उत्तराखंड जनपद विशेष : चंपावत जनपद, - Study Search Point

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उत्तराखंड जनपद विशेष : चंपावत जनपद,

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उपनाम - चंपावती, कुम्मु काली
अस्तित्व - 15 सितम्बर 1997
तहसील- 5 विकासखंड- 4
गुफा- पाताल रुद्रेश्वर 1993 में खोज बारसी गाँव मे,
सीमा विस्तार-  पूर्व नेपाल, पश्चिम अल्मोड़ा व नैनीताल, उत्तर की पिथौरागढ़, दक्षिण उधम सिंह नगर,
➤ चम्पावत जिले का क्षेत्रफल 1766 वर्ग किमी है, क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे छोटा जिला है। आबादी के मामले में राज्य का दूसरा सबसे बडा जिला है।
➤ चम्पावत जिले का लिंगानुपात 980 है।
➤ सबसे कम अनुसूचित जाति के लोग चम्पावत जिले में रहते है।
➤ प्रतिशत की दृष्टि से दूसरे नम्बर के सर्वाधिक वन चम्पावत में है।
प्रसिद्ध मंदिर -
➣ हिंगला देवी मंदिर
➣ घटोत्कच घटको मंदिर - बोक्सा जनजातीय आस्था का केंद्र।
➣ पंपा देवी मंदिर - बाराकोट में स्थित लड़ी धूरा मेला आयोजित।
➣ मानेश्वर मंदिर
➣ पूर्णागिरी मंदिर - अन्नपूर्णा शिखर में स्थित, 40 दिवसीय मेले का आयोजन।
ग्वाल देवता
➣ बाराही मंदिर- रण व बराह शिला देवीधुरा में स्थित,
➣ बालेश्वर मंदिर - मंदिर की नींव उद्यान चंद ने रखी मंदिर का कार्य पूर्ण कराया विक्रम चंद ने, 1272 में निर्मित। 1420 में ध्यानचंद ने जीर्णोद्धार किया। शिखर शैली में निर्मित मंदिर। बालेश्वर मंदिर का उल्लेख मानस खंड में भी मिलता है।
➣ शिवादित्य मंदिर- रमक गाँव पाटी ब्लॉक मे स्थित,
➣ कांतेश्चर मंदिर
➣ नागनाथ मंदिर - कीर्ति चंद के पुत्र रतन चंद ने 15वीं सदी में बनाया।
➣ मलेश्वर महादेव मंदिर
➣ सप्तेश्वर मंदिर
➣ झूठा मंदिर- चंपावत में,
➣ गुरना माई मंदिर,  तारकेश्वर मंदिर,  हिडिम्बा देवी का मंदिर,  हिडिम्बा आश्रम भी चम्पावत में स्थित है।
➣ रीठा साहिब - लधिया और रतिया नदी के संगम पर 1960 में गुरुद्वारे का निर्माण।
➣ घेर नाथ मंदिर,  नरसिंह देवता का मंदिर,
➣ तल्ली मांदली स्थित शिव मंदिर - 1410 में भारतीय चंद के द्वारा बनाया गया।
➲ चम्पावत के कानदेव पर्वत पर भगवान विष्णु का कर्मावतार हुआ था।

प्रमुख उत्सव/मेले -
➤ पूर्णागिरि मेला - पूर्णागिरी मेला कुमाऊँ का सर्वाधिक दिनो (40) तक लगने वाला मेला।
➤ बग्वाल मेला - जिम कार्बेट ने अपनी पुस्तक "मैन ईटर ऑफ  कुमाऊं" में इसका विवरण दिया।
➤ पंचेश्वर मेला
➤ झूला मेला
➤ दीप महोत्सव- का आयोजन चम्पावत के खेतीखान में होता है,
➤ लड़ी धूरा मेला
➤ गोरा अटारी (गोरा अठ्ठावली) मेला- चम्पावत में राजी जनजाति का त्योहार है।
➤ कलसन का मेला
➤ मानेश्वर मेला - चम्पावत में मायावती आश्रम के पास लगता है, इस मेले में दुधारू पशुओं के लिए पूजा की जाती है।

नदी/ताल/झीलें –
➢ झिलमिल ताल की आकृति गोल है,
➢ श्यामला ताल श्यामला ताल में सफेद रंग के कमल खिलते है।
➢ स्वामीताल व सूखाताल चम्पावत जिले में स्थित है।
➢ कुमाऊँ क्षेत्र की पहली कृत्रिम झील बैजनाथ झील है।
➢ रूकमणि नौला चम्पावत में है।
➢ चंपावती नदी को गड़की गाड़ के नाम से भी जाना जाता है, इसी नदी के किनारे सप्तेश्वर मंदिर नाम से 7 मंदिरों का समूह है।
➢ चम्पावत गड़कीगाड व चम्पावती नदी के संगम पर है। नदी के नाम पर ही इसका चम्पावत नाम पड़ा।
लधिया नदी चूका, चम्पावत नामक स्थल पर काली नदी से मिलती है।
➢ शारदा नहर चम्पावत के बनबसा से निकाली गई है। शारदा नहर का निर्माण काली नदी पर 1928 में हुआ।
➢ टनकपुर शारदा परियोजना - 1993 से शारदा नदी पर है।
➢ गौरी डैम चम्पावत में है।
➢ लोहाघाट, लोहावती नदी के तट पर है मायावती आश्रम लोहाघाट में है। 1901 में स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण शांतिमठ के नाम से स्थापना की।
➢ पंचेश्वर काली व सरयू नदी के तट पर स्थित धाम लोहाघाट में है। पंचेश्वर में चामू या चौमुह देवता का मंदिर है। चौमूह देवता को पशुरक्षक माना जाता है।

ऐतिहासिक घटनाएं -
➥ चंपावत की स्थापना प्रथम चंद शासक सोमचंद ने की,1000 0 से 1563 0 तक चंदवंश के शासको की राजधानी चम्पावत थी। चम्पावत में राजबुंगा का किला सोमचंद ने बनाया था गौल्ला (गरल) चौडा किला भी चम्पावत में है।
➥ देवीधुरा नामक स्थान पर 1858 में हेडवुड ने महापाषाण कालीन सभ्यता के चिन्हों का पता लगाया।
 "लासपा दर्रा" चम्पावत व पिथौरागढ के बीच है।
➥ नौ दुग्गांघर चम्पावत् में है, एक हथियानौला जिसका निर्माण जगन्नाथ मिस्त्री ने अपनी बेटी कस्तूरी की मदद से बनाया था।
➥ रानी का चबूतरा चम्पावत में है।
➥ बाणासुर का किला चम्पावत में है, स्थानीय नाम मारकोट है।
➥ सबसे कम ग्राम पंचायतो वाला जिला चम्पावत है।
➥ झिनझाड़ ताम्रपात्र चम्पावत में मिले
➥ एबट पर्वत चम्पावत लोहाघाट शहर में है।
➥ टनकपुर शहर को मिटाल्क ने बसाया था।

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