लाल क़िला (Red Fort) दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली भव्य क़िलों में से एक है। लाल क़िला का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह लाल पत्थरों से बना हुआ है। दिल्ली में स्थित यह ऐतिहासिक क़िला मुग़लकालीन वास्तुकला की नायाब धरोहर है। भारत का इतिहास भी इस क़िले के साथ काफ़ी नज़दीकी से जुड़ा हुआ है। यहीं से ब्रिटिश व्यापारियों ने अंतिम मुग़ल शासक, बहादुरशाह ज़फर को पद से हटाया था और तीन शताब्दियों से चले आ रहे मुग़ल शासन का अंत हुआ था। भारत की शान के प्रतीक लाल क़िले का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने सत्रहवीं शती में कराया था। तब से अब तक यह ऐतिहासिक विरासत कई हमलों को झेल चुकी है। भारत के सम्मान का प्रतीक और जंग-ए-आज़ादी का गवाह रहा दिल्ली का लाल क़िला सत्रहवीं शताब्दी में मुग़ल शासक शाहजहाँ ने बनवाया था। आगरा से दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने के लिए शाहजहाँ ने एक पुराने क़िले की जगह पर 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू करवाया था, जो 10 साल बाद 1648 में पूर्ण हुआ। मुग़ल शासक, शाहजहां ने 11 वर्ष तक आगरा पर शासन करने के बाद यह निर्णय लिया कि देश की राजधानी को दिल्ली लाया जाए और 1618 में लाल क़िले की नींव रखी गई। वर्ष 1647 में इसके उद्घाटन के बाद महल के मुख्य कक्षों को भारी पर्दों से सजाया गया। लाल क़िला एवं शाहजहाँनाबाद नगर, मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने 1639 AD में बनवाया था।
लाल क़िला मुग़ल बादशाह शाहजहाँ की नई राजधानी, शाहजहाँनाबाद का महल था। यह दिल्ली शहर की सातवीं मुस्लिम नगरी थी। शाहजहाँ ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली किया। शाहजहाँ की नये नये निर्माण कराने की महत्त्वकाँक्षा भी थी और इसमें उसकी मुख्य रुचि भी थी। लालक़िले की योजना, व्यवस्था एवं सौन्दर्य मुग़ल सृजनात्मकता का अनुपम उदाहरण है, जो शाहजहाँ के समय में अपने चरम उत्कर्ष पर था। कहा जाता है कि इस क़िले के निर्माण के बाद कई विकास कार्य स्वयं शाहजहाँ द्वारा जोडे़ गए थे। विकास के कार्य औरंगज़ेब एवं अंतिम मुग़ल शासकों द्वारा किये गये। सम्पूर्ण विन्यास में कई बदलाव ब्रिटिश काल में 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद किये गये थे।
- लाल क़िले के निर्माण में प्रयोग में लाए गए लाल बालू पत्थरों के कारण ही इसका नाम लाल क़िला पड़ा।
- इसकी दीवारें ढाई किलोमीटर लंबी और 60 फुट ऊँची हैं।
- यमुना नदी की ओर इसकी दीवारों की कुल लंबाई 18 मीटर और शहर की ओर 33 मीटर है।
- लाल क़िला सलीमगढ़ के पूर्वी छोर पर स्थित है।
- इसको अपना नाम लाल बलुआ पत्थर की प्राचीर एवं दीवार के कारण मिला है।
- यही इसकी चारदीवारी बनाती है।
- नापने पर ज्ञात हुआ है, कि इसकी योजना एक 82 मी. की वर्गाकार ग्रिड (चौखाने) का प्रयोग कर बनाई गई है।
लाहौर गेट इसका मुख्य प्रवेशद्वार है। इसके अन्दर एक लम्बा बाज़ार है। चट्टा चौक है जिसकी दीवारें पर दुकानों की कतारें हैं। इसके बाद एक बडा़ खुला हुआ स्थान है, जहाँ यह उत्तर-दक्षिण सड़क को काटती है। यही सड़क पहले क़िले को सैनिक एवं नागरिक महलों के भागों में विभाजित करती थी। इस सड़क का दक्षिणी छोर दिल्ली गेट है।
लाहौर गेट से दर्शक 'छत्ता चौक' में पहुंचते हैं, जो शाही बाज़ार हुआ करता था। इस शाही बाज़ार में दरबारी, ज़ौहरी, चित्रकार, कालीनों के निर्माता, इनेमल के कामग़ार, रेशम के बुनकर और विशेष प्रकार के दस्तकारों के परिवार रहा करते थे। शाही बाज़ार से एक सड़क नवाबर ख़ाने जाती है, जहां से दिन में पांच बार शाही बैंड बजाया जाता था। इस दरवाज़े को पार करने पर एक ओर खुला मैदान है, जो मूलतः दीवाने-ए-आम का प्रांगण था जिसे दीवान-ए-आम कहते थे। यह जनसाधारण के लिए बना वृहत प्रांगण था। एक अलंकृत सिंहासन का छज्जा दीवान की पूर्वी दीवार के बीचों बीच बना था। यह बादशाह के बैठने के लिये बना था, और सुलेमान के राज सिंहासन की नकल था। दीवान-ए-आम लाल क़िले का सार्वजनिक प्रेक्षागृह है। सेंड स्टोन से निर्मित शेल प्लास्टर से ढका हुआ यह कक्ष हाथी दांत से बना हुआ लगता है, इसमें 80 X 40 फीट का हॉल स्तंभों द्वारा बांटा गया है। राजगद्दी के पीछे की ओर शाही निजी कक्ष स्थापित हैं। इस क्षेत्र में, पूर्वी छोर पर ऊँचे चबूतरों पर बने गुम्बददार इमारतों की कतार है, जिनसे यमुना नदी का किनारा दिखाई पड़ता है। ये मण्डप एक छोटी नहर से जुडे़ हुए हैं, जिसे 'नहर-ए-बहिश्त' कहते हैं, जो सभी कक्षों के मध्य से होकर जाती है।
