध रानीखेत में है।

प्रमुख संस्थान-
➲ इंडियन मेडिसन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड- मोहन अल्मोड़ा में,
➲ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद फॉर ड्रग रिसर्च- ताड़ीखेत अल्मोड़ा में,
➲ कोआपरेटिव ड्रग्स फैक्ट्री- रानीखेत अल्मोड़ा में,
➲ गोविंद बल्लभ पंत हिमालय एवं पर्यावरणीय विकास संस्थान- कटारमल कोसी अल्मोड़ा में,
➲ रक्षा कृषि शोध संस्थान- अल्मोड़ा में,
➲ उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास निगम (उरेडा) - अल्मोड़ा में 2001 में स्थापित,
➲ अल्मोड़ा डिबेटिंग क्लब की स्थापना- 1970 में भीमसेन के द्वारा,
➲ कुमाऊं रेजिमेंट का गठन- आगरा में अक्टूबर 1945, मई 1948 में रानीखेत अल्मोड़ा में मुख्यालय स्थापित,
➲ पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय- 1979 में अल्मोड़ा में स्थापित,
➲ विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान शाला - अल्मोड़ा में 1924 में डॉ बीसी सेन द्वारा स्थापित, (पूसा की इकाई) विवकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधानशाला द्वारा खोजे गए मटर की किस्म बी0एल03, व सोयाबीन की बी०एल 52 है।
➲ लोक कला संस्थान- अल्मोड़ा में,
➲ उदय शंकर नृत्य एवं नाट्य अकैडमी- अल्मोड़ा में 2003 में स्थापित,
➲ नाट्य कला के विकास हेतु रंग मंडल की स्थापना- अल्मोड़ा और देहरादून में,
➲ राज्य में वैकल्पिक ऊर्जा (उरेडा) का मुख्यालय- अल्मोड़ा में, उरेड़ा 2 मेंगावट जलविद्युत परियोजनाओं तक निर्माण कार्य कर सकता है। उरेडा घराटों को अपग्रेड करने का काम करती है। उरेड़ा स्ट्रीट लाइट व सोलर लालटेन को दूर-दराज गांवो में पहुंचाने का काम करता है।
➲ हिल मोटर ट्रांसपोट कम्पनी की स्थापना- 1920 मे हुई, जिसके संस्थापक ललिता प्रसाद टम्टा थे।
➲ नाट्य एंव संगीत अकादमी की स्थापना- 2002 में फ़लसीमा, अल्मोडा में की गई।
➲ अल्मोडा में पहला महिला चिकित्सालय 1927 में खुला था।
➲ डिबेटिंग क्लब -1870 में अल्मोडा में स्थापना, भीमसेन जोशी के द्वारा कि गई।
➲ उतराखण्ड सेवा निधि एवं पर्यावरण शिक्षा संस्थान अल्मोडा में स्थित है।

प्रमुख उद्यान और अभ्यारण -
➣ विनसर वन्यजीव विहार- स्थापना 1988 में 47.07 वर्ग किलोमीटर पर विस्तार,
➣ दीनदयाल उद्यान- अल्मोड़ा, चौबटिया में स्थित,
➣ ब्राइट और कॉर्नर दर्शनीय स्थल अल्मोडा में है।
➣ मोहन जोशी पार्क अल्मोडा में स्थित है।
➣ आठ मंजिला पार्किंग स्थल अल्मोड़ा में है।

प्रमुख गुफाएं, आश्रम और पर्वत श्रेणी-
➤ चुलेरासीम गुफा- चौबटिया अल्मोड़ा में स्थित, 2008 में शोध कार्य किया गया।
➤ पाण्डुखोली गुफा अल्मोड़ा के द्वाराहाट में है। पाण्डुखोली गुफा को त्रयम्बक गुफा भी कहा जाता है।
➤ कल्याणी आश्रम अल्मोडा जिले में है, जो योगा के लिए जाना जाता है।
➤ चनौदा, सोमेश्वर में शांति लाल त्रिवेदी ने गांधी आश्रम की स्थापना की थी।
➤ डोल आश्रम की स्थापना परम योगी कल्याण दास ने 1990 में की।
➤ हरिया पर्वत, रानी पर्वत अल्मोडा में स्थित है। अल्मोडा के रानी पर्वत के पास चिलियानौला में बाबा हैडाखान का आश्रम है।
➤ बारामंडल घाटी, गेवाड़ क्षेत्र व गेवाड घाटी अल्मोडा में है।
➤ रानीखेत झूलादेवी पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है।

