समावेशी समेकित भारत की योजनाएं : मिशन अंत्योदय, प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

समावेशी समेकित भारत की योजनाएं : मिशन अंत्योदय, प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना,

Share This
सक्षम भारत से श्रेष्ठ भारत की ओर – एक कदम और
(10.05.2018 तक)

मिशन अंत्योदय -
➣➣ बजट 2017-18 में की गई घोषणा
➣➣ 1 करोड़ परिवारों को गरीबी से मुक्ति दिलाने का लक्ष्‍य
➣➣ 50,000 ग्राम पंचायतों को साल 2019 (महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती) तक गरीबी से मुक्‍त करना है।
➣➣ लक्ष्‍य को पूरा करने के उद्देश्‍य से एक केंद्रित अभियान के रूप में राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वराज अभियान की 24 अप्रैल, 2018 को शुरुआत।
ग्राम स्‍वराज अभियान -
➣➣ 14 अप्रैल से 5 मई 2018 के बीच 484 जिलों के 16850 गावों में पूरी तरह सात योजनाओं को क्रियान्वित करने का अभियान -
➣➣ प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना : उज्‍जवला दिवस, 20 अप्रैल 2018.,
➣➣ सौभाग्‍य : प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर बिजली योजना : ग्राम शक्ति दिवस, 28 अप्रैल 2018.,
प्रधानमंत्री जन धन योजना -
➣➣ वित्‍तीय समावेश के लिए 28 अगस्‍त 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरूआत
➣➣ लगभग 60 प्रतिशत बैंक खाते ग्रामीण इलाकों में खोले गए (25 अप्रैल 2018 तक)
➣➣ 31.52 करोड़ जन धन खाते खोले गए ( 25 अप्रैल 2018 तक)
➣➣ 23.71 करोड़ से ज्‍यादा रुपे कार्ड जारी किये गए ( 25 अप्रैल 2018 तक)
➣➣ दिसम्‍बर 2016 में जीरो-बैलेंस जन धन खातों की हिस्‍सेदारी घटकर 24 प्रतिशत रह गई, जो दिसम्‍बर 2014 में 73 प्रतिशत थी
➣➣ बैंकों द्वारा 1.26 लाख से अधिक बैंक-मित्र नियुक्‍त किए गए
➣➣ 2.5 लाख ग्राम-डाक-सेवक बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट के रूप में काम करेंगे
जन सुरक्षा योजनाएं  -
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना -
➤➤ प्रधानमंत्री द्वारा 09 मई, 2015 को कोलकाता में शुभारंभ किया गया
➤➤ सिर्फ 12 रुपये के सालाना प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा
➤➤ दुर्घटना के कारण मृत्‍यु पर जोखिम कवरेज का प्रावधान
➤➤ फरवरी, 2018 तक 13 करोड़ 25 लाख लोगों का व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा किया गया
प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना -


➤➤ प्रधानमंत्री ने 09 मई, 2015 को कोलकाता में इसका शुभारंभ किया


➤➤ केवल 330 रुपये के सालाना प्रीमियम के भुगतान पर दो लाख रुपये का जीवन बीमा का लाभ


