शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha, 9 दिसंबर, 1945) एक प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ हैं। हिंदी फ़िल्मों के जाने माने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को लोग बिहारी बाबू के नाम से जानते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 9 दिसम्बर, 1945 में हुआ था। पिता भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा तथा माता श्यामा देवी थीं। शत्रु के पिता पेशे से चिकित्सक थे, इस वजह से उनकी इच्छा थी कि बेटा शत्रु भी डॉक्टर बने। लेकिन शॉटगन को ये मंजूर नहीं था। अपने चार भाईयों में सबसे छोटे शत्रुघ्न सिन्हा को घर में सभी लोग छोटका बबुआ कहा करते थे। शत्रुघ्न भारतीय फ़िल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे से स्नातक हैं।
फ़िल्मी सफर
शत्रुघ्न सिन्हा की इच्छा बचपन से ही फ़िल्मों में काम करने की थी। अपने पिता की इच्छा को दरकिनार कर वे फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे में प्रवेश लिया। वहाँ से ट्रेनिंग लेने के बाद वे फ़िल्मों में कोशिश करने लगे। लेकिन कटे होंठ के कारण किस्मत साथ नहीं दे रही थी। ऐसे में वे प्लास्टिक सर्जरी कराने की सोचने लगे। तभी देवानंद ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था। उन्होंने वर्ष 1969 में फ़िल्म ‘साजन’ के साथ अपने कैरियर की शुरूआत की थी। पचास-साठ के दशक में के.एन. सिंह, साठ-सत्तर के दशक मेंप्राण, अमजद खान और अमरीश पुरी। और इन्हीं के समानांतर फ़िल्म एण्ड टीवी संस्थान से अभिनय में प्रशिक्षित बिहारी बाबू उर्फ शॉटगन उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हिन्दी सिनेमा में होती है। यह वह दौर था जब बहुलसितारा (मल्टी स्टारर) फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर धन बरसा रही थीं।
प्रसिद्ध फ़िल्में
लगभग चार दशकों में शत्रुघ्न सिन्हा ने कम से कम 200 हिन्दी फ़िल्मों में काम किया है। सिन्हा फ़िल्मों में अपने नकारात्मक चरित्र के लिए जाने गये। उनकी प्रसिद्ध फ़िल्मों में ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘कालीचरण’ मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन के साथ की फ़िल्मों में ‘दोस्ताना’, ‘काला पत्थर’, ‘शान’ और ‘नसीब’ इत्यादि हैं। फ़िल्म 'क्रांति' (1981-मनोज कुमार), वक्त की दीवार (1981-रवि टंडन), नरम-गरम (1981-ऋषिकेश मुखर्जी), कयामत (1983-राज सिप्पी), चोर पुलिस (1983-अमजद खान), माटी माँगे ख़ून (1984-राज खोसला) और खुदगर्ज (1987- राकेश रोशन) का उल्लेख करना पर्याप्त होगा। उन्होंने पंजाबी फ़िल्म ‘पुत्त जट्टां दे’ और ‘सत श्री अकाल’ में भी अभिनय किया है। अभिनय के अलावा उन्होंने ‘कशमकश’, ‘दोस्त’ और ‘दो नारी’ जैसी फ़िल्मों में गाने में भी हाथ आजमाया। हाल में रिलीज हुई रामगोपाल वर्मा की फ़िल्म ‘रक्तचरित्र’ में उन्होंने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. टी. रामाराव की भूमिका निभाई जिसके लिए उन्होंने पहली बार अपनी मूछें साफ़ करवाई।
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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2004 | आन | ||
2002 | बाबा | ||
2000 | शहीद ऊधम सिंह | मॉहम्मद ख़ान | |
2000 | पापा द ग्रेट | बिहारीलाल | |
1998 | ज़ुल्म-ओ-सितम | वकील विश्वनाथ | |
1996 | दिल तेरा दीवाना | ||
1995 | ज़माना दीवाना | सूरज प्रताप सिंह | |
1994 | इन्साफ अपने लहू से | ||
1994 | बेताज बादशाह | ||
1994 | पतंग | ||
1994 | चाँद का टुकड़ा | ||
1994 | प्रेम योग | कथा कहने वाला | |
1992 | अधर्म | अविनाश वर्मा | |
