अंतरिम बजट-2019-20 की मुख्य बातें -
केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और
कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए
आज पेश किए गए अंतरिम बजट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं : -
नई घोषणाएं : -
➥ किसान
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दो हेक्टेयर तक की
जोत वाले सभी सीमांत किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की
प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता 2000 रुपये की तीन
बराबर किस्तों में लाभार्थी किसान के बैंक में सीधे हस्तांतरित कर दी जाएंगी।
इससे 12
करोड़ छोटे और
सीमांत किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम से 75,000 करोड़ का
वार्षिक व्यय होगा।
- संशोधित अनुमान 2018-19 में अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये
के साथ वित्त वर्ष 2019-20
में 75,000 करोड़ रुपये
का व्यय।
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन को बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये
किया गया।
- गऊ संसाधनों के अनुवांशिक उन्नयन को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया जाएगा।
- 1.5
करोड़ मछुआरों
के कल्याण के लिए अलग मत्स्य पालन विभाग।
- पशुपालन और मछली पालन कार्यों में लगे किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज
सब्सिडी का लाभ,
इसके अतिरिक्त
ऋण का समय पर भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत
अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी।
➥ श्रम
- प्रधान श्रम योगी मानधन योजना में असंगठित श्रेत्र के 10 करोड़
कामगारों के लिए निश्चित मासिक पेंशन। केवल 100/55 रुपये का
प्रति माह अंशदान देने पर 60 वर्ष की उम्र के बाद प्रति माह 3000 रुपये की
निश्चित मासिक पेंशन।
➥ स्वास्थ्य
- 22वां अखिल
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान हरियाणा में स्थापित किया जाएगा।
➥ मनरेगा
- मनरेगा के लिए 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये
का आवंटन।
➥ प्रत्यक्ष
कर संबंधी प्रस्ताव
- 5
लाख रुपये तक
की आय को आयकर से छूट।
- मध्यम वर्ग के 3 करोड़ करदाताओं के लिए 23,000 करोड़ रुपये
से अधिक की कर राहत।
- मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया।
- बैंक/डाकघरों में जमा धनराशियों से अर्जित ब्याज पर टीडीएस की सीमा 10,000 रुपये से
बढ़ाकर 40,000
रुपये की जा
रही है।
- आयकर की वर्तमान दरें जारी रहेंगी।
- अपने कब्जे वाले दूसरे घर पर अनुमानित किराये में कर छूट।
- आवास और रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा।
- किराये पर स्रोत पर कर (टीडीएस) की कटौती की सीमा 1,80,000 रुपये से
बढ़ाकर 2,40,000
करने का
प्रस्ताव।
- पूंजीगत लाभ के पुनर्निवेश पर मिलने वाली छूट का दायरा 2 करोड़ रुपये
तक के पूंजीगत लाभ अर्जित करने वाले करदाताओं के लिए एक आवासीय मकान से दो
आवासीय मकान तक बढ़ाया जाएगा।
- सस्ते आवास के लिए कर लाभ की अवधि अब आयकर कानून की धारा 80-आईबीए के
अंतर्गत 31
मार्च, 2020 तक बढ़ाई जा
रही है।
- बिना बिकी संपत्ति के अनुमानित किराये पर आयकर की छूट एक वर्ष से
बढ़ाकर दो वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया।
➥ राजकोषीय
कार्यक्रम
- वर्ष 2019-20
में राजकोषीय
घाटा जीडीपी का 3.4
प्रतिशत।
- राजकोषीय घाटे को 3 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य 2020-21 तक हासिल किया
जाएगा।
- राजकोषीय घाटे को 2018-19 आरई में घटाकर 3.4 प्रतिशत तक
लाया जाएगा,
जो 7 वर्ष पूर्व
करीब 6
प्रतिशत था।
- वर्ष 2019-20
में कुल व्यय
को 13
प्रतिशत से
अधिक तक बढ़ाकर 27,84,200
करोड़ रुपये
पर लाया जाएगा।
- वर्ष 2019-20
के लिए
पूंजीगत व्यय 3,36,292
करोड़ रुपये
होने का अनुमान है।
- केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के लिए आवंटन वर्ष 2019-20 में बढ़कर 3,27,679 करोड़ रुपये
होगा।
- राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए वर्ष 2019-20 में आवंटन
करीब 20
प्रतिशत
बढ़ाकर 38,572
करोड़ रुपये
किया गया।
- एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के लिए आवंटन 18 प्रतिशत से
अधिक बढ़ाकर 27,584
करोड़ रुपये
किया गया।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटन में पर्याप्त
वृद्धि-
- अनुसूचित जाति के लिए आवंटन में 35.6 प्रतिशत की
वृद्धि कर इसे 76,801
करोड़ रुपये
किया गया,
जो 2018-19 में 56,619 करोड़ रुपये
था।
- अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटन में 28 प्रतिशत की
वृद्धि कर 2019-20
में इसे 50,086 करोड़ रुपये
कर दिया गया है,
जबकि 2018-19 में यह 39,135 करोड़ रुपये
था।
- सरकार को विश्वास है कि वह 80 हजार करोड़ को
विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर लेगी।
- राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रम के साथ ऋण समेकन पर विशेष ध्यान।
➥ गरीब और
पिछड़ा वर्ग
- देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों काः वित्त मंत्री
- गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को पूरा करने के लिए शिक्षण
संस्थानों में 25
प्रतिशत
अतिरिक्त सीटें।
- शहरों और गांव के बीच की खाई को पाटने और गांवों में जीवन की
गुणवत्ता में सुधार के लिए लक्षित व्यय।