➤➤ फरवरी, 2018 तक प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना से 5.22 करोड़ परिवारों को  लाभ मिला।
अटल पेंशन योजना -
➤➤ प्रधानमंत्री ने 09 मई, 2015 को कोलकाता में इस योजना की शुरुआत की
➤➤ अंसगठित क्षेत्र पर ध्‍यान केन्द्रित
➤➤ 5 जनवरी, 2018 तक लगभग 80 लाख लोग अटल पेंशन योजना से जुड़े।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना -
➤➤ प्रधानमंत्री द्वारा नववर्ष 2017 पर घोषित इस योजना की शुरुआत वित्‍त मंत्री द्वारा 21 जुलाई 2017 को की गयी।
➤➤ वृद्ध जनों को सामाजिक सुरक्षा देने की महती योजना।
➤➤ 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए।
➤➤ योजना के तहत 8 प्रतिशत सालाना ब्‍याज दर से दस वर्षों तक के लिए पेंशन सुनिश्चित,
➤➤ चार मई 2017 से 3 मई 2018 तक लागू इस योजना को अब दो साल और बढ़ाकर 31 मई, 2020 तक लागू रखा जाएगा।
➤➤ योजना के तहत निवेश राशि की सीमा जो शुरूआत में 7.5 लाख रूपये थी उसे दोगुना  बढ़ाकर 15 लाख रूपए किया गया है।
➤➤ अब वरिष्ठ नागरिक 10000 रूपए तक की पेंशन पा सकेंगे
➤➤ मार्च 2018 तक 2.23लाख वरिष्‍ठ नागरिक इस योजना का लाभ ले चुके हैं
डी.बी.टी -
➥ देशभर में लागू किया गया 09 मई, 2018.,
➥ इसके तहत 435 योजनाओं में अब नकद राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होती है।
पहल (प्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरित लाभ : एलपीजी उपभोक्‍ताओं के लिए प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण (डीबीएलटी) योजना) -
➥ 54 जिलों में 15 नवम्बर, 2014 को इसकी शुरुआत की गई, जिसे 1 जनवरी, 2015 से 622 और जिलों में लागू किया गया।
➥ विश्‍व की सबसे बड़ी नकद लाभ अंतरण योजना के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में स्‍थान मिला।
➥ 23 मार्च, 2018 तक 20.14 करोड़ से अधिक एलपीजी उपभोक्‍ता पहल योजना में शामिल हुए।
➥ 7 मई 2018 तक पहल योजना से 20 54 करोड़ से ज्‍यादा एलपीजी उपभोक्‍ता जुड़े
➥ विश्‍व का सबसे बड़ा नकद अंतरण कार्यक्रम।
➥ अब तक 72537 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में सीधे लाभार्थियों के खातों में हस्‍तांतरित किये गये हैं।
➥ 2014-17 के दौरान सब्‍सिडी के रूप में 29,446 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई।
गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा (खाद्य और सार्वजनिक वितरण) -
➥ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) का देश भर में विस्‍तार कि‍या गया
➥ अब 80.72 करोड़ लोगों को 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल मिलता है (27 मार्च 2018 तक)
➥ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को सभी 36 राज्‍यों / केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है, जबकि मई 2014 में केवल 11 राज्‍यों में ही लागू था।
प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना -
➥ बीपीएल परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्‍शन देने के लिए प्रधानमंत्री ने 01 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में इस योजना की शुरुआत की
➥ 6 मई 2018 तक 3.78 करोड़ से अधिक नए एलपीजी कनेक्‍शन दिए गए। इनमें से 30.5 प्रतिशत और 13.3 प्रतिशत कनेक्‍शन क्रमश: अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए दिए गए
➥ पूरे देश में इस योजना का विस्‍तार करके अब इसे 712 जिलों में लागू किया गया है
➥ चार सालों में (2016 से 2020 तक) 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य
➥ योजना का दायरा बढ़ाया गया - प्रधानमंत्री आवास योजना और अंत्‍योदय योजना के सभी अनुसूचित जाति और जनजात‍ि के लाभार्थियों के लिए तथा वन क्षेत्रों में रहने वालों, पिछडी जातियों और चाय बागानों में कार्यरत लोगों तथा द्वीपों में बसे जनजातियो को भी इसका लाभ मिलेगा।
➥ एलपीजी कवरेज: वर्ष 2016-17 के दौरान 3.31 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्‍शन दिए गए हैं और 2017-18 के दौरान 2.82 करोड़ से अधिक नए एलपीजी कनेक्‍शन दिए गए हैं। 01 मार्च, 2018 तक, राष्‍ट्रीय एलपीजी कवरेज बढ़कर 79.9 प्रतिशत हो गया जबकि 1 जनवरी, 2016 को यह 61 प्रतिशत‍ था