1991 | इरादा | ||
1991 | रणभूमि | रूपा सिंह | |
1991 | कस्बा | ||
1990 | हमसे ना टकराना | ||
1989 | आखिरी बाज़ी | ||
1989 | शहज़ादे | सूरज सिंह | |
1989 | ज़ख्म | ||
1989 | बिल्लू बादशाह | ||
1989 | कानून की आवाज़ | ||
1989 | संतोष | अविनाश | |
1989 | ज़ुर्रत | इंस्पेक्टर राम सिंह | |
1989 | नाइंसाफी | विजय सिन्हा | |
1988 | धर्मयुद्ध | प्रताप सिंह | |
1988 | गुनाहों का फ़ैसला | बिरजू | |
1988 | सागर संगम | ||
1988 | शिव शक्ति | ||
1988 | शेरनी | इंस्पेक्टर राजन | |
1988 | महावीरा | विजय वर्मा | |
1988 | मुलज़िम | इंस्पेक्टर नीरज कुमार | |
1988 | गंगा तेरे देश में | ||
1987 | इंसानियत के दुश्मन | ||
1987 | आग ही आग | ए सी पी सूरज सिंह | |
1987 | खुदगर्ज़ | ||
1987 | राही | ||
1987 | हिरासत | ||
1987 | लोहा | ||
1987 | हवालात | ||
1987 | जवाब हम देंगे | विजय सक्सेना | |
1986 | असली नकली | विजय | |
1986 | समय की धारा | ||
1986 | इलज़ाम | सूरज प्रसाद | |
1986 | कत्ल | ||
1985 | काली बस्ती | करन सिंह | |
1985 | आँधी तूफान | ||
1985 | होशियार | राजेश | |
1985 | भवानी जंकशन | राम | |
1985 | युद्ध | ||
1985 | अमीर आदमी गरीब आदमी | वकील अशोक सक्सेना | |
1985 | फाँसी के बाद | ||
1985 | रामकली | इंस्पेक्टर सुल्तान सिंह | |
1984 | मेरा दोस्त मेरा दुश्मन | शक्ति सिंह | |
1984 | माटी माँगे खून | ||
1984 | द गोल्ड मैडल | ||
1984 | शरारा | ||
1984 | बद और बदनाम | ||
1984 | कैदी | ए एस पी दिनेश जुगरान | |
1984 | आज का एम एल ए राम अवतार | ||
1983 | चोर पुलिस | इंस्पेक्टर सुनील राना | |
1983 | दौलत के दुश्मन | ||
1983 | तकदीर | शिव | |
1982 | तीसरी आँख | सागर | |
1982 | हथकड़ी | इंस्पेक्टर सुनील/भोलानाथ बनारसी | |
1982 | लोग क्या कहेंगे | ||
1982 | नादान | विक्रम | |
1981 | नसीब | ||
1981 | क्रांति | ||
1981 | चेहरे पे चेहरा | ||
1981 | वक्त की दीवार | ||
1980 | बेरहम | ||
1980 | ज्वालामुखी | राजेश | |
1980 | दोस्ताना | रवि कपूर | |
1980 | बॉम्बे 405 मील | किशन | |
1980 | चम्बल की कसम | ||
1980 | शान | राकेश | |
1979 | बगुला भगत | ||
1979 | गौतम गोविन्दा | गोविन्दा | |
1979 | मुकाबला | ||
1979 | जानी दुश्मन | ||
1979 | काला पत्थर | मंगल सिंह | |
1979 | नौकर | ||
1978 | परमात्मा | आनन्द | |
1978 | विश्वनाथ | विश्वनाथ | |
1978 | चोर हो तो ऐसा | ||
1978 | अतिथि | ||
1977 | कोतवाल साब | भरत प्रताप सिन्हा | |
1977 | अब क्या होगा | राम सिन्हा | |
1977 | सत श्री अकाल | ||
1977 | शिरडी के साईं बाबा | हीरा | |
1977 | सफेद हाथी | ||
1976 | ख़ान दोस्त | ||
1975 | दो ठग | ||
1975 | कहते हैं मुझको राजा | ||
1975 | अनोखा | राम/अनोखा/शंभू खन्ना | |
1974 | दोस्त | ||
1974 | बदला | ||
1973 | छलिया | ||
1973 | आ गले लग जा | ||
1973 | बलैक मेल | जीवन | |
1973 | हीरा | बलवंत | |
1973 | प्यार का रिश्ता | ||
1973 | शरीफ़ बदमाश | ||
1972 | दो यार | ||
1972 | रास्ते का पत्थर | अरुण ठाकुर | |
1972 | बॉम्बे टू गोआ | शर्मा | |
1972 | भाई हो तो ऐसा | राम | |
1972 | शादी के बाद | ||
1972 | बाबुल की गलियाँ | ||
1972 | रिवाज़ | ||
1972 | जबान | अतिथि भूमिका | |
1971 | दोस्त और दुश्मन | ||
1971 | बनफूल | अजय | |
1971 | पारस | ठाकुर अर्जुन सिंह | |
1971 | मेरे अपने | ||
1971 | परवाना | ||
1971 | गैम्बलर | बाँके बिहारी | |
1971 | एक नारी एक ब्रह्मचारी | राजकुमार एस चौधरी | |
1970 | प्रेम पुजारी | ||
1970 | खिलौना | बिहारी | |
1969 | साजन | हवलदार |