- सभी इच्छित परिवारों को मार्च 2019 तक बिजली के
कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।
➥ पूर्वोत्तर
- 2018-2019
के बजट
अनुमानों की तुलना में 2019-20 बजट अनुमानों में 21 प्रतिशत तक की
वृद्धि करते हुए आवंटन को 58,166 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जायेगा।
- अरूणाचल प्रदेश ने हाल ही में वायु मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज
की।
- मेघालय,
त्रिपुरा और
मिजोरम ने पहली बार भारत के रेल मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज की।
- ब्रह्मपुत्र नदी की उन्नत नौवहन क्षमता के माध्यम से कंटेनर कार्गों
का आवागमन।
➥ वंचित वर्ग
- सभी शेष गैर-अधिसूचित घुमन्तू और अर्द्ध-घुमन्तू जन-जातियों की
पहचान के लिए नीति आयोग के अंतर्गत एक नई समिति।
- गैर-अधिसूचित घुमन्तू और अर्द्ध-घुमन्तू जन-जातियों के विकास और
कल्याण के लिए समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक नवीन कल्याण
विकास बोर्ड।
➥ रक्षा
- रक्षा बजट में पहली बार 3,00,000 करोड़ रुपये
के आंकड़े को पार किया।
➥ रेल
- बजट से 2019-20
(अनुमानों) में
64,587
करोड़ रुपये
की पूंजीगत सहायता का प्रस्ताव किया गया।
- समग्र पूंजी व्यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये
किया गया।
- संचालन अनुपात के वर्ष 2017-18 98.4 प्रतिशत से 2018-19 के 96.2 प्रतिशत और 2019-20 (बजट अनुमानों)
में 95
प्रतिशत तक
सुधार।
➥ मनोरंजन
उद्योग
- भारतीय फिल्म निर्माता, फिल्मों की
शूटिंग में सहायता के साथ-साथ एकल खिड़की स्वीकृति सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
- स्व-घोषणा पर और अधिक भरोसे के लिए नियामक प्रावधान।
- चोरी पर नियंत्रण करने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में
एंटी-कैमकॉर्डिंग प्रावधान की प्रस्तुति।
➥ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं व्यापारी
- जीएसटी पंजीकृत एसएमई उद्यमों के लिए एक करोड़ रुपये के वृद्धिशील
ऋण पर ब्याज में 2
प्रतिशत की
छूट।
- सरकारी उपक्रमों में 25 प्रतिशत में
से कम से कम 3
प्रतिशत महिला
स्वामित्व वाले लघु और मध्यम उद्यमों के लिए होगा।
- आंतरिक व्यापार पर अधिक ध्यान देते हुए डीआईपीपी को उद्योग और
आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग का नाम दिया गया।
➥ डिजिटल
ग्राम
- सरकार अगले पांच वर्षों में 1 लाख ग्रामों
को डिजिटल ग्रामों में परिवर्तित करेगी।
➥ अन्य
घोषणाएं
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम की सहायता के लिए एक
नवीन राष्ट्रीय आर्टिफिशियल पोर्टल का गठन।
वर्ष 2014-19
के दौरान उपलब्धियां
➥अर्थव्यवस्था की
स्थिति
- भारत ने पिछले पांच वर्षों के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक
मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर सार्वभौगिक पहचान बनाई।
- वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-19 के दौरान देश
बृहत-आर्थिक स्थिरता के अपने सर्वश्रेष्ठ दौर का साक्षी बना।
- 2013-14
के 11वीं सबसे बड़ी
अर्थव्यवस्था से अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
- वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2009-14 के दौरान की
उच्च मुद्रा स्फीति को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाया।
- किसी भी अन्य सरकार की तुलना में औसत मुद्रा स्फीति घटकर 4.6 प्रतिशत पर
पहुंची।
- दिसंबर 2018
में मुद्रा
स्फीति सिर्फ 2.19
प्रतिशत पर
पहुंची।
- 7
वर्ष पूर्व
करीब 6
प्रतिशत की
उच्च दर से 2018-19
में वित्तीय
घाटा घटकर 4.6
प्रतिशत तक
पहुंचा।
- सीएडी के 6
वर्ष पहले की
उच्च 5.6
प्रतिशत की
तुलना में इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के मात्र 2.5 प्रतिशत रहने
की संभावना है।
- पिछले 5
वर्षों के
दौरान भारत ने 239
बिलियन डॉलर
के व्यापक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया।
- वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने विकास और
समृद्धि के पथ पर दृढ़ता पूर्वक वापसी की।
- भारत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से उभरने
वाली अर्थव्यवस्था बना।
- मुद्रा स्फीति को दो अंकों पर रोका गया और वित्तीय संतुलन बहाल किया
गया।
- स्वचालित माध्यम से सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वीकृति
देते हुए एफडीआई नीति में उदारीकरण किया गया।
➥ कृषक
- सभी 22
फसलों के लिए
न्यूनतम 50
प्रतिशत एमएसपी
सुनिश्चित किया गया।
- पिछले पांच वर्षों में ब्याज छूट को दोगुना किया गया।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड नीम कोटिड यूरिया कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व
साबित हुआ।
➥ श्रमिक
- रोजगार अवसरों का विस्तार किया गया, ईपीएफओ
सदस्यता 2
करोड़ तक
बढ़ी।
- पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक श्रेणी के श्रमिकों के लिए न्यूनतम
आय 42
प्रतिशत तक
बढ़ी।
➥ गरीब और
पिछड़े वर्ग
- शैक्षणिक संस्थाओं और नौकरियों में गरीबों के लिए 10 प्रतिशत
आरक्षण।
- सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को निःशुल्क बिजली
कनेक्शन।
- करीब 50
करोड़ लोगों
के लिए विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, आयुष्मान
भारत।
- 115
सर्वाधिक
पिछड़े जिलों में विकास के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम।
- गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सस्ता खाद्यान हेतु 2018-19 के दौरान 1,70,000 करोड़ रुपये
व्यय किये हैं।
- गरीब और मध्यम वर्ग एलईडी बल्बों के कारण बिजली के बिलों में
प्रतिवर्ष 50,000
करोड़ रुपये
की बचत कर रही है।
- आयुष्मान भारत के अंतर्गत निःशुल्क चिकित्सा से 10 लाख रोगी
लाभांवित हुए।
- जन औषधि केन्द्र गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते मूल्यों पर दवाईयां
उपलब्ध करा रहे हैं।
- वर्ष 2014
में घोषित 21 एम्स में से 14 वर्तमान में
कार्य कर रहे हैं।
- पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सरकार ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण को तीन
गुना किया।
- 2018-2019
के संशोधित
अनुमानों में 15,500
करोड़ रुपये
की तुलना में 2019-20
बजट अनुमानों
में पीएमजीएसवाई के लिए 19,000 करोड़ रुपये।
- 2014-18
के दौरान
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1.53 करोड़ आवासों
का निर्माण।
➥ महिलाओं
के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास
- उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ मुफ्त
एलपीजी गैस कनेक्शन दिए गए, अगले वर्ष तक कुल 8 करोड़ गैस
कनेक्शन हो जाएंगे।
- मुद्रा ऋण का 70 प्रतिशत भाग महिलाओं द्वारा प्राप्त किया
गया।
- मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह किया
गया।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय
सहायता।
➥ युवा
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ से अधिक युवाओं को
प्रशिक्षित किया गया।
- मुद्रा,
स्टैंडअप और
स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से स्वरोजगार पर जोर।
v.
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम तथा
व्यापारी
- अधिकतम एक करोड़ रुपये तक के ऋण एक घंटे से भी कम समय में प्राप्त
किये जा सकते हैं।
- जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के कारण 25 प्रतिशत - 28 प्रतिशत की
औसत बचत।
➥ आयकर
- 5
वर्षों में कर
वसूली लगभग दोगुना होकर 2013-14 की तुलना में 6.38 करोड़ रुपये
से बढ़कर इस वर्ष लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हो गई।
- कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 5 वर्षों में 3.79 करोड़ से
बढ़कर 6.85
करोड़ हो गया।
- कर प्रशासन को सुसंगत बनाया गया – पिछले वर्ष 99.54 प्रतिशत आयकर
रिटर्नों को उसी रूप में स्वीकार किया गया, जैसा दाखिल
किया गया था।
- आयकर दाताओं की सुविधा में सुधार के लिए प्रोद्योगिकी आधारित
परियोजना को मंजूरी दी गई। अगले 2 वर्षों में, रिटर्नों की
प्रक्रिया 24
घंटे में पूरी
की जाएगी और धनवापसी की जाएगी।
- मध्य वर्ग को मिलने वाले पूर्ववर्ती लाभ-
- आधारभूत रियायत सीमा 2 लाख रुपये से
बढ़ाकर 2.5
लाख रुपये की
गई।
- 2.5
लाख रुपये 5 लाख रुपये
वाले कर स्लैब के लिए कर की दर को 10 प्रतिशत से
घटाकर 5
प्रतिशत किया
गया था।
- वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती 40,000 रुपये लागू की
गई थी।
- धारा 80सी के तहत
बचतों की कटौती एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की
गयी।
- खुद रहने में इस्तेमाल होने वाले घर के लिए ब्याज की कटौती को 1.5 लाख रूपये से
बढ़ाकर 2 लाख रुपये
किया गया।
- छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप कारोबारों के लिए विशेष लाभ और
प्रोत्साहन दिए गए।
- सारी प्रक्रिया आसान बनाई गई।
- कारोबार के करारोपण को एक करोड़ रुपये के कारोबार से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये
किया गया।
- छोटे व्यावसायियों के लिए पहली बार करारोपण के लाभ का विस्तार
किया गया और इसके लिए 50 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई।
- कम नगद वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मुनाफा दर को 8 प्रतिशत से
घटाकर 6 प्रतिशत
किया गया।
- लगभग 99
प्रतिशत
कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया
गया।
➥ जीएसटी
- जीएसटी ने भारत को एक साझा बाजार बनाया।
- जीएसटी से कर आधार बढ़ा, अधिक वसूली
हुई और व्यापार में आसानी हुई।
- एक राज्य से दूसरे राज्य में अब आवाजाही में तेजी हुई और यह अधिक
प्रभावकारी बनने के साथ-साथ बाधा मुक्त हुआ।
- कर दरों की उत्तरदायी और संवेदनशील कटौतियां-दैनिक उपयोग की
अधिकांश वस्तुएं अब 0 प्रतिशत या 5 प्रतिशत कर
स्लेब के दायरे में आई।
- व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को राहत –
- छोटे कारोबार के लिए जीएसटी से छूट को 20 लाख से
बढ़ाकर 40
लाख यानि
दोगुना किया गया।
- 1.5 करोड़ रुपये
तक के कुल व्यापार वाले छोटे व्यापारियों को अब केवल 1 प्रतिशत
निर्धारित दर का भुगतान करना होगा और वे केवल एक ही वार्षिक रिटर्न दाखिल
करेंगे।
- 50 लाख रुपये
तक के कुल व्यापार वाले छोटे सेवा प्रदाता कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनकर
18 प्रतिशत से 6 प्रतिशत
जीएसटी का भुगतान कर सकते है।
- जल्दी से 90 प्रतिशत से
अधिक जीएसटी प्रदाता को शामिल करके कारोबार को त्रिमासिक रिटर्न दाखिल करने
की अनुमति होगी।
- जीएसटी राजस्व प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करना- चालू वर्ष के दौरान औसत मासिक कर संग्रह 97,100 करोड़ रुपये प्रति माह है जबकि प्रथम वर्ष में यह राशि 89,700 करोड़ रुपये प्रति माह थी।
➥ बुनियादी ढांचा
➥ नागर विमानन – उड़ान योजना
