केंद्र सरकार ने आम आदमी के 'डिजिटल सशक्तिकरण' के जरिए देश भर में 'सुशासन अभियान' को गति देने के लिए 'डिजिटल इंडिया वीक' की शुरुआत की है। इस योजना को देश की तस्वीर बदलने वाला कदम बताया जा रहा है जिससे आम आदमी की जिंदगी बेहतर और आसान हो सकती है। डिजिटल इंडिया के तीन बड़े लक्ष्य और नौ उद्देश्य हैं। इस योजना को देश की तस्वीर बदलने वाला कदम बताया जा रहा है जिससे आम आदमी की जिंदगी बेहतर और आसान हो सकती है।
1-डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चरः इसके तहत पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा और एक कॉमन सर्विस सेंटर तैयार किया जाएगा।
2-डिजिटल आईडीः इसके तहत देश के प्रत्येक व्यक्ति की डिजिटल आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट और आधार नंबर को जोड़ा जाएगा।
3-डिजिटल लिटरेसीः इसके तहत नागरिकों को ऐसी ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे वो इंटरनेट का प्रयोग करना सीखें और ई-मेल आदि पर कार्य कर पाएं।
डिजिटल इंडिया के नौ उद्देश्य
1-ब्रॉडबैंड हाईवेज: इनके जरिए एक तय समय सीमा में बड़ी संख्या में सूचनाओं को प्रेषित किया जा सकता है।
2-सभी को मोबाइल कनेक्टिविटी सुलभ कराना: शहरी इलाकों में भले ही मोबाइल फोन पूरी तरह से सुलभ हो गया हो, लेकिन देश के अनेक ग्रामीण इलाकों में अभी इस सुविधा का जाल वैसा नहीं हो पाया है। इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं को इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल में आसानी होगी।
3-पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम: इस कार्यक्रम के तहत पोस्ट ऑफिस को मल्टी-सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाएं मुहैया कराने के लिए वहां अनेक तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
4-ई-गवर्नेंस: इसके तहत विभिन्न विभागों के बीच सहयोग और आवेदनों को ऑनलाइन ट्रैक किया जाएगा। इसके अलावा स्कूल प्रमाण पत्रों, वोटर आईडी कार्ड आदि की जहां भी जरूरत पड़े, वहां उनका ऑनलाइन इस्तेमाल किया जा सकता है।
5-ई-क्रांति- सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी: ई-एजुकेशन के तहत सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने, सभी स्कूलों (ढाई लाख) में वाई-फाई की नि:शुल्क सुविधा मुहैया कराने और डिजिटल साक्षरता सुनिश्चित करने की योजना है। किसानों को वास्तविक समय में उसकी उपज के मूल्य संबंधी सूचना, मोबाइल बैंकिंग आदि की ऑनलाइन सेवा प्रदान करना भी इनमें शामिल है। इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में ऑनलाइन मेडिकल परामर्श, रिकॉर्ड और संबंधित दवाओं की आपूर्ति समेत लोगों को ई-हेल्थकेयर की सुविधा देना भी इनमें शामिल है।
6-सभी के लिए सूचना: इस कार्यक्रम के तहत सूचनाओं और दस्तावेजों तक ऑनलाइन पहुंच कायम की जाएगी। इसके लिए ओपन डाटा प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाएगा।
7-इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में आत्मनिर्भरता: इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से जुड़े तमाम उत्पादों का निर्माण देश में ही किया जाएगा। इसके तहत ‘नेट जीरो इंपोर्ट्स’ का लक्ष्य रखा गया है, ताकि वर्ष 2020 तक इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में देश आत्मनिर्भरता हासिल कर सके।
8-रोजगार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी: कौशल विकास के मौजूदा कार्यक्रम को इस प्रौद्योगिकी से जोड़ा जाएगा। गांवों व छोटे शहरों में लोगों को आईटी से जुड़ी नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
9-अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को लागू करने के लिए पहले कुछ बुनियादी ढांचागत सुविधाएं स्थापित करनी होंगी।
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