डिजिटल इंडिया से हमारी आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा। लेकिन सवाल ये है कि ये प्रोजेक्ट पूरा कैसे होगा? क्या डिजिटल इंडिया के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा कहां से आएगा और क्या चुनौतियां सामने आ सकती हैं। आज यहां इस मुद्दे पर की जा रही है खास चर्चा।
1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया योजना का लॉन्च किया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भव्य आयोजन होगा जिसमें 10000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है जिसमें से करीब 400 कॉरपोरेट्स हो सकते। खासतौर पर सरकार ने सभी बड़े उद्योगपतियों को डिजिटल इंडिया में शामिल होने का न्यौता दिया है। डिजिटल इंडिया के तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक हफ्ते लंबा कार्यक्रम चलेगा। इसमें शामिल होने के लिए सरकार ने सभी बड़े उद्योगपतियों को न्यौता दिया है। ये उद्योगपति डिजिटल इंडिया पर अपनी निवेश योजनाओं की जानकारी देंगे। डिजिटल इंडिया वीक में आम लोगों की सुविधा के लिए कई ऑनलाइन सेवाओं का लॉन्च किया जाएगा। इस दौरान ऑनलाइन किताबों के लिए ई-बस्ता, दस्तावेज सेव करने के लिए ई-लॉकर, ई-हॉस्पिटल, विभिन्न शहरों में वाई-फाई और नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल का लॉन्च किया। डिजिटल इंडिया योजना के तहत पोस्ट ऑफिसों को कॉमन डिजिटल सर्विस सेंटर के रूप में विकसित करने और छोटे शहरों में भी बीपीओ खोलने की योजना है। मोदी सरकार चाहती है कि देश के हर नागरिक के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बने। शासन, सेवाओं को आसानी से उपलब्ध कराना सरकार का मकसद है। इस योजना के तहत भारतीयों को डिजिटली सशक्त करने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए आईटी विभाग, टेलीकॉम, पोस्टल विभाग का काम जारी है। डिजिटल इंडिया वीक में बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। इनमें स्टरलाइट टेक्नोलॉजी के अनिल अग्रवाल, विप्रो चेयरमैन, अजीम प्रेमजी, लावा इंटरनेशनल के एमडी हरि ओम राय, हीरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के पवन मुंजाल और सुनील मित्तल, कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अंबानी, सायरस मिस्त्री, एयरबस के सीईओ पीटर गुटसमे शामिल होंगे। डिजिटल इंडिया पर सरकार 1.13 लाख करोड़ का निवेश करेगी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना में निजी क्षेत्र भी निवेश करेगा।
डिजिटल इंडिया योजना के समक्ष की चुनौतियां हैं। सरकार को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारी निवेश करना होगा। ऑप्टिकल फाइबर का काम लक्ष्य से पीछे चल रहा है। छोटे शहरों, गांवों में कनेक्टिविटी की दिक्कत है। स्पेक्ट्रम की महंगी कीमत भी इस सपने के लिए एक बड़ा रोड़ा है। इसके अलावा सरकार को नेट न्यूट्रिलिटी सुनिश्चित करना करना होगा और साइबर सिक्योरिटी सिस्टम के भी मजबूत बनाना होगा, तभी हम भारत के डिजिटल होने के सपने को पूरा होते देख पाएंगे।
केंद्र सरकार के मुताबिक डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ई-गवर्नेंस की रफ्तार और तेज करेगा। इस कार्यक्रम के 3 प्रमुख लक्ष्य हैं-
1- हर नागरिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर सकेगा।
2- लोगों की मांग पर गवर्नेंस और तमाम सरकारी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
3- डिजिटल तकनीक के जरिए आम आदमी का सशक्तीकरण होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी विजन को ध्यान में रखते हुए संचार मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभ तय किए हैं। जो आम इंसान की जिंदगी को बेहतर और आसान बनाएंगे। डिजिटल लॉकर सिस्टम जिसमें कागजात की जगह ई-डॉक्यूमेंट पर जोर होगा, MYGOV.In, स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रम मोबाइल पर आ जाएंगे, ई-हॉस्पिटल के जरिए अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए छात्रों को हर छात्रवृत्ति की जानकारी मिलेगी, BHARATNET यानी हाई स्पीड डिजिटल हाइवे जो ढाई लाख पंचायतों को जोड़ेगा, बीपीओ नीति के तहत पूर्वोत्तर राज्यों और छोटे शहरों में 48 हजार बीपीओ बनाए जाएंगे।
एक जुलाई से शुरू होने वाला डिजिटल इंडिया कार्यक्रम एक हफ्ते तक चलेगा। इस दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 600 से अधिक शहरों में ये कार्यक्रम होगा। जानकारी के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री, भारती के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल, समेत कई बड़े उद्योगपति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस मौके पर देश-दुनिया से आए तमाम उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डिजिटल इंडिया में अपनी भागीदारी और निवेश का ऐलान करेंगे।
क्या है डिजिटल इंडिया?
