केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 07 मई 2017 को देश के पहले जैव-रिफाइनरी संयंत्र का उद्घाटन किया जिसमें बायोमास की विविधता से इथेनॉल पैदा होगा।
यह परियोजना पुणे जिले के राहु में स्थित है। गडकरी ने कहा कि संयंत्र विभिन्न प्रकार के कृषि-धान जैसे चावल और गेहूं का भूसा, कपास के डंठल, गन्ना कचरा, मकई के पौधों को बेहतर उत्पाद की पैदावार के साथ प्रति वर्ष 1 मिलियन लीटर इथेनॉल का उत्पादन कर सकता है।
यह परियोजना पुणे जिले के राहु में स्थित है। गडकरी ने कहा कि संयंत्र विभिन्न प्रकार के कृषि-धान जैसे चावल और गेहूं का भूसा, कपास के डंठल, गन्ना कचरा, मकई के पौधों को बेहतर उत्पाद की पैदावार के साथ प्रति वर्ष 1 मिलियन लीटर इथेनॉल का उत्पादन कर सकता है।
2015 में, सरकार ने तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) से कहा था कि जितना संभव हो उतने राज्यों में इथेनॉल के 10% मिश्रण को निर्धारित किया जा सके। ईंधन डोपिंग प्रोग्राम में जिसमें 5% इथेनॉल के मिश्रण की आवश्यकता होती थी, नवंबर 2012 में शुरू हुआ था। इसे 2 जनवरी 2013 को मोटर स्पिरिट्स एक्ट के तहत अधिसूचित किया गया था।
सरकार ने ओएमसी को अन्य गैर-खाद्य फीडस्टॉक्स से उत्पादित इथेनॉल की खरीद भी करने की अनुमति दी है, जैसे कि पेट्रोकेमिकल मार्ग सहित सेल्यूलोजिक और लिग्नोसेलोुलसिक सामग्री।
सरकार ने ओएमसी को अन्य गैर-खाद्य फीडस्टॉक्स से उत्पादित इथेनॉल की खरीद भी करने की अनुमति दी है, जैसे कि पेट्रोकेमिकल मार्ग सहित सेल्यूलोजिक और लिग्नोसेलोुलसिक सामग्री।
जैव ईंधन: -
फसलों, पेडों, पौधों, गोबर, मानव-मल आदि जैविक वस्तुओं (बायोमास) में निहित उर्जा को जैव ऊर्जा कहते हैं। इनका प्रयोग करके उष्मा, विद्युत या गतिज ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। धरातल पर विद्यमान सम्पूर्ण वनस्पति और जन्तु पदार्थ को 'बायोमास' कहते हैं। जैव ईंधन का प्रयोग सरल है। यह प्राकृतिक तौर से नष्ट होने वाला तथा सल्फर तथा गंध से पूर्णतया मुक्त है।
जीवाश्म ईंधन की तुलना में यह एक स्वच्छ ईंधन है। एक प्रकार से जैव ईंधन, कार्बन डाई-ऑक्साइड का अवशोषण कर हमारे परिवेश को भी स्वच्छ रखता है।
फसलों, पेडों, पौधों, गोबर, मानव-मल आदि जैविक वस्तुओं (बायोमास) में निहित उर्जा को जैव ऊर्जा कहते हैं। इनका प्रयोग करके उष्मा, विद्युत या गतिज ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। धरातल पर विद्यमान सम्पूर्ण वनस्पति और जन्तु पदार्थ को 'बायोमास' कहते हैं। जैव ईंधन का प्रयोग सरल है। यह प्राकृतिक तौर से नष्ट होने वाला तथा सल्फर तथा गंध से पूर्णतया मुक्त है।
जीवाश्म ईंधन की तुलना में यह एक स्वच्छ ईंधन है। एक प्रकार से जैव ईंधन, कार्बन डाई-ऑक्साइड का अवशोषण कर हमारे परिवेश को भी स्वच्छ रखता है।
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