रक्तवर्धक, पुष्टिकर, विरेचक तथा मानसिक विकार दूर करने वाला : चुकंदर (बीटा वल्गैरिस), - Study Search Point

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रक्तवर्धक, पुष्टिकर, विरेचक तथा मानसिक विकार दूर करने वाला : चुकंदर (बीटा वल्गैरिस),

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चुकंदर (बीटा वल्गैरिसअमारैन्थ परिवार का एक पादप सदस्य है। इसे कई रूपों में, जिनमें अधिकतर लाल रंग की जड़ से प्राप्त सब्जी रूप में प्रयोगनीय उत्पाद के लिये उगाया जाता है। इसके अलावा अन्य उत्पादों में इसके पत्तों को शाक रूप में प्रयोग करते हैं, व इसे शर्करा-स्रोत रूप में भी प्रयोग किया जाता है। पशु-आहार के लिये भी कहीं-कहीं प्रयोग किया जाता है। इसकी अधिकतर प्रचलित Beta vulgaris उपजाति vulgaris में आती है। जबकि Beta vulgaris उपजाति:maritima, जोई-बीट नाम से प्रचलित है, इसी का जंगली पूर्वज है और भूमध्य सागरीय क्षेत्र, यूरोप की अंध-महासागर तटरेखा एवं भारत में उगती है। एक अन्य जंगली प्रजातिBeta vulgaris उपजाति:adanensisयूनान से सीरिया पर्यन्त पायी जाती है।
चुकंदर में पाया जाने वाला बीटेन नामक पदार्थ मस्तिष्ट को शांत रखने और स्नायुओं को आराम पहुँचाने में सहयोग करता है। साल भर मिलने वाले चुकन्दर का उपयोग सलाद में सर्वाधिक होता है। इसके पत्तों की सब्जी भी बनाई जाती है। चुकन्दर में लौह तत्व बहुत होता है इसलिए यह रक्त की कमी वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी है। आयुर्वेद के अनुसार चुकन्दर मधुर, रक्तवर्धक, पुष्टिकर, विरेचक तथा मानसिक विकार दूर करने वाला होता है। सफेद के बजाए लाल चुकन्दर ज्यादा गुणकारी रहता है। लाल चुकन्दर कब्ज, आँतों की सूजन, जिगर की बीमारियाँ, मुहाँसों तथा मासिक धर्म की बीमारियों में फायदा करता है। यह लहसुन की महक को दूर करता है, इसलिये कच्चा लहसुन खाने के बाद अगर एक पतला स्लाइस चुकंदर का खाएँ तो लहसुन की महक मुँह से नहीं आती है। ऊँगलियों से चुकंदर का लाल रंग हटाने के लिये उन्हें नीबू और नमक से रगड़ना चाहिये। चुकन्दर के रस में टमाटर का रस तथा एक चम्मच हल्दी का पाउडर मिलाकर कुछ दिन लगातार सेवन करने से त्वचा का रंग साफ हो जाता है। रूसी हो जाने पर चुकन्दर के रस में सिरका मिलाकर सिर पर लगाने से कुछ दिनों में रूसी में फायदा होता है। भोजन में नियमित रूप से करीब 100 ग्राम चुकन्दर खाने से नाखून लाल एवं चमकदार हो जाते हैं। उनका उड़ा हुआ रंग या धब्बे मिटते हैं तथा नाखून टूटने बन्द हो जाते हैं। हाथ-पैर बहुत फटते हों, तो चुकन्दर को पानी में उबालकर उस काढ़े में हाथ पैर डुबोकर रखने से लाभ होता है। हाथ पैरों पर काढ़ा लगाते रहने से वे फटना बन्द हो जाते हैं।
➥ चुकंदर में अच्छी मात्रा में लौहविटामिन और खनिज होते हैं जो रक्तवर्धन और शोधन के काम में सहायक होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह प्राकृतिक शर्करा का स्त्रोत होता है। ➥ इसमें सोडियमपोटेशियमफॉस्फोरसक्लोरीनआयोडीन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं। चुकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण हैं। इसमें उपस्थित पोटेशियम शरीर को प्रतिदिन पोषण प्रदान करने में मदद करता है तो वहीं क्लोरीन गुर्दों के शोधन में मदद करता है। यह पाचन संबंधी समस्याओं जैसे वमन, दस्त, चक्कर आदि में लाभदायक होता है। चुकंदर का रस पीने से रक्ताल्पता दूर हो जाती है क्योंकि इसमें लौह भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है। चुकंदर का रस हाइपरटेंशन और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखता है। विशेषतया महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है। चुकंदर में बेटेन नामक तत्व पाया जाता है जिसकी आंत व पेट को साफ करने के लिए शरीर को आवश्यकता होती है और चुकंदर में उपस्थित यह तत्व उसकी आपूर्ति करता है। कई शोधों के अनुसार चुकंदर कैंसर में भी लाभदायक होता है। चुकंदर और उसके पत्ते फोलेट का अच्छा स्त्रोत होते हैं, जो उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। चुकन्दर में ’बिटिन‘ नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर तथा ट्यूमर बनने की संभावनाओं को नष्ट कर देता है तथा यह शरीर में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। चुकन्दर के नियमित सेवन से दूध पिलानेवाली स्त्रियों के दूध में वृद्धि होती है। चुकन्दर का नियमित सलाद खाते रहने से पेशाब की जलन में फायदा होता है। पेशाब के साथ कैल्शियम का शरीर से निकलना बन्द हो जाता है। कब्ज तथा बवासीर में चुकन्दर गुणकारी है। रोज इसके सेवन से कब्ज तथा बवासीर की तकलीफ नहीं रहती। एनीमिया (रक्ताल्पता) में एक कप चुकन्दर का रस दिन में 3 बार लें। सुबह शाम रोज 1 कप चुकन्दर का रस सेवन करने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। इससे दिमाग की गर्मी तथा मानसिक कमजोरी दूर होती है। एक कप चुकन्दर के रस में एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर पीने से पाचन क्रिया की अनियमितताएँ दूर होती हैं तथा उल्टी, दस्त, पेचिश, पीलिया में लाभ होता है। रोजाना सोने से पहले एक कप चुकन्दर का रस पीने से बवासीर में लाभ होता है। चुकन्दर के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से गेस्ट्रिक अल्सर में फायदा होता है।

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