विश्व के देशों में कर लगाने की दशा, - Study Search Point

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विश्व के देशों में कर लगाने की दशा,

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हर देश अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए अपने नागरिकों की आय पर, उत्पादन क्रियाओं और सेवाओं पर कर लगाता है. जब सरकार के पास कर इकठ्ठा हो जाता है तो वह इसका प्रयोग देश में आधारभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, शिक्षा, अस्पताल और सड़क बनाने में करता है ताकि लोगों के कल्याण में वृद्धि की जा सके. कर लगाते समय सरकार इस बात का भी ख्याल रखती है कि कर की दरें ऐसी हो कि लोग आय कमाने के लिए हतोत्साहित ना हों.
इस लेख में हमने 10 ऐसे देशों के बारे में बताया है जहाँ पर कर की दरें पूरे विश्व में सबसे अधिक हैं.
1. अरुबा देश
कैरेबियन द्वीप में स्थित और नीदरलैंड्स के साम्राज्य के अधीन आने वाले इस छोटे से देश की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 3 अरब डॉलर का है. यहाँ के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 28,924 डॉलर प्रति वर्ष है जो कि पूरे कैरेबियन द्वीप में सबसे अधिक है. यहाँ के लोगों की आय पर लगाया जाने वाला कर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है. यहाँ लोगों की आय पर 59% की दर से कर लगाया जाता है. यहाँ के लोगों की आय का मुख्य स्रोत सोने की खदानें, पेट्रोलियम और पर्यटन है.
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2. स्वीडन
स्वीडन, उत्तरी यूरोप में स्थित एक स्कैंडिनेवियाई देश है. यहाँ की अर्थव्यवस्था का आकार 517 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 51,603 डॉलर प्रति वर्ष है जो कि पूरी दुनिया में 11 वें नंबर पर है. स्वीडन विश्व में दूसरा ऐसा देश है जहाँ पर सबसे ज्यादा आयकर की दरें है. यहाँ पर लोगों की आय पर 56% की दर से कर लगाया जाता है लेकिन आवासीय संपत्तियों की बिक्री में कराधान से छूट दी जाती है।
3. डेनमार्क
मानव विकास सूचकांक में शीर्ष पांच देशों में शामिल इस देश का अर्थव्यवस्था का आकार 302.571 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 53,242 प्रति वर्ष है जो कि विश्व में छठवें स्थान पर आता है. श्रमिकों के अधिकारों के लिए यह देश दुनिया का सर्वोच्च स्थान रखता है. यहाँ पर लोगों की आय पर 55% की दर से कर लगाया जाता है. यहाँ के लोग इस भारी कर की दर को भी उचित मानते हैं क्योंकि यहाँ पर सरकार के पास लोगों के कल्याण के लिए बहुत सा धन इकठ्ठा हो जाता है. शायद यही कारण है कि यह देश दुनिया में सबसे खुशहाल देशों में गिना जाता है.
4. नीदरलैंड्
पहले इस देश को हॉलैंड के नाम से भी पुकारा जाता था. यह पश्चिमी यूरोप में घनी आबादी वाला देश है. यह विश्व स्तर पर अपने प्रमुख शिपिंग बंदरगाहों और फ्लोरिकल्चर क्षेत्र के लिए जाना जाता है. मानव विकास सूचकांक में सातवें स्थान पर काबिल इस देश की अर्थव्यवस्था का आकार 762 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 44,654 डॉलर प्रति वर्ष (विश्व में 13वां स्थान) है. शिपिंग, मछली पकड़ने, कृषि, व्यापार और बैंकिंग ‘डच अर्थव्यवस्था’के प्रमुख क्षेत्र हैं. यहाँ पर लोगों की आय पर 52% की दर से आयकर लगाया जाता है.
5. बेल्जियम
बेल्जियम, पश्चिमी यूरोप में एक संप्रभु राज्य है जो कि फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी द्वारा घिरा हुआ है.17 मिलियन से ज्यादा लोगों की आबादी वाले इस देश की अर्थव्यवस्था का आकार 470 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 41,491 डॉलर प्रति वर्ष (विश्व में17 वां स्थान) है. इसका मुख्य निर्यात मशीनरी और उपकरण, रसायन, तैयार हीरे, धातु और धातु उत्पाद और खाद्य पदार्थ हैं। संपन्न देशों में गिने जाने वाले इस देश के लोगों की आय पर 50% की दर से कर लगाया जाता है.
6. ऑस्ट्रिया
