पिछले साल जुलाई में प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते के लागू होने के बाद इस्लामी गणतंत्र ईरान पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और इसके साथ ही देश ने अपने अंतरराष्ट्रीय एकाकीपन को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा लिया है। वर्ष 2013 में हसन रूहानी ने ईरान का राष्ट्रपति बनने के बाद 14 जुलाई के वियना समझौते की दिशा में बेहद कठिन राजनयिक प्रयास शुरू करने में मदद की थी । रूहानी ने कल कहा कि यह ‘धैर्यवान देश ईरान’ के लिए एक ‘बड़ी जीत’ है। समझौते का ‘क्रियान्वयन दिवस’ अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी की आेर से यह कहे जाने के बाद आया है कि उसके ‘‘निरीक्षकों ने जमीनी स्तर पर यह प्रमाणित किया है कि ईरान ने समझौते के तहत वर्णित सभी उपाय किए हैं।’’
छह वैश्विक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हुए यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप ‘‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े बहुपक्षीय और राष्ट्रीय आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।’’ इनमें ईरान की जीवन शक्ति कहे जाने वाले तेल निर्यात पर लगे प्रतिबंध भी शामिल होंगे और साथ ही आठ करोड़ की आबादी वाले देश के लिए कारोबार के द्वार भी खोल दिए जाएंगे । रूहानी ने इस साल को अपने देश के लिए ‘समृद्धि का साल’ बताया है। मोघेरिनी ने वियना में ईरानी विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ के साथ एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘यह उपलब्धि निश्चित तौर पर दिखाती है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति, धैर्य के साथ और बहुपक्षीय कूटनीति के जरिए हम बेहद मुश्किल मुद्दों को हल कर सकते हैं।’’ इस घोषणा के बाद ईरान और अमरीका के बीच संबंधों पर जमी बर्फ पिघलने के एक अन्य संकेत के तहत दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे के बंदियों को रिहा करने की भी खबर आई । ईरान द्वारा उठाए गए कदमों में उसके दो तिहाई यूरेनियम अपकेंद्रण यंत्रों की कटौती करना, यूरेनियम के अपने भंडार को कम करना और ईरान को हथियारों के स्तर के प्लूटोनियम उपलब्ध करा पाने में सक्षम अराक संयंत्र का मूल हिस्सा हटाना शामिल है । ईरान हमेशा परमाणु हथियार चाहने की बात से इंकार करता रहा है और कहा है कि उसकी गतिविधियां बिजली उत्पादन जैसे शांतिपूर्ण कार्यों के लिए हैं । अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने वियना में कहा, ‘‘आज अमरीका, हमारे मित्र और पश्चिमी एशिया में हमारे सहयोगी और पूरी दुनिया सुरक्षित है क्योंकि परमाणु हथियारों का खतरा कम हो गया है ।’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा कि यह ‘‘एक अहम उपलब्धि है, जो प्रतिबद्धताओं का पालन करने के लिए सभी पक्षों द्वारा अच्छे इरादे के साथ किए गए प्रयास को दर्शाती है ।’’ब्रिटिश विदेश सचिव फिलिप हेमंड ने कहा, ‘‘वर्षों की धैर्यपूर्ण और सतत कूटनीति का फल मिला है।’’ जर्मन विदेश मंत्री फ्रैंक-वॉल्टर स्टीनमियर ने परमाणु समझौते के क्रियान्वयन को ‘‘कूटनीति की एक एेतिहासिक सफलता’’ करार दिया है। नरमपंथी रूहानी के जून 2013 में राष्ट्रपति बनने के बाद दो साल तक वार्ताएं चलीं और तब जाकर जुलाई में वियना समझौता हुआ और इसे एक शानदार कूटनीतिक उपलब्धइ कहकर सराहा गया ।
पंजाब केसरी
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