भाषा साहित्य, पत्रिकाएं, दार्शनिक व्यक्ति-
➣ मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार इलाचंद जोशी अल्मोडा जिले के निवासी है। इनका जन्म 13 सितंबर 1902 मे हुआ, इलाचंद जोशी के उपन्यास जहाज के पंछी व पर्दे की रानी है।
➣ कथा शिल्पी शैलेश मटियानी का जन्म 1931 में अल्मोडा में हुआ था।
➣ गिरीश तिवारी गिर्दा भी अल्मोंडा जनपद के निवासी है। नगाड़े खामोश है रचना गिरीश तिवारी गिर्दा की है।
➣ स्वामी विवेकानंद सर्वप्रथम 1880 में अल्मोड़ा आए।
➣ शुद्ध साहित्य समिति की शुरूआत 1913 में सत्यदेव ने अल्मोड़ा में की।
➣ हिलांस नामक समाचार पत्र अल्मोडा सें प्रकाशित होता है।
➣ पुरवासी व कुमाऊँ की आवाज समाचार पत्र अल्मोड़ा में प्रकाशित होता है।
➣ बद्रीनाथ समाचार पत्र रानीखेत से प्रकाशित होता है।
➣ दनपुरिया बोली अल्मोड़ा में बोली जाती है ।
➣ पछाई बोली अल्मोंडा के पाली-पछाऊं क्षेत्र में बोली जाती है।
➣ खसपर्जिया बोली अल्मोंडा के बारामंछल परगने में बोली जाती है।