महात्‍मागांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम –
➲ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (या, एनआरईजीए 42, बाद में इसे “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम एमजीएनआरईजीए के नाम से बदल दिया गया), एक भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसका उद्देश्य’ कार्य करने का अधिकार ‘है।
➲ इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की रोज़गार प्रदान करने के लिए हर परिवार के लिए है, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल मैनुअल काम करते हैं।
➲ अधिनियम पहली बार पी.व्ही. द्वारा 1991 में प्रस्तावित किया गया था। नरसिंह राव 2006 में, इसे संसद में अंत में स्वीकार किया गया और भारत के 625 जिलों में कार्यान्वित किया गया। इस पायलट अनुभव के आधार पर, एनआरईजीए को 1 अप्रैल, 2008 से भारत के सभी जिलों में शामिल करने के लिए तैयार किया गया था। इस क़ानून को सरकार द्वारा “दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक कार्य कार्यक्रम” कहा जाता है। विकास रिपोर्ट 2014, विश्व बैंक ने इसे “ग्रामीण विकास का तारकीय उदाहरण” कहा
➲ 2018-19 में महात्‍मा गांधी नरेगा के लिए अब तक का सर्वाधिक आवंटन 55,000 करोड़ रुपये किया गया।
➲ महात्‍मा गांधी नरेगा मजदूरों के लिए पारिश्रमिक का भुगतान 86 प्रतिशत मामले में 15 दिनों के भीतर किया जा रहा है जबकि वर्ष 2015-16 में यह केवल 37 प्रतिशत था और 2016-17 में 42 प्रतिशत था, जो बजटीय अनुमान के चरण में महात्‍मा गांधी नरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि के कारण संभव हुआ।
➲ 2016-17 में राज्‍य की हिस्‍सेदारी सहित कुल व्‍यय 58,063 करोड़ रुपए और 2017-2018 में 64,288 रूपये रहा, जो योजना की शुरुआत के बाद से सर्वाधिक है।
➲ वित्त वर्ष 2016-17 में महिलाओं की भागीदारी 56 फीसदी थी,जो इस कार्यक्रम की शुरुआत से लेकर अब तक महिलाओं की सर्वाधिक भागीदारी रही।
➲ वर्ष 2017-18 के लिए 5 लाख खेत तालाब बनाने का लक्ष्य था जिनमें से 4.93 लाख खेत तालाबों का काम पूरा हो चुका है।
➲ डीबीटी के जरिये मनरेगा श्रमिकों के 96 प्रतिशत से भी अधिक मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है और मजदूरों को समय पर मजदूरी के 85 प्रतिशत हिस्‍से का भुगतान किया जा रहा है।
➲ वित्‍त वर्ष 2016-17 में महात्‍मा गांधी नरेगा परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग शुरू हुई। अब तक 3.40 करोड़ परिसंपत्तियों में से 2.9 करोड़ परिसंपत्तियों को जियो टैग किया गया है।
भारतीय डाक भुगतान बैंक -
➲ भारतीय डाक भुगतान बैंक भारतीय डाक भुगतान बैंक (इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक) का शुरुआत 1 सितम्बर, 2018 को देश के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया । इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक भारत सरकार के डाक विभाग और संचार मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसमें उसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी है। गांव-गांव तक