एक संघीय गणराज्य और मध्य यूरोप में 8.7 मिलियन से अधिक की जनसंख्या वाला देश है. यहाँ एक अच्छी तरह से विकसित सामाजिक बाजार अर्थव्यवस्था है जिसके कारण लोगों का जीवन स्तर बहुत उच्च स्तर का है. इस देश की अर्थव्यवस्था का आकार 387 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 44,561 डॉलर प्रति वर्ष (विश्व में 14वां स्थान) है. जर्मन-भाषी देश, ऑस्ट्रिया यूरोप में सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक है। अगर आप ऑस्ट्रिया में 74,442 डॉलर से अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं, तो आपको 50% की दर से आयकर देना होगा.
7. जापान
जापान पूर्व एशिया में एक संप्रभु द्वीप राष्ट्र है जो कि प्रशांत महासागर में स्थित है.यह दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जिसने परमाणु बम के हमले को झेला और अपनी मेहनत के दम पर फिर से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना गया है. इसकी राजधानी टोकियो में दुनिया के किसी भी शहर की तुलना में सबसे अधिक करोड़पति रहते हैं. मात्र 13 करोड़ की आवादी वाले इस देश की अर्थव्यवस्था का आकार 4 ख़रब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 38,281 डॉलर प्रति वर्ष (विश्व में 20 वां स्थान) है. दुनिया में सबसे विश्वसनीय उत्पाद (ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल) बनाने वाले इस देश में लोगों की आय पर 50% की दर से कर लगाया जाता है.
8. यूनाइटेड किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन
यूनाइटेड किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड, जिसे आमतौर पर यूनाइटेड किंगडम (यूके) या ब्रिटेन के रूप में जाना जाता है. आज ब्रिटेन दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में दवा उद्योग, सेवा उद्योग और कपडा उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. ब्रिटेन 2.65 ख़रब डॉलर के साथ दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. यहाँ के लोगों की प्रति व्यक्ति आय $43,902 है. ब्रिटेन में $234,484 से अधिक कमाने वालों पर 50% की दर से आयकर लगाया जाता है.
9. फिनलैंड
फिनलैंड उत्तरी यूरोप में स्थित एक संप्रभु राज्य है जिसके राजधानी हेलसिंकी है.यहाँ की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान सेवा क्षेत्र (66%) का है इसके बाद विनिर्माण और रेफिनिंग क्षेत्र (31%) का स्थान आता है. यह देश अपने शैक्षिक अवसंरचना में उल्लेखनीय सुधार के लिए विश्व प्रसिद्ध हो गया है और यह अपने यहाँ शिक्षकों को सबसे ज्यादा भुगतान करता है. इस देश की अर्थव्यवस्था का आकार 234 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 41,690 डॉलर प्रति वर्ष है. इस देश में जो व्यक्ति $ 87,222 से अधिक की आय कमाता है उसको 49.2% की दर से आयकर जमा करना पड़ता है.
10. आयरलैंड
राजनीतिक रूप से आयरलैंड का विभाजन, आयरलैंड गणराज्य (जो कि आयरलैंड द्वीप के 84% हिस्से पर फैला है) और उत्तरी आयरलैंड (जो कि यूनाइटेड किंगडम का हिस्सा है) के बीच है. आयरलैंड, ब्रिटिश द्वीप समूह का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है, जो यूरोप में तीसरा सबसे बड़ा है. आयरलैंड गणराज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 30 अरब पौंड का है जबकि उत्तरी आयरलैंड की अर्थव्यवस्था का आकार 43 अरब पौंड का है. यहाँ पर कंपनियों पर 12 % की दर से कर लगाया जाता है जबकि 40,696 डॉलर से अधिक कमाने वालों पर 48% की दर से कर लगाया जाता है.

भारत: भारत में अधिकत्तम कर की दर 30% है जो कि उन लोगों पर लगाया जाता है जिनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपये से अधिक होती है. भारत में कर इस सूझ-बूझ से लगाया जाता है ताकि लोगों में धन अर्जन की प्रवृत्ति प्रभावित न हो. अर्थात भारत में निम्न आय वर्ग (3 लाख) के लोगों पर कर नही लगाया जाता है जबकि इसके बाद कर की दर बढ़नी शुरू हो जाती है और 10 लाख तक की आय के लिए अधिकत्तम दर 30% रखी गयी है.
ऊपर दिए देशों की तुलना में भारत में कर की दरें काफी कम हैं लेकिन फिर भी हमारे देश में सिर्फ 2% लोग ही कर देते हैं. इसका मुख्य कारण यह कि ज्यादातर लोग या तो कर बचा लेते हैं या कर चोरी करते हैं अर्थात उन्हें अपने देश से प्यार नही बल्कि अपनी बेईमानी से प्यार है.

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