हिन्दी व्याकरण : हिन्दी में केवल दो लिंग होते हैं , - Study Search Point

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हिन्दी व्याकरण : हिन्दी में केवल दो लिंग होते हैं ,

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लिंग

हिन्दी में सिर्फ़ दो ही लिंग होते हैं: स्त्रीलिंग और पुल्लिंग। कोई वस्तु या जानवर या वनस्पति या भाववाचक संज्ञा स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, इसका ज्ञान अभ्यास से होता है। कभी-कभी संज्ञा के अन्त-स्वर से भी इसका पता चल जाता है।
  • पुल्लिंग- पुरुष जाति के लिए प्रयुक्त शब्द पुल्लिंग में कहे जाते हैं। जैसे - अजय, बैल, जाता है आदि
  • स्त्रीलिंग- स्त्री जाति के बोधक शब्द जैसे- निर्मला, चींटी, पहाड़ी, खेलती है, काली बकरी दूध देती है आदि।
प्राणीवाचक संज्ञाओ का लिंग निर्णय आसान है,परन्तु अप्राणीवाचक (वस्तु) संज्ञाओ के लिंग निर्णय में परेशानी होती है, क्योंकि हिन्दी व्याकरण में निर्जीव वस्तुओं को भी पुरूष या स्त्री लिंगो में बाटा जाता है। प्रायः प्रयोग या आवश्यकता के आधार पर लिंग की पहचान हो जाती है,फिरभी कुछ ऐसे प्राणीवाचक शब्द होते है,जिन्हें हमेशा स्त्रीलिंग तथा पुलिंग में ही प्रयोग किया जाता है। कुछ संज्ञा शब्द इन नियमों के अपवाद भी होते है।
कुछ प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुलिंग या स्त्रीलिंग में ही प्रयुक्त होते है।
(अ) पुलिंग - कौवा ,खटमल,गीदड़ ,मच्छर ,चीता,चीन,उल्लू आदि।
(ब ) स्त्रीलिंग - सवारी ,गुडिया ,गंगा ,यमुना ।
  • पर्वतों के नाम पुलिंग होते है। जैसे -हिमालय ,विन्द्याचल ,सतपुडा आदि।
  • देशों के नाम हमेशा पुलिंग होते है। जैसे -भारत ,चीन ,इरान ,अमेरिका आदि।
  • महीनो के नाम हमेशा पुलिंग होते है । जैसे -चैत,वैसाख ,जनवरी ,फरवरी आदि।
  • दिनों के नाम हमेशा पुलिंग होते है । जैसे - सोमवार,बुधवार ,शनिवार आदि।
  • नक्षत्र -ग्रहों के नाम पुलिंग होते है । जैसे -सूर्य,चन्द्र ,राहू ,शनि आदि।
  • नदियों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग होते है। जैसे -गंगा ,जमुना ,कावेरी आदि।
  • भाषा-बोलियों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग होते है। जैसे -हिन्दी ,उर्दू ,पंजाबी,अरबी,अवधी,पहाडी आदि।
  • "अ' से अंत होने वाले शब्द पुलिंग होते है तथा "ई' ,आई ,इन ,इया आदि से समाप्त होने वाले शब्द स्त्रीलिंग होते है। जैसे :- फल ,फूल,चित्र  चीन आदि पुलिंग शब्द है । लकड़ी ,कहानी ,नारी,लेखनी,गुडिया ,खटिया आदि स्त्रीलिंग शब्द है।
  • धातुओं ,अनाज ,द्रव्य ,पदार्थ तथा शरीर के अंगो के नाम पुलिंग होते है। जैसे -सोना,तांबा ,पानी,तेल,दूध, आदि।
  • कुछ संज्ञा शब्दों में मादा या नर लगाकर लिंग का प्रयोग किया जाता है।  - भेडिया -मादा भेडिया नर खरगोश -मादा खरगोश नर छिपकली - मादा छिपकली

विशेष -


1. जिन पदों पर साधारणतया पुरुष वर्ग ही आसीन होता रहा है, उनके सूचक संज्ञा पदों को पुल्लिंग ही माना जाता है, चाहे उन पर स्त्रियाँ ही आसीन क्यों न हो।
उदाहरण- राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री, ज़िलाधिकारी, सिपाही, पटवारी आदि।

2. जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और ग्रह के सूचक शब्द पुल्लिंग होते हैं। 
जाति - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, हिन्दू, मुसलमान, ईसाई आदि।
उपजाति - मिश्र, पांडेय, कायस्थ, खन्ना, कपूर, अग्रवाल आदि।
देश - भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका आदि।
देशवासी - भारतीय, चीनी, जापानी, रूसी, बर्मी आदि।
सागर - हिन्द, प्रशान्त, लाल, काला, भूमध्य आदि।
वार - सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
ग्रह - सूर्य, शनि, वरुण ग्रह आदि।

3. पृथ्वी, तिथि, राशि, नदी और भाषा के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
पृथ्वी - धरती, मही, वसुन्धरा।
तिथि - परिवा, दौज, तीज, चौथ, अमावस्या, पूर्णिमा।
राशि - कुम्भ, मीन, तुला, सिंह।
नदी - गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी।
भाषा - हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, मराठी, गुजराती।

4. अंगवाचक शब्द व्यवहार के अनुसार कुछ पुल्लिंग और कुछ स्त्रीलिंग माने जाते हैं। जैसे-
पुल्लिंग - हाथ, पैर, मस्तक, सिर, बाल, पेट, घुटना, पलक, होठ, दाँत, कण्ठ, गाल, पंजा, अंगूठा, नाख़ून।
स्त्रीलिंग - नाक, आँख, जीभ, पुतली, छाती, पीट, जाँघ, गुदा, एड़ी, हथेली, कुहनी, टाँग, कमर, उँगली, कलाई।

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