1. देश को भविष्य के लिए तैयार करना
2. काम के तरीकों का कायापलट
3. परिवर्तन के लिए टेक्नालॉजी का इस्तेमाल
कैसे होगा आपका फायदा?
1. सबको हाई स्पीड इंटरनेट
2. डिजिटल पहचान के लिए प्लेटफार्म (1. अनोखा 2. जिंदगी भर 3. ऑनलाइन 4. भरोसेमंद)
3. कॉमन सर्विस सेंटर तक आसान पहुंच
4. पब्लिक क्लाउड पर प्राइवेट स्पेस
5. सुरक्षित और विश्वसनीय साइबर स्पेस
डिजिटल इंडिया के 9 स्तंभ
1- ब्रॉडबैंड हाईवे
2- सबको फोन की उपलब्धता
3- इंटरनेट तक सबकी पहुंच
4- ई-गवर्नेंस (टेक्नालॉजी से शासन)
5- ई-क्रांति (इलेक्ट्रानिक सेवाएं)
6- सभी के लिए सूचना
7- इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग
8- आईटी के जरिए रोजगार
9- भविष्य की तैयारी के कार्यक्रम
कौन करेगा डिजिटल इंडिया की निगरानी
1. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी
2. वित्त मंत्री, आईटी मंत्री, मानव संसाधन मंत्री, शहरी विकास मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री होंगे सदस्य
3. प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, व्यय, योजना, टेलीकॉम और कार्मिक सचिव विशेष आमंत्रित
4. सूचना सचिव कमेटी के संयोजक
कितना खर्च होगा डिजिटल इंडिया पर
1- मौजूदा योजनाओं में एक लाख करोड़
2- नई योजनाओं और गतिविधियों में 13 हजार करोड़
3- 2019 तक डिजिटल इंडिया का असर
4- 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड और फोन की सुविधा
5- 2020 तक नेट जीरो आयात
6- 4 लाख पब्लिक इंटरनेट प्वाइंट
7- 2.4 लाख स्कूलों, विश्वविद्यालयों में वाई-फाई
8- आमलोगों के लिए वाई-फाई हॉट स्पॉट
9- 1.7 करोड़ लोगों को आईटी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक में ट्रेनिंग और रोजगार
10- 1.7 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार
11- 8.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार
12- सभी सरकारों में ई-गवर्नेंस
साभार - RTINWS
1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया योजना का लॉन्च किया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भव्य आयोजन होगा जिसमें 10000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है जिसमें से करीब 400 कॉरपोरेट्स हो सकते। खासतौर पर सरकार ने सभी बड़े उद्योगपतियों को डिजिटल इंडिया में शामिल होने का न्यौता दिया है। डिजिटल इंडिया के तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक हफ्ते लंबा कार्यक्रम चलेगा। इसमें शामिल होने के लिए सरकार ने सभी बड़े उद्योगपतियों को न्यौता दिया है। ये उद्योगपति डिजिटल इंडिया पर अपनी निवेश योजनाओं की जानकारी देंगे। डिजिटल इंडिया वीक में आम लोगों की सुविधा के लिए कई ऑनलाइन सेवाओं का लॉन्च किया जाएगा। इस दौरान ऑनलाइन किताबों के लिए ई-बस्ता, दस्तावेज सेव करने के लिए ई-लॉकर, ई-हॉस्पिटल, विभिन्न शहरों में वाई-फाई और नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल का लॉन्च किया। डिजिटल इंडिया योजना के तहत पोस्ट ऑफिसों को कॉमन डिजिटल सर्विस सेंटर के रूप में विकसित करने और छोटे शहरों में भी बीपीओ खोलने की योजना है। मोदी सरकार चाहती है कि देश के हर नागरिक के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बने। शासन, सेवाओं को आसानी से उपलब्ध कराना सरकार का मकसद है। इस योजना के तहत भारतीयों को डिजिटली सशक्त करने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए आईटी विभाग, टेलीकॉम, पोस्टल विभाग का काम जारी है। डिजिटल इंडिया वीक में बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। इनमें स्टरलाइट टेक्नोलॉजी के अनिल अग्रवाल, विप्रो चेयरमैन, अजीम प्रेमजी, लावा इंटरनेशनल के एमडी हरि ओम राय, हीरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के पवन मुंजाल और सुनील मित्तल, कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अंबानी, सायरस मिस्त्री, एयरबस के सीईओ पीटर गुटसमे शामिल होंगे। डिजिटल इंडिया पर सरकार 1.13 लाख करोड़ का निवेश करेगी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना में निजी क्षेत्र भी निवेश करेगा।