- संचालित हवाई अड्डों की संख्या 100 से अधिक हुई
- नवीनतम – सिक्किम का पेकयोंग हवाई अड्डा
- घरेलू यात्री यातायात पिछले 5 वर्षों के
दौरान दोगुना हुआ
➥ सड़कें
- भारत दुनिया में सबसे तेज राजमार्ग विकासकर्ता देश है
- रोजाना 27
किलोमीटर
राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है
- रूकी परियोजनाएं पूरी हुई – दिल्ली के चारों और इस्टर्न पैरिफेरल
हाईवे
– असम और
अरूणाचल प्रदेश में बोगीबील रेल एवं सड़क पुल
➥ जल मार्ग
- तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ सागरमाला का फ्लैगशिप कार्यक्रम
- पहली बार कोलकाता और वाराणसी अंतर्देशीय जल मार्गो पर कंटेनर
आवाजाही शुरू हुई
➥रेल
- रेलों के लिए उनके इतिहास का सबसे सुरक्षित वर्ष
- ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित लेवल क्रासिंग समाप्त किए गए
- सेमी हाई स्पीड रेल वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की गई –पहली स्वदेवी
विकसित और निर्मित ट्रेन
➥ जलवायु परिवर्तन
➥ अंतर्राष्ट्रीय
सौर संधि
- नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना
- पहला संधि आधारित अंतर्राष्ट्रीय अंतर सरकारी संगठन जिसका मुख्यालय
भारत में है
- सौर विद्युत उत्पादन क्षमता स्थापित हुई, जिसमें पिछले 5 वर्षों के
दौरान 10
गुनी बढ़ोतरी
हुई
- अब यह लाखों नए युग के रोजगार सृजित कर रहा है,
➥ डिजिटल
इंडिया क्रांति
- नागरिकों को सेवा सुविधा प्रदान करने के लिए 3 लाख से ज्यादा
जन सुविधा केन्द्र (सीएससी)
- मोबाइल डेटा उपयोग में भारत विश्व के अग्रणी देशों में
- पिछले पांच वर्षों के दौरान मोबाइल डेटा के उपयोग में 50 गुनी वृद्धि
- मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मोबाइल और इसके कल-पुर्जे बनाने
वाली कंपनियों की संख्या 2 से बढ़कर 268 हुई, बढ़ी संख्या
से रोजगार के अवसरों का सृजन,
➥ जन
धन-आधार-मोबाइल (जेएम) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण
- पिछले 5
वर्षों के
दौरान लगभग 34
करोड़ जन धन
खाते खोले गए
- आधार सार्वभौमिक रूप से लागू
- गरीब तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके
बैंक खातों में बिचौलियों की भूमिका समाप्त,
➥ सीमा शुल्क
और विदेश व्यापार
- 36 पूंजीगत वस्तुओं
पर सीमा शुल्क समाप्त किया गया
- आयात और निर्यात के लेन-देन का डिजिटलीकरण
- लॉजिस्टिक को बेहतर बनाने के लिए आरएफआईडी तकनीक
➥ भ्रष्टचार
के खिलाफ कदम
- सरकार ने भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने का प्रयास किया, पारदर्शी के
एक नये युग की शुरूआत : वित्त मंत्री
- रेरा और बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम से रियल स्टेट में
पारदर्शिता
- भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 से आर्थिक
अपराधियों की सम्पत्ति को जब्त करने में सहायता मिली
- कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों तथा स्पैक्ट्रम की पारदर्शी नीलामी,
➥ काले धन के
खिलाफ मुहिम
- काला धन कानून, भगोड़ा आर्थिक अपराधी, विमुद्रीकरण
आदि के माध्यम से 1,30,000 करोड़ रुपये
की अघोषित आय टैक्स दायरे में लाई गई
- 6,900 करोड़ रुपये
की बेनामी संपत्ति को जब्त किया गया
- प्रत्यक्ष कर में 18 प्रतिशत की
वृद्धि,
➥ बैंकिंग
सुधार और शोधन अक्षमता व दिवालियापन संहिता (आईबीसी)
- आईबीसी ने समाधान अनुकूल व्यवस्था को संस्थागत रूप दिया
- सरकार ने फोन बैंकिंग की संस्कृति को बंद किया : वित्त मंत्री
- सरकार ने 4 रूपये की व्यवस्था
को अपनाया – पहचान (Recognition), समाधान (Resolution), पुन: पूंजी
प्रदान करना (Re-capitalization)
और (Reforms)
- क्लीन बैंकिंग के लिए सरकार ने कई उपायों को लागू किया
- बैंकों के हित में सरकार ने 3 लाख करोड़
रुपये की ऋण वसूली की
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए सरकार ने 2.6 लाख करोड़
रुपये का निवेश किया,
➥ स्वच्छता
- गांधीजी की 150वीं जयंती की
श्रद्धांजलि के रूप में सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की।
- वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन को एक राष्ट्रीय क्रांति
बनाने के लिए 130 करोड़
भारतीयों को धन्यवाद दिया।
- भारत ने 98 प्रतिशत
ग्रामीण स्वच्छता कवरेज हासिल किया
- 5.45 लाख गांवों
को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया,
➥ रक्षा
- ओआरओपी को सही अर्थों में लागू किया जा रहा है, 35,000 करोड़ रुपये
पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
- मिल्ट्री सर्विस पे में वृद्धि हुई।
➥ अन्य
उपलब्धियां
- सरकार ने भारी-भरकम एनपीए को छिपाने के सवालिया निशान वाले
तौर-तरीकों पर विराम लगा दिया है।
- स्वच्छ भारत मिशन- लोगों के नजरिये में परिवर्तन लाने वाला विश्व
का सबसे बड़ा अभियान
➥ अंतरिम बजट 2019-20 में मुख्य संदेश
- वर्ष 2022
तक ‘नए भारत’
के विजन को साकार करने की दिशा में कदम –
- एक ऐसा स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत जिसमें सभी लोगों को शौचालय, जल और बिजली
सुलभ होगी
- एक ऐसा भारत जिसके किसानों को आमदनी दोगुनी होगी
- युवाओं और महिलाओं के सपनों को साकार करने हेतु उनके लिए व्यापक
अवसर
- एक ऐसा भारत जो आतंकवाद, सम्प्रदायवाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार
और भाई-भतीजावाद से मुक्त होगा,
➥ अगले दश्याक
के लिए विजन
- पिछले पांच वर्षों में भारत की तरक्की और विकास की नींव डाली गई
- अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर की अर्थव्यवस्था
बनने की ओर अग्रसर
- इसके बाद अगले आठ वर्षों में दस ट्रिलियन डॉल की अर्थव्यवस्था
बनने की आकांक्षा
➥ वर्ष 2030 के भारत के लिए
विजन के दस आयाम
भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी से संचालित एवं
उच्च विकास दर के साथ एकसमान और पारदर्शी समाज होगा
1. इस
परिकल्पना के प्रथम आयाम के अंतर्गत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
और सहज-सुखद जीवन के लिए भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना है।
2. परिकल्पना
के दूसरे आयाम के अंतर्गत एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है, जहां
हमारा युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्यापक स्तरपर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम
में लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्व करेगा।
3. भारत
को प्रदूषण मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा पर
विशेष ध्यान देना।
4. आधुनिक
डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगिकीकरण के विस्तार के माध्यम
से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना।
5. सभी
भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्वच्छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को
अपनाने के माध्यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना।
6. सागरमाला
कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के
माध्यम से देश के विकास को सशक्त बनाना।
7. हमारा
अंतरिक्ष कार्यक्रम – गगनयान, भारत दुनिया के उपग्रहों को
प्रक्षेपित करने का ‘लांच पैड’ बन चुका है और 2022 तक
भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना इस आयाम को दर्शाता है।
8. सर्वाधिक
जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्मनिर्भर
बनाना और विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्नों का
निर्यात करना।
9. 2030 तक स्वस्थ
भारत और एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल एवं व्यापक आरोग्य प्रणाली के साथ-साथ
आयुष्मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्वपूर्ण घटक होगा।
10. भारत को न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन वाले एक ऐसे राष्ट्र का रूप देना, जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकार चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के शासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।
बजट सार : अंतरिम
बजट 2019-20 की मुख्य बातें :
अंतरिम
बजट 2019-20 आज संसद में पेश, बजट में किसानों के लिए बड़ी
योजना तथा आयकर में बड़ी राहत वित्त मंत्री ने कहा कि इस
बजट को देश को प्रगतिशील मार्ग पर आगे बढ़ाने के एक माध्यम के रूप में देखा जाएगा
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने औसत मुद्रास्फीति को 4.6
प्रतिशत के निम्न स्तर पर बनाए रखा है, यह किसी भी पिछली सरकार की मुद्रास्फीति दर से कम है -
➤ केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट
मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम
बजट 2019-20 पेश किया। इस बजट में किसानों के लिए एक बड़ी योजना तथा
आयकर प्रदाताओं के लिए बड़ी राहत की बात कही गई है। इसके अलावा इसमें आने वाले
वर्षों के लिए विकास एजेंडा का भी उल्लेख है।
➤ अंतरिम बजट 2019-20 की
मुख्य बातें हैं – प्रत्यक्ष आय सहायता के साथ 12 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों
के लिए एक बड़ी योजना, असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों के लिए पेंशन
योजना, 5 लाख वार्षिक तक की आमदनी के लिए आयकर में छूट, स्टैम्प
ड्यूटी में सुधार, रक्षा के लिए अब तक का सबसे अधिक 3 लाख
करोड़ रुपये का आवंटन, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 58,166 करोड़
रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, हरियाणा के लिए एक नया एम्स, विदेशी
फिल्म निर्माताओं के समान भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी एकल खिड़की सुविधा, अनुसूचित
जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों समेत कमजोर वर्गों एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत
सुविधाओं के लिए बजट आवंटन में बढ़ोत्तरी, 1.5 करोड़
मछुआरों के लिए मत्स्य पालन को एक पृथक विभाग बनाना आदि।
वृहत योजना
➤ छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने
के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि की जोत
वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध
कराई जाएगी।
➤ अंतरिम बजट 2019-20 को
पेश करते हुए केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और
कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी सरकार पीएम-किसान नाम से एक
ऐतिहासिक योजना लॉन्च कर रही है। इसके लिए बजट में 75 हजार
करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2019-20 के लिए) तथा 20 हजार करोड़ रुपये (वित्त
वर्ष 2018-19 का संशोधित अनुमान) के आवंटन का प्रावधान किया गया है।
➤ भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस योजना में 12 करोड़
छोटे और सीमांत किसान परिवारों को 2,000 रुपये प्रत्येक तीन समान
