►रूसी स्टीमरोलर :-
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान यह नाम रूस की सेना को दिया गया, जो विश्व की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना थी।
►आयरिश आन्दोलन:-
प्रथम विश्व युद्ध से पहले अल्स्टर प्रान्त को छोड़ शेष आयरलैंड को स्वराज्य देने की व्यवस्था की गई थी परन्तु उसका विरोध हुआ और उसी समय विश्व युद्ध प्रारम्भ हो जाने के कारण यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई। महायुद्ध के दौरान 1916 में आयरलैंड में विद्रोह भी हुआ किन्तु उसका दमन कर दिया गया। युद्ध के बाद दिसम्बर 1921 में इस समस्या के समाधान के लिए सिनफिन दल और ब्रिटिश सरकार के बीच एक समझौता हुआ, जिसके अनुसार अल्स्टर प्रांत को छोड़कर शेष आयरलैंड को ‘आयरिश फ्री स्टेट’ नाम से डॉमिनियन का पद प्रदान किया गया। परन्तु सिनफिन दल के उग्र सदस्यों के नेता डी वेलेरा को यह व्यवस्था पसन्द नहीं आई और उन्होंने अपना विरोध जारी रखा। डी वेलेरा के प्रयासों से लम्बे गृहयुद्ध के बाद 1937 में ‘आयरिश फ्री स्टेट’ के डॉमिनिशन के स्थान पर एक स्वतंत्र एवं पूर्ण प्रभुत्त्व सम्पन्न राज्य की स्थापना हुई।
►केसीनो की लड़ाई (1944):-
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1944 में लड़ी गई यह लड़ाई भारतीय सैनिकों के बहादुरी प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है, भारतीय सैनिकों ने मित्र राष्ट्रों की तरफ से लड़ते हुए इसमें विजय प्राप्त की थी। केसीनो रोम के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक पहाड़ी प्रदेश है।
►नीला हेलमेट:-
संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना के कर्मचारी अपने देश की वर्दी धारण करते है। संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतीक के रूप में वे नीले हेलमेट का प्रयोग करते हैं।
►श्रृगाल नीति (Jackal Policy) :-
इटली द्वारा विशेष क्षेत्र में अपनाई गई नीति। इटली के शासक सदैव एक शृगाल अथवा गीदड़ की भाँति लघु एवं निर्बल देशों को अपने हमले का शिकार बनाते रहे, पहले से चोट खाए हुए राष्ट्रों को नोचते रहे और महान् राष्ट्रों की दावतों में बची हुई हड्डियों को चूसते रहे। उसका आचरण यही रहा कि विभिन्न शक्तियों से संधिबद्ध होने के बावजूद भी युद्ध आदि के अवसरों पर एक चतुर सियार की भाँति वह इस बात की प्रतीक्षा करता रहा कि किस पक्ष के जीतने की आशा है और जब उसे किसी पक्ष की विजय का विश्वास हो जाता तो वह उसके पक्ष में सम्मिलित होकर लूट के माल में अपना हिस्सा माँगना शुरू कर देता।
1882 में इटली, जर्मनी और आस्ट्रिया के साथ ‘त्रिगुट संधि’ का हिस्सा बन गया था किन्तु जब लीबिया के सम्बन्ध में अपनी योजनाओं पर फ्रांसीसी समर्थन पाने का अवसर आया तो उसने 1902 में फ्रांस को यह आश्वासन देकर अपनी ‘श्रृगाल नीति’ का परिचय दिया कि वह फ्रैंच-जर्मन युद्ध में फ्रांस के विरुद्ध जर्मनी का साथ नहीं देगा। त्रिगुट का सदस्य होने के बाद इटली व आस्ट्रिया के हित परस्पर टकराते थे। जर्मनी ने भी इटली को कभी विश्वसनीय मित्र नहीं माना और आस्ट्रिया के विरोध में उसकी सहायता नहीं की। 