बैंकिंग के प्रसार के लिए भारतीय डाक सेवा (इंडियन पोस्ट ऑफिस) के माध्यम से एक नई बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत की गई जिसे 'भारतीय डाक भुगतान बैंक' (इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक) के रूप में जाना जाता है । इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के जरिये भारत सरकार, देश के कोने-कोने में बैंकिंग सुविधा मुहैया करवा पायेगी साथ ही किसानों तथा गाँवो में रहने वाले लोगो की अर्थ-व्यवस्था को उन्नत बनाने के लिए सहायता करेगी ।
➲ गरीबों और बैंकिंग सुविधाओं से वंचित लोगों को उनके घर पर ही बैंकिंग प्रणाली उपलब्‍ध करायेगा,
➲ 2.5 लाख से अधिक ग्राम डाक सेवकों को बैंकिंग कॉरेसपोंडेंट के रूप में काम करने का अवसर मिल सकता है,
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम -
➲ PMEGP खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा 15 अगस्त 2008 से शुरू की गयी है
उद्देश्‍य - नए स्‍वरोजगार उद्यम/परियोजनाएं/लघु उद्यम की स्‍थापना के जरिए देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में ही रोजगार के अवसर पैदा करना
➲ बड़े पैमाने पर अवसाद ग्रस्‍त पारम्‍परिक दस्‍तकारों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को साथ लाना और जितना संभव हो सके, उनके लिए उसी स्‍थान पर स्‍वरोजगार का अवसर उपलब्‍ध कराना
➲ देश में बड़े पैमाने पर पारम्‍परिक और संभावित दस्‍तकारों और ग्रामीण एवं शहरी बेरोजगार युवाओं को निरंतर और सतत रोजगार उपलब्‍ध कराना ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की तरफ जाने से रोका जा सके
➲ दस्‍तकारों की रोजाना आमदनी क्षमता को बढ़ाना और ग्रामीण व शहरी रोजगार दर बढ़ाने में में योगदान देना।
➲ इसकी शुरुआत से लेकर कुल 4.47 लाख सूक्ष्‍म उद्यमों को 9326.01 करोड़ रुपए की सब्सिडी राश‍ि देकर सहायता की गई है।
➲ 2017-18 तक लगभग 37.32 लाख लोगों (31 नवम्‍बर, 2017 तक) को रोजगार प्रदान किया गया है।
01 जुलाई, 2016 से एक ऑनलाइन पीएमईजीपी ई-पोर्टल शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्रीगरीब कल्‍याण योजना -
➠ इसकी शुरुआत 2016 में हुई। इसके लिए सरकार ने 31 मार्च 2017 तक का समय दिया था। साथ ही इस योजना के तहत सिर्फ एक बार ही पैसा जमा किया जा सकता है।
➠ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसमें भ्रष्ट लोगों के बैंकों में जमा कराए जाने वाले काले धन को सरकार गरीबों के विकास में लगाएगी। वास्तव में ये योजना सरकार ने उन (भ्रष्ट) लोगों के लिए शुरू की है जिनके पास अघोषित संपत्ति है। ऐसे लोग इस योजना के तहत गरीब कल्याण योजना में पैसे जमा कर सकते हैं।
परियोजना विफल - यह परियोजना को आर्थिक विशेषज्ञ विफल मानते हैं क्योंकि बहुत कम लोगों ने इसे अपनाया और राजस्व सचिव हसमुख आधिया के अनुसार इससे केवल 5,000 करोड़ रुपियों ही की घोषणा हो सकी है।
➠ प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना के तहत 21,000 लोगों ने 4900 करोड़ रुपए की घोषणा की, जिसपर कर के रूप में 2451 करोड़ रुपए वसूल किये गये।

