राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस : 4 मार्च., - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस : 4 मार्च.,

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस -
शुरुवात - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) भारत में प्रति वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है। इसी दिन से ही एक सप्ताह तक चलने वाला सुरक्षा अभियान भी शुरू हो जाता है। 4 मार्च, 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी, और इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था।
उद्देश्य - कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।


राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2019 का विषय (थीम) - "बिल्डिंग नेशन के लिए सेफ्टी कल्चर एंड सस्टेनेबल कल्चर" “Cultivate and Sustain a Safety Culture for Building Nation”
2018 का राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस / सप्ताह का
विषय (थीम ) - "सुरक्षा और स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्यस्थल पर सकारात्मक व्यवहार को सुदृढ़ करना"
➤ बीसवीं सदी में इसके निवारण के लिए सरकार ने कानून बनाए। भारत में 1948 में कारखाना अधिनियम बना। क्रमश: 1976 तथा 1987 में इसमें अनेक धाराएँ जोड़ी गईं। इस कानूनी प्रावधान से कारखाने के अंदर हमारे कार्य व्यवहार में परिवर्तन हुआ।


यह हमारी वैधानिक एवं नैतिक जिम्मेदारी है। आजकल हर स्तर के कर्मचारी के लिए आवश्यकतानुसार सुरक्षा-प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है। प्रशिक्षण के माध्यम से काम की जानकारी देना, सुरक्षा के प्रति जागरुकता पैदा करना और कर्मचारियों के चिंतन और व्यवहार में परिवर्तन लाना यह एक कठिन कार्य है। भले ही उन्हें जानकारी मिल जाती है, लेकिन मनोवृत्ति में परिवर्तन उतना आसान नहीं। इसलिये प्रशिक्षण या शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है। इसे निरंतर चलाते रहना होगा। लेकिन त्रुटि करने की प्रवृत्ति मानसमें बनी रहती है। कारण यह है कि परिस्थितियाँ एवं पूर्व संचित संस्कारकर्मचारी को प्रभावित करते रहते हैं।

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