किस्तों में सीधे उनके बैंक खातें में भेजा जाएगा। इस कार्यक्रम को दिसंबर, 2018 से प्रभावी
माना जाएगा और इस अवधि की पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च, 2019
तक कर
दिया जाएगा।
➤ मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्यान
केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय
लिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस प्रयास के माध्यम से सरकार इस क्षेत्र पर
निर्भर लगभग 1.45 करोड़
लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करना
चाहती है।
➤ वित्त मंत्री ये यह घोषणा की कि किसान क्रेडिट कार्ड के
माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां कर रहे किसानों के लिए 2
प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ किया जाएगा। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने
पर उन्हें 3
प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।
➤ इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन 750 करोड़
रुपये किया गया है। राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा की गई है। इससे
गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता
बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी
रूप से लागू का काम भी देखेगा।
➤ असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को पेंशन संबंधी लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन नामक नई योजना की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों के अंदर यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। श्री गोयल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को चालू वर्ष से ही लागू किया जाएगा।
➤ 5 लाख रुपये तक की सालाना कर योग्य आमदनी वाले व्यक्तिगत
करदाताओं को अब कोई आयकर नहीं देना होगा। जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख
रुपये तक है, उन्हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं
पड़ेगी, यदि वे भविष्य निधि, विशेष
बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं। साथ ही 2 लाख
रुपये तक के आवास ऋण के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय
पेंशन योजना में योगदान, चिकित्सा
बीमा, वरिष्ठ
नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ उच्च
आय वाले व्यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा। इससे स्व-नियोजित, लघु व्यवसाय, लघु व्यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों
और वरिष्ठ नागरिकों सहित मध्यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़
रुपये का लाभ मिलेगा।
➤ वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की राशि को मौजूदा 40,000 रुपये
से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जा रही है। इससे 3 करोड़ से अधिक वेतनभोगियों
और पेंशनभोगियों को 4,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।
➤ अपने कब्जे वाले किसी दूसरे घर पर सांकेतिक किराए पर आयकर
पर छूट का अब प्रस्ताव किया गया है। फिलहाल ऐसे सांकेतिक किराए पर आयकर का भुगतान
करना होता है, यदि
किसी के पास अपने कब्जे में एक से अधिक घर हो।
➤ बैंक/डाकघर बचतों पर अर्जित ब्याज के स्रोत पर कर कटौती को
बढ़ाकर 10,000 रुपये से 40,000 रुपये किया जा रहा है।
➤ छोटे करदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से किराए पर कर
कटौती के लिए टीडीएस को 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 रुपये
करने का प्रस्ताव किया गया है।
➤ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार घर खरीदने वाले पर जीएसटी के
बोझ को कम करना चाहती है और इसी के अनुसार इस विषय पर जल्द से जल्द विचार करने
और सुझाव देने के लिए जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के एक समूह को नियुक्त करने की
पहल की थी।
➤ श्री गोयल ने कहा कि जल्द ही 90
प्रतिशत से अधिक जीएसटी, भुगतान
करने वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की अनुमति होगी।
मुद्रास्फीति
➤ वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 5
वर्षों में सरकार औसत महंगाई दर को 4.6 प्रतिशत तक नीचे लाने में
सफल रही है, जो
किसी अन्य सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई दर की तुलना में कम है। वस्तुत:
दिसम्बर 2018 में
महंगाई दर 2.19
प्रतिशत तक नीचे आ गई थी। श्री गोयल ने कहा कि यदि हमने महंगाई पर नियंत्रण नहीं
किया होता तो हमारे परिवारों को खाद्य यात्रा, उपभोक्ता वस्तुओं, आवास
आदि जैसी मूलभूत जरूरतों पर 35-40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता। उन्होंने
कहा कि वर्ष 2009-2014 के दौरान 5 वर्षों में औसत महंगाई दर 10.1
प्रतिशत के स्तर पर थी।
राजकोषीय घाटा
➤ वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 के
संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत तक नीचे लाया गया, जो 7 वर्ष
पहले लगभग 6
प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के केवल 2.5
प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 6 वर्ष पहले यह 5.6
प्रतिशत था। श्री गोयल ने कहा, ‘’हमने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित किया, जबकि
केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42
