देश में सामने आई सबसे बड़ी डेबिट कार्ड डाटा चोरी की घटना में नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। डाटा चोरी शिकार 19 बैंकों के नाम सामने आ चुके हैं जबकि प्रभावित डेबिट कार्ड्स की संख्या भी बढ़कर अब 65 लाख पहुंच गयी है। ये भारत में सामने आया अब तक का सबसे बड़ा एटीएम-डेबिट कार्ड फ्रॉड है लेकिन किसी भी कस्टमर या बैंक ने इससे संबंधित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। ख़बरें तो ये भी हैं कि जिन कस्टमर्स के पैसे चुराए गए हैं उन्हें बैंक वापस करेंगे। हालांकि फिलहाल जो बातें सामने आई हैं उसके मुताबिक डेबिट कार्ड से लिंक अकाउंट पर भी खतरा मंडरा रहा है।
बैंकों को पहले ही मिल गई थी चेतावनी : -
इस डेबिट कार्ड फ्रॉड में बैंकों का गैरजिम्मेदार रवैया भी सामने आ रहा है। आईटी मिनिस्ट्री के अंतर्गत ऑनलाइन ठगी-धोखाधड़ी-साइबर अटैक के खिलाफ कम करने वाली संस्था सर्ट-इन ने बताया है कि उन्होंने इस संभावित हमले की जानकारी बैंकों को पहले ही दे दी थी लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। संस्था का दावा है कि उसने 1 जुलाई को ही आरबीआई और बैंकों को इस साइबर हमले की वॉर्निंग दी थी। इसके बाद 12 और 24 अगस्त को भी अलर्ट भेजकर डाटा आगाह किया था। सिस्टम में हुई चूक और उससे सिक्युरिटी के उपाय भी बताए गए थे।
आपका अकाउंट भी है खतरे की जद में : -
सामने आ रहा है कि डेबिट कार्ड का डाटा चोरी होने से आपका बैंक अकाउंट भी खतरे में आ गया है। डेबिट कार्ड की डीटेल्स चोरी हो जाने के चलते आपके दूसरे बैंकिंग अकाउंट के लिए भी खतरा बढ़ गया है। अब इन सभी अकाउंट से लिंक्ड सभी बैंक अकाउंट पर भी हैकिंग का खतरा बढ़ गया है। सिर्फ अकाउंट ही नहीं बल्कि आपके बैंक अकाउंट से जुड़े FD अकाउंट और स्वीप अकाउंट पर भी हैकिंग की जद में हैं।
क्या करें और कैसे बचें : -
1. अपने एटीएम पिन को फौरन बदलें। एसबीआई के अनुसार ये फ्रॉड पूरी बैंकिंग इंडस्ट्री को चपेट में ले सकता है। ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि अपने एटीएम पिन को तुरंत चेंज करें।
2. आऱबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह अपने सभी एटीएम-डेबिट कार्ड को मैगनेटिक स्ट्रिप की जगह ईवीएम चिप में जनवरी 2017 तक क्नवर्ट कर लें। आप अपने बैंक को कार्ड रिप्लेस करने के लिए कह सकते हैं।
3. अपनी ही बैंक का एटीएम यूज करें। एचडीएफसी बैंक ने पहले ही अपने कस्टमर्स से कहा कि है कि वह अपने ही बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करें।
4. अगर आपके अकाउंट में फ्रॉड हुआ है, तो तुरंत अपने बैंक को अलर्ट करें, और उसकी शिकायत बैंकिंग लोकपाल से लेकर पुलिस को कराएं। फ्रॉड हो जाने के बाद एटीएम कार्ड ब्लॉक और रिप्लेसमेंट कराएं।
5. सिंगल डे इवेंट में जैसे कोई शो, आईपीएल मैच, क्रिकेट मैच, दूसरे फंक्शन जहां पर टेम्परेरी स्टॉल होते हैं। यहां क्लोनिंग का खतरा ज्यादा है। पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल पर हैकिंग का खतरा रहता है। होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप कार्ड यूज करते वक्त सर्विसमैन को पासवर्ड ना बताएं। ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करते समय साइबर कैफे के इस्तेमाल से बचें।
6. आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और यस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलने को कहा है।
7. अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकालते वक्त अधिकतम सीमा भी तय कर सकते हैं, जिससे ऐसी धोखाधड़ी का खतरा काफी घट सकता है।
8. एटीएम मशीन के अलावा एसएमएस या आईवीआरएस से या फिर इंटरनेट बैंकिंग के जरिये बिना बैंक जाए नए पिन जनरेट सकते हैं।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया बैंकों में मालवेयर अटैक की जांच कर रहा है। माना जा रहा है कि इसी वजह से 65 लाख डेबिट कार्ड्स का डाटा चोरी हुआ है। आरबीआई और एनपीसीआई मामले की जांच कर 15 नवंबर तक रिपोर्ट देंगे। उधर आर्थिक मामले विभाग के सेक्रेटरी शाक्तिकांत दास ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि चिंता करने की बात नहीं है और मामले की जांच की जा रही है।
सरकार ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। बता दें कि फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ने इस बारे में बैंकों से भी रिपोर्ट तलब की है। RBI ने बैंकों से एक रिपोर्ट देने को कहा है कि कितने कार्ड का डाटा चोरी हुआ है और इसके जरिए कितने पैसे निकाले गए हैं। उधर फाइनेंस मिनिस्ट्री ने आरबीआई और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से डेबिट कार्ड का डाटा चोरी होने के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बैंकों की फंक्शनिंग पर चिंता जताई गई है।
शेयर मार्केट पर भी दिखा असर
डाटा चोरी का असर शेयर मार्केट पर भी देखने को मिला है। एक्सिस बैंक के शेयर में -2।26, बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर में 0।89 और एसबीआई के शेयर में 0।60% की गिरावट देखी गई। सबीआई ने एक स्टेटमेंट में कहा कि हमने कुछ कस्टमर्स को आईडेंटिफाई कर उनके कार्ड ब्लॉक किए हैं। इन्हें नए कार्ड दिए जा रहे हैं। एसबीआई की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मंजुला अग्रवाल ने कहा- हमें इस बारे में जानकारी है। हम अपने कस्टमर्स को रिस्क में नहीं डाल सकते। इसलिए उन्हें नए EMV कार्ड दिए जा रहे हैं।
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब दो दिन पहले SBI ने अपने 6 लाख डेबिट कार्ड्स ब्लॉक कर दिए। SBI ने कुछ भी साफ़-साफ़ न बताते हुए इसे सिर्फ एहतियातन उठाया गया एक कदम बताया। बाद में गुरूवार को SBI समेत 5 और बैंको ने भी ये बात मान ली कि उनके कस्टमर्स के डेबिट कार्ड्स के डीटेल्स और पिन नंबर चोरी हो गए हैं और ऐसे कार्ड्स का इस्तेमाल उन ATM पर किया जा रहा है जहां से मालवेयर के जरिए डाटा चुराया जा रहा है। जिन बैंकों का डाटा चोरी हुआ है उनमें SBI, HDFC, ICIC, Yes bank और एक्सिस बैंक शामिल हुए। अब इस लिस्ट में 19 बैंक शामिल हैं।
अब बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक और आंध्र बैंक ने भी अपने कस्टमर्स को पिन चेंज करने और कुछ दिनों तक मैग्नेटिप स्ट्रिप वाले डेबिट कार्ड न इस्तेमाल करने की सलाह जारी की है। कुछ बैंकों का नाम तो सामने आया है लेकिन उन्होंने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। हालांकि कई बैंक कस्टमर्स ने चीन-यूएस में उनके इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से पैसा निकाले जाने की शिकायत की है।
साभार : - लाइव हिन्दुस्तान
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