1911 में जब इटली ने ट्रिपोली पर अधिकार कर लिया तो आस्ट्रिया और जर्मनी ने इटली के इस कार्य का समर्थन नहीं किया था। जर्मनी तथा आस्ट्रिया के साथ ‘त्रिगुट संधि’ के बावजूद इटली प्रथम विश्वयुद्ध में मित्र राष्ट्रों की तरफ से लड़ा क्योंकि लन्दन की संधि (1915) द्वारा मित्र राष्ट्रों की तरफ से उसे अनेक प्रदेशों का लालच दिया गया था। प्रथम विश्वयुद्ध की तरह द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रारम्भ में भी तटस्थ रहने के बाद अपनी इसी ‘श्रृगाल नीति’ का अनुसरण करते हुए मौका देखकर इटली ने 11 जून, 1940 को जर्मनी के पक्ष में फ्रांस पर उस समय आक्रमण किया जब जर्मनी अकेला की फ्रांस को लगभग तबाह कर चुका था। यद्यपि उसने प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी के विरुद्ध भाग लिया था।
बिस्मार्क ने भी इटली की इस नीति के बारे में कहा था कि ‘अतृप्त इटली, ताकझाँक करता हुआ भ्रष्टाचार एवं दुर्भाग्य की गंध से आकर्षित होकर इधर-उधर बैचेनी में फिरता है। किसी पर पीछे से आक्रमण के लिए तथा थोड़े से लूट के माल को ले भागने के लिए तैयार रहता है।’
►समीचका (Symchka) :-
रूसी क्रांति में मजदूर-किसान के ‘कभी न टूटने वाले आपसी सम्बन्ध’ के लिए प्रयुक्त।
►सिन फेन (Sinn Fein):-
आयरलैंड के राष्ट्रवादी अपने आप को ‘सिन फेन’ कहते थे। आयरिश भाषा में इसका अर्थ होता है – ‘हम अकेले। अर्थात् ‘हम अकेले करेंगे, आजादी ले लेंगे। प्रथम विश्वयुद्ध काल में ब्रिटेन द्वारा 1916 में आयरिश क्रांति दबा दी गई।
►वरा साजुलिख :-
क्रांतिकारी आंदालन की वह नायिका, जिसने सेंट पीटर्सबर्ग की पुलिस के मुखिया की हत्या का सनसनीखेज प्रयास किया।
►ओस्वाल्ड मोजले:-
कभी अनुदार दल और कभी मजदूर दल के सदस्य रह चुके ओस्वाल्ड मोजले ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद फासीवाद से प्रभावित होकर इंग्लैण्ड में संसद तथा यहूदियों के विरुद्ध प्रचार किया और ‘काली कुर्ती वाले एक दल’ का संगठन किया, किन्तु वह असफल रहा। 1918 की संसद का वह सबसे युवा सदस्य था और उसने 1932 में ब्रिटिश फासीवादी संघ की स्थापना की थी।
1935 में ब्रिटेन, फ्रांस और इटली द्वारा मिलकर बनाया गया एक संगठन, जिसका उद्देश्य हिटलर के पुनर्शस्त्रीकरण कार्यक्रम की निंदा करना था।
►निगमित राज्य :-
निगमित राज्य की स्थापना, मुसोलिनी द्वारा किए गए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सुधारों में से एक था। इसकी अवधारणा पूँजी तथा श्रम के बीच विवाद को समाप्त करने पर आधारित थी। सिद्धान्त रूप में निगम प्रणाली ने निजी उपक्रमों को हानि पहुँचाए बिना उद्योग पर सरकार का अधिक नियंत्रण स्थापित किया।
►ला लोटा दी क्लासे (वर्ग संघर्ष) :-
मुसोलिनी द्वारा निकाला गया अखबार।
►आरदिति :-
इटली के फासी शासन का राष्ट्रीय गीत।
►मैजिनो लाइन :-
फ्रांस के युद्ध मंत्री आन्द्रे मैगिनो के नाम से विख्यात फ्रांस की पूर्वी सीमा पर 1929-34 के बीच भावी जर्मन आक्रमण से बचने के लिए जर्मनी की सीमा पर बनाई गई भूमिगत किलों की क्रमबद्ध सुरक्षा रेखा। इस रेखा का अंत बेल्जियम की सीमा पर होता था। इसका अर्थ यह था कि जर्मनी फ्रांस पर बेल्जियम के रास्ते से ही आक्रमण कर सकता था। प्रत्युत्तर में जर्मनी ने भी ‘सीगफ्रीड लाइन’ तैयार की।