प्रतिशत करने की सिफारिश वित्त आयोग ने की थी, जिसे हमने सहकारी संघवाद की
सच्ची भावना के साथ स्वीकार किया और उसके परिणामस्वरूप राज्यों को अधिक धन
दिया गया।
वृद्धि और प्रत्यक्ष विदेश निवेश -
वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों
के दौरान अगली पीढ़ी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ढांचागत सुधारों की एक श्रृंखला
में शामिल वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) की प्रस्तुति और अन्य कर सुधारों के बाद
आने वाले दशकों में उच्च वृद्धि के मानक तय कर दिये गये हैं।
➤ उन्होंने कहा कि देश पिछले पांच वर्षों के दौरान अपनी
सर्वश्रेष्ठ वृहद आर्थिक स्थिरता के दौर का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि 1991 से
प्रारंभ हुए आर्थिक सुधारों के बाद से किसी भी सरकार के द्वारा हासिल की गई आर्थिक
वृद्धि के मामले में पिछले पांच वर्षों में उच्चतम वार्षिक औसत सकल घरेलू उत्पाद
वृद्धि के साथ हम दुनिया में एक तेजी के साथ उभरती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बन
चुके हैं। वित्त मंत्री ने अपने बजट संबोधन में कहा कि वर्ष 2013-14 में 11वीं
सबसे बड़ी अर्थ्व्यवस्था से अब हम विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन
चुके हैं।
➤ श्री गोयल ने कहा कि स्थिर और अनुमान योग्य नियामक शासन, बढ़ती
हुई अर्थव्यवस्था एवं मजबूत बुनियादी आधारों के कारण भारत पिछले पांच वर्षों के
दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रूप में 239 बिलियन डॉलर की व्यापक
धनराशि को आकर्षित करने में सक्षम रहा है।
प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटनों में वृद्धि
-
➤ 2019-20 के बजट अनुमानों के लिए मनरेगा हेतु 60,000 करोड़
रुपये के आवंटन की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो
अतिरिक्त आवंटन किया जायेगा।
➤ उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के 15,500 करोड़
रुपये की तुलना में 2019-20 के बजट अनुमानों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
(पीएमजीएसवाई) के लिए 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष
2014-18 की
अवधि के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.53 करोड़ आवासों का निर्माण
किया गया।
➤ मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली के कनेक्शन
भी प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि अब तक एक मिशन मोड के तहत 143 करोड़
एलईडी बल्ब प्रदान किये गये हैं, जिसके परिणामस्वरूप गरीब और मध्यम
वर्ग को 50,000 करोड़ की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि देश में करीब 50 करोड़
लोगों को चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य
देखभाल कार्यक्रम, आयुष्मान
भारत के अंतर्गत करीब 10 लाख
रोगी नि:शुल्क चिकित्सा के माध्यम से लाभांवित हो चुके हैं और इस चिकित्सा
उपचार की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये होगी। लाखों गरीबों और मध्यम वर्ग के लोग
प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से किफायती मूल्यों पर आवश्यक दवा, ह्दय
के स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण के खर्च में कमी के साथ-साथ औषधियों की आसान
उपलब्धता से भी लाभांवित हुए हैं।
➤ श्री गोयल ने बताया कि वर्ष 2014 में 21 एम्स
संस्थानों की घोषणा के बाद से देश में 14 एम्स संस्थान या तो
संचालित हैं अथवा स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा में एक नये -22वें
एम्स संस्थान की स्थापना की भी घोषणा की।
➤ समेकित बाल विकास योजना के लिए आवंटन को 2018-19
के
संशोधित अनुमान के 23,357 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2019-20 के
बजटीय अनुमान में 27,584 करोड़ रुपये किया जा रहा है।
➤ अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए
आवंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। अनुसूचित जाति के लिए 2018-19 के
बजट अनुमान में 56,619 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, बाद
में संशोधित अनुमान में इसे बढ़ाकर 62,474 करोड़
रुपये किया गया। वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान में इसे बढ़ाकर 76,801 करोड़
रुपये किया जा रहा है, जो 2018-19 के
बजट अनुमान की तुलना में 35.6
प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है। अनुसूचित जनजातियों के लिए भी वर्ष 2019-20 के
बजटीय अनुमान में यह धनराशि 39,135 करोड़ रुपये थी, जो 28
प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।
➤ वित्त मंत्री ने कहा कि पहुंच से वंचित गैर-अधिसूचित, घुमंतू
और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लाभ के लिए सामाजिक न्यास एवं अधिकारिता मंत्रालय के
तहत विशेष रणनीतियां तैयार करने के लिए एक कल्याण विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग के तहत एक समिति भी गठित की जाएगी, जो
गैर-अधिसूचित, घुमंतू
एवं अर्ध-घुमंतू समुदायों की पहचान के कार्य को पूरा करेगी।
➤ श्री गोयल ने कहा कि उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़
मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य था। इसमें 6 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिए
जा चुके हैं और बकाया मुफ्त कनेक्शन भी अगले वर्ष तक दे दिये जायेंगे।
