आंसू के प्रकार -
इंसान में तीन तरह के आंसू निकलते हैं. इन्हें बेसल, रेफ्लेक्स और इमोशनल तीन श्रेणियों में रखा गया है. बेसल आंसू आंख की नमी को बनाए रखते हैं। रेफ्लेक्स आंसू तब निकलते हैं जब आंख में धूल या कोई अन्य बाहरी कण चले जाते हैं। इमोशन्स के आंसू किसी तरह के तनाव या भावनाओं से जुड़े होते हैं।
आंसू में भी प्रोटीन, नमक और हार्मोन का वैसा ही संघटन होता है जैसा सलाइवा में, हालांकि शरीर के इन दोनों द्व्यों की गंध और गाढ़ापन अलग होता है। एक शोध के मुताबिक महिलाएं पुरुषों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा रोती हैं। एक महिला एक बार में औसतन 6 मिनट तक रोती है जबकि पुरुष दो से चार मिनट के बीच ही रोता है। रोते समय अश्रु ग्रंधियां कुछ ज्यादा ही आंसू बना रही होती हैं।
इसीलिए अक्सर आंखों के अलावा नाक से भी तरल बह रहा होता है। रिसर्च दिखाती है कि आंसू अपने साथ कीमोसिग्नल छोड़ते हैं जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता है। शायद यही कारण है कि पुरुष औरतों को रोते हुए देखना पसंद नहीं करते। शोध के मुताबिक दुख में आंसू के साथ तनाव का हार्मोन भी बाहर निकलता है। यही कारण है कि रोने के बाशोध के मुताबिक दुख में आंसू के साथ तनाव का हार्मोन भी बाहर निकलता है। यही कारण है कि रोने के बाद लोगों को दुख में कमी या हल्कापन महसूस होता है।
रिपोर्ट: याईएफ/एसएफद लोगों को दुख में कमी या हल्कापन महसूस होता है।
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