ऐतिहासिक घटनाएं-
➣ अल्मोडा जिला का मुख्य नगर कोसी व सुयाल नदिया के मध्य स्थित है,
➣ चंद शासक भीष्मचंद ने अपनी राजधानी चम्पावत आलमनगर स्थानान्तरित की, कल्याण चंद चतर्थ 1563 तक राजधानी पूर्ण रूप से तैयार की गयी।
➣ अल्मोड़ा जनपद का नाम वहां उगने वाली घास के कारण पड़ा था।
➣ अल्मोडा नगर का नाम आलमनगर मुगल प्रभाव के कारण रखा गया था।
➣ फाल्दाकोट दुर्ग अल्मोडा में है।
➣ 1864 में अल्मोडा नगरपालिका का गठन हुआ।
➣ 1891 में अल्मोड़ा जिला बनाया गया।
➣ सर्वाधिक विकासखण्ड के मामले में अल्मोडा दूसरे स्थान पर आता है।
➣ अल्मोड़ा को राजाओं की घाटी भी कहा जाता है।
➣ अल्मोड़ा कस्बा पहाड पर घोड़े की काठीनुमा आकार की रिज पर बसा हुआ है।
➣ अल्मोडा जिला कलेक्टरी के पास पहले चंद राजाओं का मल्ला महल होता था।
➣ अल्मोडा एकमात्र जनपद है जहां चांदी का भंडार है।
➣ अल्मोंडा का झिरौली क्षेत्र तांबा व मैग्नेसाइट उत्पादक।
➣ अल्मोंडा के किशनचद्र जोशी ने विश्व का सबसे ऊंचा मिर्च का पौधा उगाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज करा।
➣ सोमेश्वर राजा सोमचंद ने बसाया है, जो अल्मोड़ा में है।
➣ अल्मोडा के जालना में अनेक फलों के वृक्ष है।
➣ विभाण्डेश्वर को उतर का काशी कहते है, जो द्वाराहाट में स्थित है।
➣ 1817 में रैम्जे कॉलेज अल्मोडा में खोला गया।
➣ अल्मोड़ा के टम्टा समुदाय के लोग धातु बरतन व्यवसाय से जुड़े है।
➣ अल्मोडा में घर-घर पूजा जाने वाला चंद राजकुमार गंगनाथ है।
➣ रानीखेत का पुराना नाम आकलैंड होल्स स्टेट है, रानीखेत गागस नदी के तट पर स्थित है।
 एच एन बी स्पोर्ट स्टेडियम अल्मोड़ा में है
➣ अल्मोड़ा को ताम्र नगरी कहा जाता है।
➣ अल्मोड़ा के मरचूला को पीतल नगरी भी कहा जाता है।
➣ अल्मोडा को बाल मिठाई का घर कहा जाता है
 अल्मोड़ा क्षेत्र को राम क्षेत्र व आलमनगर भी कहा जाता है।
 एड गुरू ऑफ इंडिया का सम्बन्ध अल्मोड़ा से है।
➣ नेशनल हाइवे 309 अल्मोडा से होकर गुजरेगा
 जैंती व भनौली तहसील अल्मोडा में है। ताकुला व हवालबाग विकासखण्ड अल्मोडा में है।
 रानीखेत समुद्रतल से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
 कुमाऊँ की लक्ष्मीबाई  जियारानी के प्रवास के कारण यहां का नाम रानीखेत पड़ा। आधुनिक रानीखेत की स्थापना 1869 0 में हेनरी रैम्जे द्वारा की गयी थी। अमेरिकी न्यायाधीश विलियम दोग्लस ने रानीखेत को विश्व का सर्वोतम हिल स्टेशन कहा। अंग्रेजी वायसराय लार्ड मेयो को रानीखेत बहुत प्रिय लगता था।
➣ रानीखेत में स्थित चौबटिया में फल संरक्षण एंव शोध केंद्र है। चौबटिया को ऑरचर्ड कंट्री कहा जाता है।
 रानीखेत के ताड़ीखेत में, गांधी कुटी गोलू देवता का मंदिर है।
 रानीखेत के चौखुटिया में कत्यूरी राजवंश के किला, और अवशेष मिलें हैं।

सैन्य विशेष-
➤ कुमाऊं रेजिमेंट का गठन- आगरा में 27 अक्टूबर 1945, मई 1948 में रानीखेत अल्मोड़ा में मुख्यालय स्थापित।
 1917 में कर्नल लांगर ने प्रथम कुमाऊँ राइफल की स्थापना की, जिसे अब बटालियन 3 कुमाऊँ कहा जाता है।
➤ कुमाँऊ रेजीमेंट के थलसेना में तीन सेनाध्यक्ष हुए- श्री नागेश, एम थिमैय्या व एन रैना।
➤ कुमाऊँ रेजीमेंट के 4 बटालियन के मेजर सोमनाथ शर्मा को भारत का पहला परमवीर चक दिया गया।  1962 चीन युद्ध के समय मेजर शैतान सिंह को परमवीर चक्र मिला था।
➤ कुमाऊँ रेजीमेंट में 13वीं व 15वी बटालियन को भारतीय सेना में वीरों में वीर कहा जाता है।➤ कुमाऊँ रेजीमेंट प्रथम रेजीमेंट जिसे 1961 में राष्ट्रपति द्वारा कलर प्रदान किया गया।
➤ कुमाऊँ रेजीमेंट के ले. कर्नल नरेन्द्र कुमार ने नंदादेवी पर्वत का सफल आरोहण किया।
➤ कुमाऊँ रेजीमेंट के नाम पर 1988 को डाक टिकट जारी किया गया था।
➤ अल्मोडा जिले में दो छावनी है।
➤ अल्मोडा छावनी 1815 में जब गार्डनर ने लालमंडी किला जीता, तब इसे फोर्ट मोयरा नाम दिया।
➤ रानीखेत छावनी 1871 में बनी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Pages