अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस -
सम्पूर्ण विश्व की महिलाएँ देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। महिला दिवस पर स्त्री की प्रेम, स्नेह व मातृत्व के साथ ही शक्तिसंपन्न स्त्री की मूर्ति सामने आती है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) हर वर्ष '8 मार्च' को विश्वभर में मनाया जाता है।
उद्देश्य - यह दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक तरक़्क़ी दिलाने व उन महिलाओं को याद करने का दिन है जिन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अथक प्रयास किए।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2019 का विषय (थीम) – “समान सोचें, स्मार्ट बनाएं, बदलाव के लिए नया करें” “Think equal, build smart, innovate for change”
महिला दिवस मनाने की मान्यता 1975 में दी गयी, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाना तय किया। और अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी - 'सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर' यानि "अतीत का उत्सव और भविष्य की योजना"।
पहली बार सन् 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका द्वारा पूरे अमेरिका
में 28 फ़रवरी को महिला दिवस मनाया गया था। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल
द्वारा कोपेनहेगन में महिला दिवस की स्थापना हुई। 1911 में ऑस्ट्रिया,
डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में लाखों महिलाओं ने रैली निकाली। इस
रैली में मताधिकार, सरकारी नौकरी में भेदभाव खत्म करने जैसे मुद्दों की
मांग उठी।
आख़िर 8 मार्च को ही अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों ?
ये सवाल तो सबके ज़हन में भी उठता ही होगा कि आख़िर 8 मार्च को ही अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल, क्लारा ज़ेटकिन ( अमेरिका की महिला सामाजिक कार्यकर्ता) ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख़ पक्की नहीं की थी। सन 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने 'ब्रेड एंड पीस' (यानी खाना और शांति) की मांग की। महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था। जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी, वह तारीख़ 23 फ़रवरी थी। ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा।
सम्पूर्ण विश्व की महिलाएँ देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। महिला दिवस पर स्त्री की प्रेम, स्नेह व मातृत्व के साथ ही शक्तिसंपन्न स्त्री की मूर्ति सामने आती है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) हर वर्ष '8 मार्च' को विश्वभर में मनाया जाता है।
उद्देश्य - यह दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक तरक़्क़ी दिलाने व उन महिलाओं को याद करने का दिन है जिन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अथक प्रयास किए।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2019 का विषय (थीम) – “समान सोचें, स्मार्ट बनाएं, बदलाव के लिए नया करें” “Think equal, build smart, innovate for change”
महिला दिवस मनाने की मान्यता 1975 में दी गयी, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाना तय किया। और अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी - 'सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर' यानि "अतीत का उत्सव और भविष्य की योजना"।
आख़िर 8 मार्च को ही अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों ?
ये सवाल तो सबके ज़हन में भी उठता ही होगा कि आख़िर 8 मार्च को ही अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल, क्लारा ज़ेटकिन ( अमेरिका की महिला सामाजिक कार्यकर्ता) ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख़ पक्की नहीं की थी। सन 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने 'ब्रेड एंड पीस' (यानी खाना और शांति) की मांग की। महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था। जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी, वह तारीख़ 23 फ़रवरी थी। ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा।
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