►सिण्डीकालिज्म :-
श्रमिकों व मिल मालिकों ने संघर्ष का अंत करने के लिए 1926 में मुसोलिनी द्वारा बनाई गई एक योजना।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान यह नाम रूस की सेना को दिया गया, जो विश्व की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना थी।
►आयरिश आन्दोलन:-
►केसीनो की लड़ाई (1944):-
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1944 में लड़ी गई यह लड़ाई भारतीय सैनिकों के बहादुरी प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है, भारतीय सैनिकों ने मित्र राष्ट्रों की तरफ से लड़ते हुए इसमें विजय प्राप्त की थी। केसीनो रोम के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक पहाड़ी प्रदेश है।
►नीला हेलमेट:-
संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना के कर्मचारी अपने देश की वर्दी धारण करते है। संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतीक के रूप में वे नीले हेलमेट का प्रयोग करते हैं।
►श्रृगाल नीति (Jackal Policy) :-
इटली द्वारा विशेष क्षेत्र में अपनाई गई नीति। इटली के शासक सदैव एक शृगाल अथवा गीदड़ की भाँति लघु एवं निर्बल देशों को अपने हमले का शिकार बनाते रहे, पहले से चोट खाए हुए राष्ट्रों को नोचते रहे और महान् राष्ट्रों की दावतों में बची हुई हड्डियों को चूसते रहे। उसका आचरण यही रहा कि विभिन्न शक्तियों से संधिबद्ध होने के बावजूद भी युद्ध आदि के अवसरों पर एक चतुर सियार की भाँति वह इस बात की प्रतीक्षा करता रहा कि किस पक्ष के जीतने की आशा है और जब उसे किसी पक्ष की विजय का विश्वास हो जाता तो वह उसके पक्ष में सम्मिलित होकर लूट के माल में अपना हिस्सा माँगना शुरू कर देता।
1882 में इटली, जर्मनी और आस्ट्रिया के साथ ‘त्रिगुट संधि’ का हिस्सा बन गया था किन्तु जब लीबिया के सम्बन्ध में अपनी योजनाओं पर फ्रांसीसी समर्थन पाने का अवसर आया तो उसने 1902 में फ्रांस को यह आश्वासन देकर अपनी ‘श्रृगाल नीति’ का परिचय दिया कि वह फ्रैंच-जर्मन युद्ध में फ्रांस के विरुद्ध जर्मनी का साथ नहीं देगा। त्रिगुट का सदस्य होने के बाद इटली व आस्ट्रिया के हित परस्पर टकराते थे। जर्मनी ने भी इटली को कभी विश्वसनीय मित्र नहीं माना और आस्ट्रिया के विरोध में उसकी सहायता नहीं की। 1911 में जब इटली ने ट्रिपोली पर अधिकार कर लिया तो आस्ट्रिया और जर्मनी ने इटली के इस कार्य का समर्थन नहीं किया था। जर्मनी तथा आस्ट्रिया के साथ ‘त्रिगुट संधि’ के बावजूद इटली प्रथम विश्वयुद्ध में मित्र राष्ट्रों की तरफ से लड़ा क्योंकि लन्दन की संधि (1915) द्वारा मित्र राष्ट्रों की तरफ से उसे अनेक प्रदेशों का लालच दिया गया था। प्रथम विश्वयुद्ध की तरह द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रारम्भ में भी तटस्थ रहने के बाद अपनी इसी ‘श्रृगाल नीति’ का अनुसरण करते हुए मौका देखकर इटली ने 11 जून, 1940 को जर्मनी के पक्ष में फ्रांस पर उस समय आक्रमण किया जब जर्मनी अकेला की फ्रांस को लगभग तबाह कर चुका था। यद्यपि उसने प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी के विरुद्ध भाग लिया था।
