18 जून को प्रति वर्ष गोवा क्रांति दिवस (Goa revolution day) के रूप मे मनाया जाता है। क्योंकि 1806-1964 को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने गोवा के लोगों को पुर्तगालियों के ख़िलाफ़ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।
18 जून गोवा की आजादी की लडाई के इतिहास मे स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। 18 जून 1964 को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जी ने गोवा के लोगों को एकजुट होने और पुर्तगाली शासन के ख़िलाफ़ लड़ने का संदेश दिया था। 18 जून को हुई इस क्रांति के जोशीले भाषण ने आजादी की लड़ाई को मजबूत किया और आगे बढाया।
गोवा क्रान्ति दिवस (Goa Revolution Day) 18 जून को प्रति वर्ष मनाया जाता है। क्योंकि 18 जून 1946 को डॉ. राम मनोहर लोहिया ने गोवा के लोगों कोपुर्तग़लियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया। 18 जून गोवा की आज़ादी की लड़ाई के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। 18 जून 1946 को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जी ने गोवा के लोगों को एकजुट होने और पुर्तग़ाली शासन के ख़िलाफ़ लड़ने का संदेश दिया था। 18 जून को हुई इस क्रांति के जोशीले भाषण ने आज़ादी की लड़ाई को मजबूत किया और आगे बढाया। गोवा की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। अन्ततः 19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तग़ाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोवा को भारत में शामिल कर लिया गया। गोवा की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। अन्ततः19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तगाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोवा को भारत में शामिल कर लिया गया।
18 जून गोवा की आजादी की लडाई के इतिहास मे स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। 18 जून 1964 को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जी ने गोवा के लोगों को एकजुट होने और पुर्तगाली शासन के ख़िलाफ़ लड़ने का संदेश दिया था। 18 जून को हुई इस क्रांति के जोशीले भाषण ने आजादी की लड़ाई को मजबूत किया और आगे बढाया।
गोवा क्रान्ति दिवस (Goa Revolution Day) 18 जून को प्रति वर्ष मनाया जाता है। क्योंकि 18 जून 1946 को डॉ. राम मनोहर लोहिया ने गोवा के लोगों कोपुर्तग़लियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया। 18 जून गोवा की आज़ादी की लड़ाई के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। 18 जून 1946 को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जी ने गोवा के लोगों को एकजुट होने और पुर्तग़ाली शासन के ख़िलाफ़ लड़ने का संदेश दिया था। 18 जून को हुई इस क्रांति के जोशीले भाषण ने आज़ादी की लड़ाई को मजबूत किया और आगे बढाया। गोवा की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। अन्ततः 19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तग़ाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोवा को भारत में शामिल कर लिया गया। गोवा की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। अन्ततः19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तगाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोवा को भारत में शामिल कर लिया गया।
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