➤ वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि नेशनल आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंसी पोर्टल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के एक हिस्से
के रूप में जल्दी ही विकसित किया जाएगा।
➤ औद्योगिकी नीति और संवर्धन विभाग को अब उद्योग और आंतरिक व्यापार
संवर्धन विभाग का नया नाम दिया जाएगा।
➤ वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि देश का रक्षा बजट
पहली बार तीन लाख करोड़ से अधिक है।
➤ वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बताया कि पिछले 5
वर्षों के दौरान घरेलू विमान यात्रियों की संख्या दोगुनी हुई है। इससे बड़ी संख्या
में रोजगार सृजित किए जा रहे हैं। संचालित हवाई अड्डों की संख्या 100 से
अधिक हो गई है। सिक्किम में पेकयोंग हवाई अड्डा शुरू हो गया है। अरूणाचल प्रदेश
अभी हाल में हवाई यातायात मानचित्र पर आया है और मेघालय, त्रिपुरा
तथा मिजोरम पहली बार देश के रेल मानचित्र पर आए हैं।
➤ भारतीय रेल के लिए बजट में 64,587 करोड़
रुपये (2019-2020 बजट अनुमान) के पूंजीगत सहयोग का प्रस्ताव किया गया है।
रेल का कुल पूंजीगत परिव्यय कार्यक्रम 1,58,685 करोड़
रुपये का है। वित्त और रेल मंत्री ने घोषणा की कि परिचालन अनुपात 2017-18 के 98.4
प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 (संशोधित अनुमान) में 96.2 प्रतिशत और 2019-20
(बजट
अनुमान) में 95
प्रतिशत होने का अनुमान जताया गया है।
➤ पिछले पांच वर्षों में भारत की स्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन
क्षमता 10 गुनी
बढ़ी है। श्री गोयल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के संदर्भ में हमारी प्रतिबद्धता
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के गठन से परिलक्षित होती है। यह पहला संधि आधारित
अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय भारत में है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र
में रोजगार के लाखों अवसरों का सृजन हो रहा है।
➤ वित्त मंत्री ने घोषणा की कि बड़ी संख्या में रोजगार देने
वाले मनोरंजन उद्योग में नियामकीय प्रावधान अब स्व-घोषणाओं पर कहीं अधिक निर्भर
करेंगे। मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिल्मों की शूटिंग
सुनिश्चित करने के लिए एकल खिड़की मंजूर की सुविधा भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी
दी जाएगी, जो
केवल विदेशी फिल्म निर्माताओं को ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘हम
पायरेसी की समस्या को नियंत्रित करने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में
एंटी-कैमकॉर्डिंग प्रावधानों को भी शामिल करेंगे।‘
➤ श्री गोयल ने कहा, ‘हम अगले पांच वर्षों में पांच
ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं और इसके बाद अगले आठ वर्षों
में दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखते हैं’। उन्होंने
कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष करों के संग्रह में 18
प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और कर आधार भी बढ़ गया है, क्योंकि
वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न
दाखिल किए हैं, जो
मुख्यत: विमुद्रीकरण के कारण संभव हुआ है।
➤ श्री गोयल ने कहा कि हम वित्तीय प्रतिभूतियों के लेन-देन पर
लगाए और एकत्रित किए गए स्टाम्प शुल्क में सुधार करेंगे। वित्त विधेयक के
जरिए इसमें आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव है। एक लेन-देन से संबंधित एक लिखित
पर स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाएगी और स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से एक ही स्थान
पर एकत्रित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार एकत्रित किए गए शुल्क को क्रेता
ग्राहक के अधिवास के आधार पर राज्य सरकारों के साथ निर्बाध रूप से साझा किया
जाएगा।
➤ कुल मिलाकर समग्र व्यय वर्ष 2018-19 के
संधोधित अनुमान के 24,57,235 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2019-20 के
बजट अनुमान में 27,84,200 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा। इसमें 3,26,965 करोड़
रुपये अथवा लगभग 13.30 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह महंगाई की कम दर को देखते हुए
अपेक्षाकृत ज्यादा वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2019-20 में
राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4
प्रतिशत रहने का अनुमान है।
➤ वित्त मंत्री ने इस ओर ध्यान दिलाया कि राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद सरकार अब ऋण समेकन पर फोकस करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने राजकोषीय घाटे के 3 प्रतिशत के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होना बरकरार रखा है, जिसे वर्ष 2020-21 तक हासिल किया जाएगा। वर्ष 2017-18 में भारत का ऋण – जीडीपी अनुपात 46.5 प्रतिशत था। एफआरबीएम अधिनियम में यह उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार के ऋण – जीडीपी अनुपात को वर्ष 2024-25 तक घटाकर 40 प्रतिशत के स्तर पर लाया जाना चाहिए।‘ श्री गोयल ने कहा, ‘राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रमके पूरा होने के साथ ही हम अब ऋण समेकन पर फोकस करेंगे’।
साभार - PIB
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