बिस्मार्क ने भी इटली की इस नीति के बारे में कहा था कि ‘अतृप्त इटली, ताकझाँक करता हुआ भ्रष्टाचार एवं दुर्भाग्य की गंध से आकर्षित होकर इधर-उधर बैचेनी में फिरता है। किसी पर पीछे से आक्रमण के लिए तथा थोड़े से लूट के माल को ले भागने के लिए तैयार रहता है।’
रूसी क्रांति में मजदूर-किसान के ‘कभी न टूटने वाले आपसी सम्बन्ध’ के लिए प्रयुक्त।
►सिन फेन (Sinn Fein):-
आयरलैंड के राष्ट्रवादी अपने आप को ‘सिन फेन’ कहते थे। आयरिश भाषा में इसका अर्थ होता है – ‘हम अकेले। अर्थात् ‘हम अकेले करेंगे, आजादी ले लेंगे। प्रथम विश्वयुद्ध काल में ब्रिटेन द्वारा 1916 में आयरिश क्रांति दबा दी गई।
►वरा साजुलिख :-
क्रांतिकारी आंदालन की वह नायिका, जिसने सेंट पीटर्सबर्ग की पुलिस के मुखिया की हत्या का सनसनीखेज प्रयास किया।
►ओस्वाल्ड मोजले:-
कभी अनुदार दल और कभी मजदूर दल के सदस्य रह चुके ओस्वाल्ड मोजले ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद फासीवाद से प्रभावित होकर इंग्लैण्ड में संसद तथा यहूदियों के विरुद्ध प्रचार किया और ‘काली कुर्ती वाले एक दल’ का संगठन किया, किन्तु वह असफल रहा। 1918 की संसद का वह सबसे युवा सदस्य था और उसने 1932 में ब्रिटिश फासीवादी संघ की स्थापना की थी।
►वाइमर गणतंत्र :-
प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के नये संविधान का निर्माण वाइमर नामक स्थान पर हुआ, इस कारण इसे वाइमर गणतंत्र कहा जाता है। इसके 14 वर्ष (1919 से जनवरी 1933)के काल में 21 मंत्रिमण्डल बने।
►ब्लित्सक्रीग (Blitz Krieg – ‘Lightning War’) :-
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जर्मनी की तडि़त युद्ध प्रणाली का तुफानी हमला, इस पद्धति में सभी उपलब्ध साधनों के साथ मुख्य सेना से आगे और काफी पहले शत्रु पर एकाएक धावा बोला जाता था।
►राईखस्टाग (Reichstag) :- जर्मन लोकसभा
►आनश्लूस :-
इसका शाब्दिक अर्थ है – ‘आस्ट्रिया व जर्मनी का संघ राज्य।’ हिटलर इन दोनों राज्यों का संघ बनाना चाहता था, अत: यह शब्द उसे बहुत आकर्षित करता था। हिटलर चाहता था कि एक वृहत्तर जर्मनी का निर्माण हो। यही कारण था कि आस्ट्रिया के साथ जुलाई 1936 की मैत्री संधि होने के बावजूद उसने मार्च 1938 में उस पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया। 1867 में आस्ट्रिया के हैप्सबर्ग सम्राट फ्रांज जोसफ ने हंगरी के राष्ट्रीय नेताओं से एक समझौता (ऑसग्लाइश) किया जिसके फलस्वरूप साम्राज्य द्वैत राजतंत्र में परणित हो गया। इसके अंतर्गत हंगरी व आस्ट्रिया का सम्राट एक था तथा विदेश नीति और सुरक्षा संबंधी मामले संयुक्त मंत्रिमण्डल के हाथ में थे।
►लावेनस्रोम (Lebensraum) :-
लावेनस्रोम यानी रहने के लिए अधिकाधिक स्थान प्राप्त करना। हिटलर की इस नीति का उद्देश्य चेकोस्लोवाकिया, आस्ट्रिया, पोलैण्ड और पूर्वी यूरोप (रूस) के विशाल प्रदेशों को जीतने की परिकल्पना की थी।
►लुफ्तवाफ (Luftwaffe) :-
जर्मन हवाई सेना, हिटलर के समय में इसका संगठन हरमन गोरिंग ने किया। हिटलर ने उसे अक्टूबर 1936 में जर्मन सेना और अर्थव्यवस्था को चार वर्षों के भीतर-भीतर युद्ध के लिए तैयार करने का आदेश दिया था।