डिजिटल इंडिया योजना के समक्ष की चुनौतियां हैं। सरकार को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारी निवेश करना होगा। ऑप्टिकल फाइबर का काम लक्ष्य से पीछे चल रहा है। छोटे शहरों, गांवों में कनेक्टिविटी की दिक्कत है। स्पेक्ट्रम की महंगी कीमत भी इस सपने के लिए एक बड़ा रोड़ा है। इसके अलावा सरकार को नेट न्यूट्रिलिटी सुनिश्चित करना करना होगा और साइबर सिक्योरिटी सिस्टम के भी मजबूत बनाना होगा, तभी हम भारत के डिजिटल होने के सपने को पूरा होते देख पाएंगे।
केंद्र सरकार के मुताबिक डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ई-गवर्नेंस की रफ्तार और तेज करेगा। इस कार्यक्रम के 3 प्रमुख लक्ष्य हैं-
1- हर नागरिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर सकेगा।
2- लोगों की मांग पर गवर्नेंस और तमाम सरकारी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
3- डिजिटल तकनीक के जरिए आम आदमी का सशक्तीकरण होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी विजन को ध्यान में रखते हुए संचार मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभ तय किए हैं। जो आम इंसान की जिंदगी को बेहतर और आसान बनाएंगे। डिजिटल लॉकर सिस्टम जिसमें कागजात की जगह ई-डॉक्यूमेंट पर जोर होगा, MYGOV.In, स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रम मोबाइल पर आ जाएंगे, ई-हॉस्पिटल के जरिए अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए छात्रों को हर छात्रवृत्ति की जानकारी मिलेगी, BHARATNET यानी हाई स्पीड डिजिटल हाइवे जो ढाई लाख पंचायतों को जोड़ेगा, बीपीओ नीति के तहत पूर्वोत्तर राज्यों और छोटे शहरों में 48 हजार बीपीओ बनाए जाएंगे।
एक जुलाई से शुरू होने वाला डिजिटल इंडिया कार्यक्रम एक हफ्ते तक चलेगा। इस दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 600 से अधिक शहरों में ये कार्यक्रम होगा। जानकारी के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री, भारती के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल, समेत कई बड़े उद्योगपति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस मौके पर देश-दुनिया से आए तमाम उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डिजिटल इंडिया में अपनी भागीदारी और निवेश का ऐलान करेंगे।
क्या है डिजिटल इंडिया?
1. देश को भविष्य के लिए तैयार करना
2. काम के तरीकों का कायापलट
3. परिवर्तन के लिए टेक्नालॉजी का इस्तेमाल
कैसे होगा आपका फायदा?
1. सबको हाई स्पीड इंटरनेट
2. डिजिटल पहचान के लिए प्लेटफार्म (1. अनोखा 2. जिंदगी भर 3. ऑनलाइन 4. भरोसेमंद)
3. कॉमन सर्विस सेंटर तक आसान पहुंच
4. पब्लिक क्लाउड पर प्राइवेट स्पेस
5. सुरक्षित और विश्वसनीय साइबर स्पेस
डिजिटल इंडिया के 9 स्तंभ
1- ब्रॉडबैंड हाईवे
2- सबको फोन की उपलब्धता
3- इंटरनेट तक सबकी पहुंच
4- ई-गवर्नेंस (टेक्नालॉजी से शासन)
5- ई-क्रांति (इलेक्ट्रानिक सेवाएं)
6- सभी के लिए सूचना
7- इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग
8- आईटी के जरिए रोजगार
9- भविष्य की तैयारी के कार्यक्रम
कौन करेगा डिजिटल इंडिया की निगरानी
1. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी
2. वित्त मंत्री, आईटी मंत्री, मानव संसाधन मंत्री, शहरी विकास मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री होंगे सदस्य
3. प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, व्यय, योजना, टेलीकॉम और कार्मिक सचिव विशेष आमंत्रित
4. सूचना सचिव कमेटी के संयोजक
कितना खर्च होगा डिजिटल इंडिया पर
1- मौजूदा योजनाओं में एक लाख करोड़
2- नई योजनाओं और गतिविधियों में 13 हजार करोड़
3- 2019 तक डिजिटल इंडिया का असर
4- 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड और फोन की सुविधा
5- 2020 तक नेट जीरो आयात
6- 4 लाख पब्लिक इंटरनेट प्वाइंट
7- 2.4 लाख स्कूलों, विश्वविद्यालयों में वाई-फाई
8- आमलोगों के लिए वाई-फाई हॉट स्पॉट
9- 1.7 करोड़ लोगों को आईटी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक में ट्रेनिंग और रोजगार
10- 1.7 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार
11- 8.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार
12- सभी सरकारों में ई-गवर्नेंस
साभार - RTINWS
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