#वर्ल्डबैंक ने भारतीय 'आधार कार्ड' योजना की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में एक अरब लोगों को 'यूनीक डिजिटल आइडैंटिफिकेशन' देकर भारत में सार्वजनिक सेवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ी है। साथ ही इस पहल से #भ्रष्टाचार में भी कमी हुई है, जिससे सरकार का सालाना 650 करोड़ रुपए बचा है। वर्ल्ड बैंक का कहना है, कि डिजिटल टैक्नॉलॉजीस के जरिए समग्रता, तीव्रता और अनुसंधान को बढ़ावा मिलता है।
'#इकॉनॉमिकटाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को वाशिंगटन में 'वर्ल्ड डेवलेपमेंट रिपोर्ट 2016 : डिजिटल डिवाइडेंट्स' जारी की गई। इस मौके पर वर्ल्ड बैंक चीफ इकॉनॉमिस्ट कौशिक बसु ने कहा, ''हमने अनुमान लगाया है कि ये (आधार डिजिटल आईडी) भारत सरकार के नुकसान और भ्रष्टाचार में कमी कर एक साल में तकरीबन 1 अरब डॉलर (650 करोड़ रुपए) बचा रही हैं। ये दूसरी उपयोगी सेवाएं उपलब्ध कराने में भी मदद कर रही हैं। वर्ल्ड बैंक के वाशिंगटन स्थित मुख्यालय में कौशिक बसु ने कहा, ''भारत की आधार डिजिटल आइडैंटिफिकेशन सिस्टम पहले ही करीब 1 अरब लोगों तक पहुंच चुकी है। ये गरीबों को सेवाओं तक और भी आसानी से पहुंचने में मदद कर रही हैं। इसके अलावा सरकार को भी कल्याणकारी सेवाओं को पहुंचाने में मदद कर रही हैं। भारत #आधारडिजिटलआईडी के जरिए 1.25 अरब जनसंख्या को रजिस्टर करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि यह सरकार को कल्याणकारी योजनाओं में पिछड़े तबके को शामिल करने में मदद करेगा।
गौरतलब है, भारतीय लोग आधार नाम से #डिजिटलआईडी का इस्तेमाल अपने बैंक अकाउंट्स खुलवाने में, सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति मॉनीटर करने के साथ सरकारी सब्सिडीस की प्राप्ति के लिए भी करते हैं। 'वर्ल्ड डेवलेपमेंट रिपोर्ट 2016 : डिजिटल डिवाइडेंट्स' में इसकी सफलता के बारे में जानकारी साझा की गई।