कामगारों को उनका सही हक -
➠ कृषि और गैर-कृ‍षि दोनों ही क्षेत्रों में न्‍यूतम मजदूरी में 42 प्रतिशत वृद्धि।
सातवां वेतन आयोग : 50 लाख कर्मचारियों और 35 लाख पेंशन भोगियों को लाभ
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2016 से ग्रैच्‍यूटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गयी। वेतन वृद्धि और मुद्रास्‍फीति को ध्‍यान में रखते हुए निजी क्षेत्र के कर्मचारियो के लिए भी यह सीमा बढ़ाई गयी।
➠ कपड़ा तथा चमड़ और फुटवीयर उद्योग में लगाए गए नए कर्मचारियों के लिए सरकार द्वार ईपीएफ में योगदान की सीमा तीन साल के लिए 12 प्रतिशत की गयी
➠ बोनस भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2015 बोनस भुगतान के लिए पात्रता सीमा 10 हजार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 21 हजार रुपये प्रति माह
श्रम सुविधा पोर्टल : श्रमिकों को अनूठी पहचान संख्‍या का आवंटन, प्रतिष्‍ठानों का ऑनलाइन पंजीकरण
श्रमिकों की स्‍थायी पहचान देने के लिए अनूठी पहचान संख्‍या का आवंटन किया गया। ईपीएफओ ने 12 करोड़ यूएएन जारी किये, जिनमें से 3 करोड़ को मोबाइल फोन के जरिए सक्रिय किया गया है (31 मार्च, 2017 तक) डिजिटल तौर पर स्‍वीकृत केवाईसी विवरणों की संख्‍या 7.5 करोड़ है।
➠ कुछ खास उद्यागों को रिटर्नों, श्रमिक पंजीकरण, निरीक्षण आदि से रियायत देने के उद्देश्‍य से श्रम कानूनों में संशोधन
➠ कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन करके महिलाओं के लिए रात कीशिफ्ट, ओवरटाइम का समय बढ़ाने को मंजूरी
➠ अधिक संख्‍या में प्रशिक्षु सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से अप्रेंटिस अधिनियम, 1961 में संशोधन, वजीफे को न्‍यूनतम मजदूरी से जोड़ा गया
मातृत्‍व लाभ (संशोधन) अधिनियम 2017 : भुगतान सहित मातृत्‍व अवकाश को 12 सप्‍ताह से बढ़ाकर 26 सप्‍ताह क‍िया गया। पहली बार कमिशनिंग और गोद लेनेवाली माताओं, दोनों के लिए 12 सप्‍ताह के भुगतान सहित मातृत्‍व अवकाश का प्रावधान किया गया है। इस अधि‍नियम से लगभग 18 लाख महिला कर्मचारियों को लाभ मिला है। 
बाल श्रमिक (निषेध और नियमन) संशोधन नियमावली, 2017 : 14 वर्ष से कम उम्र के बच्‍चे के जोखिमपूर्ण पेशे में रोजगार पर पूर्ण प्रतिबंध और किशोर (14-18) के रोजगार को निषेध किया गया है।
➠ बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना के तहत महिलाओं और बच्‍चों के लिए वित्‍तीय मदद एक लाख रूपए से बढ़ाकर दो लाख रूपए तथा विशेष श्रेणी के लिए यह राशि तीन लाख रूपए की गयी।
मजदूरी का भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2017 : नियोक्‍ता अपने कर्मचारियों के लिए मजदूरी का भुगतान नकद अथवा चेक द्वारा अथवा उनके बैंक खाते में राशि जमा करके भुगतान कर सकते हैं।
➠ पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र शूरू किया गया।
➠ केवल एक बैंक यानि भारतीय स्‍टेट बैंक के स्‍थान पर, स्‍थापनाओं के पास अब 13 बैंकों के माध्‍यम से सीधा-सीधा भुगतान करने का विकल्‍प है।
➠ बीड़ी, सिने और गैर-कोयला खनन कामगारों के लिए आवास सब्सिडी को 40,000 रुपए से बढ़ाकर 1,50,000 रुपए किया गया है।
➠ वस्‍तुओं और सेवाओं के मानदंडों में सुधार के लिए वीआईएस कानूनों में बदलाव किए गए हैं।
राष्‍ट्रीय आजीविका सेवा परियोजना : नियोक्‍ताओं, प्रशिक्षकों और बेरोजगार लोगों को एक मंच पर लाना, 28 फरवरी, 2018 तक 4.10 करोड़ रोजगार के इच्‍छुक लोगों, 14.87 लाख नियोक्‍ताओं का पंजीकरण किया गया तथा 8.43 लाख रिक्तियां तैयार की गई, एनसीएस पोर्टल पर 3151 आ‍जीविका परामर्शदाता पंजीकृत हैं।
जननी सुरक्षा योजना -
➠ जननी सुरक्षा योजना(Janani Suraksha Yojana) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित योजना है जिसका प्रारंभ 2005 में किया गया। इसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को संस्थागत प्रसूति कराने के लिए एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रसव अस्पताल में अथवा प्रशिक्षित दाई द्वारा किया जाना चाहिए। शत प्रतिशत केंद्र प्रायोजित इस योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संस्थागत सुविधा प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी के पास एमसीएच कार्ड के साथ-साथ जननी सुरक्षा योजना कार्ड भी होना जरूरी है।
➠ आशा अथवा कोई अन्य सुनिश्चित संपर्क कार्यकर्ता द्वारा ए.एन.एम. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में अनिवार्य रूप से प्रसव की व्यवस्था करना आवश्यक है। इससे गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य जाँच और प्रसव के बाद देखभाल और निगरानी करने में सहायता मिलती है।
➠ देश में अस्‍पताल में प्रसव के मामले 47 प्रतिशत (डीएलएचएस-3, 2007-08) से बढ़कर 78.9 प्रतिशत (डीएलएचएस-3, 2015-16)  हो गए।
दीन दयाल उपाध्‍यायग्राम ज्‍योतियोजना -
25 जुलाई, 2015 को योजना की शुरुआत
उद्देश्‍य - ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी विद्युतिकरण। गुणवत्‍ता युक्‍त विश्‍वसनीय बिजली आपूर्ति सुविधा। हर घर में बिजली पहुंचान का लक्ष्‍य।
➠ 31 दिसंबर, 2017 तक 43,004.60 करोड़ रुपये की सब्सिडी के साथ ही 47,671.97 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।
स्थिति : अप्रैल, 2015 बिजली से वंचित गांवों की संख्‍या 18,452
597464 गांवो ( 100 फीसदी) में बिजली पहुंचायी गयी।

साभार - पी आइ बी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Pages