►स्ट्रेस्सा फ्रंट :-प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के नये संविधान का निर्माण वाइमर नामक स्थान पर हुआ, इस कारण इसे वाइमर गणतंत्र कहा जाता है। इसके 14 वर्ष (1919 से जनवरी 1933)के काल में 21 मंत्रिमण्डल बने।
►ब्लित्सक्रीग (Blitz Krieg – ‘Lightning War’) :-
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जर्मनी की तडि़त युद्ध प्रणाली का तुफानी हमला, इस पद्धति में सभी उपलब्ध साधनों के साथ मुख्य सेना से आगे और काफी पहले शत्रु पर एकाएक धावा बोला जाता था।
►राईखस्टाग (Reichstag) :- जर्मन लोकसभा
►आनश्लूस :-
इसका शाब्दिक अर्थ है – ‘आस्ट्रिया व जर्मनी का संघ राज्य।’ हिटलर इन दोनों राज्यों का संघ बनाना चाहता था, अत: यह शब्द उसे बहुत आकर्षित करता था। हिटलर चाहता था कि एक वृहत्तर जर्मनी का निर्माण हो। यही कारण था कि आस्ट्रिया के साथ जुलाई 1936 की मैत्री संधि होने के बावजूद उसने मार्च 1938 में उस पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया। 1867 में आस्ट्रिया के हैप्सबर्ग सम्राट फ्रांज जोसफ ने हंगरी के राष्ट्रीय नेताओं से एक समझौता (ऑसग्लाइश) किया जिसके फलस्वरूप साम्राज्य द्वैत राजतंत्र में परणित हो गया। इसके अंतर्गत हंगरी व आस्ट्रिया का सम्राट एक था तथा विदेश नीति और सुरक्षा संबंधी मामले संयुक्त मंत्रिमण्डल के हाथ में थे।
►लावेनस्रोम (Lebensraum) :-
लावेनस्रोम यानी रहने के लिए अधिकाधिक स्थान प्राप्त करना। हिटलर की इस नीति का उद्देश्य चेकोस्लोवाकिया, आस्ट्रिया, पोलैण्ड और पूर्वी यूरोप (रूस) के विशाल प्रदेशों को जीतने की परिकल्पना की थी।
►लुफ्तवाफ (Luftwaffe) :-
जर्मन हवाई सेना, हिटलर के समय में इसका संगठन हरमन गोरिंग ने किया। हिटलर ने उसे अक्टूबर 1936 में जर्मन सेना और अर्थव्यवस्था को चार वर्षों के भीतर-भीतर युद्ध के लिए तैयार करने का आदेश दिया था।
1935 में ब्रिटेन, फ्रांस और इटली द्वारा मिलकर बनाया गया एक संगठन, जिसका उद्देश्य हिटलर के पुनर्शस्त्रीकरण कार्यक्रम की निंदा करना था।
►निगमित राज्य :-
निगमित राज्य की स्थापना, मुसोलिनी द्वारा किए गए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सुधारों में से एक था। इसकी अवधारणा पूँजी तथा श्रम के बीच विवाद को समाप्त करने पर आधारित थी। सिद्धान्त रूप में निगम प्रणाली ने निजी उपक्रमों को हानि पहुँचाए बिना उद्योग पर सरकार का अधिक नियंत्रण स्थापित किया।
►ला लोटा दी क्लासे (वर्ग संघर्ष) :-
मुसोलिनी द्वारा निकाला गया अखबार।
►आरदिति :-
इटली के फासी शासन का राष्ट्रीय गीत।
►मैजिनो लाइन :-
फ्रांस के युद्ध मंत्री आन्द्रे मैगिनो के नाम से विख्यात फ्रांस की पूर्वी सीमा पर 1929-34 के बीच भावी जर्मन आक्रमण से बचने के लिए जर्मनी की सीमा पर बनाई गई भूमिगत किलों की क्रमबद्ध सुरक्षा रेखा। इस रेखा का अंत बेल्जियम की सीमा पर होता था। इसका अर्थ यह था कि जर्मनी फ्रांस पर बेल्जियम के रास्ते से ही आक्रमण कर सकता था। प्रत्युत्तर में जर्मनी ने भी ‘सीगफ्रीड लाइन’ तैयार की।
►सिण्डीकालिज्म :-
श्रमिकों व मिल मालिकों ने संघर्ष का अंत करने के लिए 1926 में मुसोलिनी द्वारा बनाई गई एक योजना।
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