अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : 21 फरवरी., - Study Search Point

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अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : 21 फरवरी.,

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अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) -
तिथि - 21 फरवरी, अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति - 17 नवंबर, 1999 को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी।
उद्देश्य - विश्व में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा देना।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2019 का विषय (थीम) - चूंकि 2019 अंतर्राष्ट्रीय स्वदेशी भाषाओं का वर्ष है, इसलिए इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का विषय - "विकास, शांति और मेल-मिलाप के कारक के रूप में स्वदेशी भाषाएँ"
विशेष -
यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र संघ की एक इकाई है। 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)' इसकी स्थापना का मकसद शिक्षा, संस्कृति और विज्ञान के प्रचार-प्रसार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति, विकास और संबंधों को बढ़ावा देना है। यूनेस्को के सदस्य राष्ट्रों की कुल संख्या 195 है। इसके सात सहयोगी सदस्य और दो पर्यवेक्षक देश हैं।
स्थापना - 16 November 1945, London, United Kingdom  मुख्यालय - Paris, France ..,

इमेज : @अमर उजाला न्यूज़
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास -
यूनेस्को द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आन्दोलन दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली, जो बांग्लादेश में सन 1952 से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। 2008 को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को फिर महत्त्व दिया था।
आधुनिक परिदृश्य में -

भारतीय संविधान निर्माताओं की आकांक्षा थी कि स्वतंत्रता के बाद भारत का शासन अपनी भाषाओं में चले ताकि आम जनता शासन से जुड़ी रहे और समाज में एक सामंजस्य स्थापित हो और सबकी प्रगति हो सके। इसमें कोई शक नहीं कि भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर है। पर यह भी सच है कि इस प्रगति का लाभ देश की आम जनता तक पूरी तरह पहुंच नहीं पा रहा है। इसके कारणों की तरफ़ जब हम दृष्टि डालते हैं तो पाते हैं कि शासन को जनता तक उसकी भाषा में पहुंचाने में अभी तक क़ामयाब नहीं हैं, यह एक प्रमुख कारण है। जब तक इस काम में तेज़ी नहीं आती तब तक किसी भी क्षेत्र में देश की बड़ी से बड़ी उपलब्धि और प्रगति का कोई मूल्य नहीं रह जाता। अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अंग्रेज़ी के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। किन्तु वैश्‍विक दौड़ में आज हिन्दी कहीं भी पीछे नहीं है। यह सिर्फ़ बोलचाल की भाषा ही नहीं, बल्कि सामान्य काम से लेकर इंटरनेट तक के क्षेत्र में इसका प्रयोग बख़ूबी हो रहा है। हमें यह अपेक्षा अवश्य है कि 'क' क्षेत्र के शासकीय कार्यालयों में सभी कामकाज हिन्दी में हो। ’ख’ और ’ग’ क्षेत्र में भी निर्धारित प्रतिशत के अनुसार हिन्दी का प्रयोग होता रहे।


➤ भारत में 29 भाषाएं ऐसी हैं उनको बोलने वालों की संख्या 1000000 (दस लाख) से ज्यादा है।
➤ भारत में 7 भाषाएं सी बोली जाती है जिनको बोलने वालों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है।
➤ भारत में 122 ऐसी भाषाएं हैं जिनको बोलने वालों की संख्या 10000 (दस हजार)से ज्यादा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है। दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसद लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है।
➤ दुनिया में अगले 40 साल में चार हजार से अधिक भाषाओं के खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। भारत विविध संस्कृति और भाषा का देश रहा है। 1961 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिलहाल 1365 मातृभाषाएं हैं, जिनका क्षेत्रीय आधार अलग-अलग है। अन्य मातृभाषी लोगों के बीच भी हिंदी दूसरी भाषा के रूप में लोकप्रिय है।
➤ छोटे भाषा समूह जब एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसते हैं तो वे एक से अधिक भाषा बोलने-समझने में सक्षम हो जाते हैं। 43 करोड़ लोग देश में हिंदी बोलते हैं, इसमें 12 फीसद द्विभाषी है। 82 फीसद कोंकणी भाषी और 79 फीसद सिंधी भाषी अन्य भाषा भी जानते हैं। हिंदी मॉरीशस, त्रिनिदाद-टोबैगो, गुयाना और सूरीनाम की प्रमुख भाषा है। फिजी की सरकारी भाषा है।
➤ हाल ही में जारी जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक भारत में जिनकी मातृभाषा हिंदी या बांग्ला है, उनमें बहुभाषियों की संख्या कम है। 43 करोड़ हिंदी भाषी में 12 फीसद लोग द्विभाषी हैं और उनकी दूसरी भाषा अंग्रेजी है। जबकि बांग्ला बोलने वाले 9.7 करोड़ लोगों में 18 फीसद द्विभाषी हैं। हिंदी और पंजाबी के बाद बांग्ला भारत में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। देश में 14 हजार लोगों की मातृभाषा संस्कृत है।

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