लाल किले ने अपने निर्माण के बाद से कई आक्रमणों का सामना किया, लेकिन कोई भी इसे पूरी तरह तबाह करने में सफल नहीं हो सका।
- 1739 में फारसी शासक नादिरशाह ने लाल क़िले पर आक्रमण करके इसके बग़ीचे और दीवारों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
- 1857 की क्रांति के दौरान अँगरेजों ने इसे भारी नुक़सान पहुँचाया था। इसके बाद से आज़ादी तक लाल क़िला अँगरेजों के कब्ज़े में रहा। ब्रिटिश शासकों ने इसे 'ब्रिटिश-इंडियन आर्मी' का मुख्यालय बना लिया था।
- 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश सेना ने लाल क़िले पर नियंत्रण कर लिया।
- एक समय था, जब 3000 लोग इस इमारत समूह में रहा करते थे। परंतु 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद, क़िले पर ब्रिटिश सेना का क़ब्ज़ा हो गया, कई रिहायशी महल नष्ट कर दिये गये।
- इसे ब्रिटिश सेना का मुख्यालय भी बनाया गया।
- इसी संग्राम के एकदम बाद बहादुरशाह ज़फर पर यहीं मुकदमा भी चला था।
- यहीं पर नवंबर 1945 में 'इण्डियन नेशनल आर्मी' के तीन अफ़सरों का कोर्ट मार्शल किया गया था। यह स्वतंत्रता के बाद 1947 में हुआ था। इसके बाद भारतीय सशस्त्र सेना ने इस क़िले का नियंत्रण ले लिया था।
- बाद में दिसम्बर 2003 में, भारतीय सेना ने इसे भारतीय पर्यटन प्राधिकारियों को सौंप दिया।
- लाल क़िला दिल्ली का सबसे चर्चित पर्यटन स्थल है, जो हर साल लाखों विदेशी सैलानियों को आकर्षित करता है। यह वही स्थान है जहाँ से हर साल 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री देशवासियों को संबोधित करते हैं। आज़ादी के दिन से यह परंपरा आज तक ज़ारी है। आज़ादी के बाद से लाल क़िला भारतीय सेना के आधिपत्य में था, लेकिन इसके रखरखाव के लिए दिसंबर 2003 में सेना से इसे 'भारतीय पर्यटन प्राधिकरण' के हवाले कर दिया।
- 22 दिसंबर 2003 को भारतीय सेना ने 56 साल पुराने अपने कार्यालय को हटाकर लाल क़िला ख़ाली किया और एक समारोह में पर्यटन विभाग को सौंप दिया। इस समारोह में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस ने कहा-
सशस्त्र सेनाओं का इतिहास लाल क़िले से जुड़ा हुआ है, पर अब हमारे इतिहास और विरासत के एक पहलू को दुनिया को दिखाने का समय है।लाल क़िला दिल्ली शहर का सर्वाधिक प्रख्यात पर्यटन स्थल है, जो लाखों पर्यटकों को प्रतिवर्ष आकर्षित करता है। यह क़िला वह स्थल भी है, जहाँ से भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को देश की जनता को सम्बोधित करते हैं। यह दिल्ली का सबसे बडा़ स्मारक भी है।
Lal Qila (Red Fort) is one of the world's most influential grand Kilon. The Red Fort is so called because it is made of red stone. This historic fort in Delhi Mughlkalin unsurpassed heritage of architecture. The history of India is also very closely connected with the castle. British merchants from here the last Mughal Emperor, Bahadur Shah Zafar, was removed from office and coming away with three centuries of Mughal rule was ended. Pride of India's Mughal emperor Shah Jahan built the red castle was built in the seventeenth century. Since then, it has sustained the historical heritage of many attacks. Indian symbol of honor and rust-e-independence witnessed seventeenth century Red Fort in Delhi was built by Mughal Emperor Shah Jahan. Shah Jahan for his capital from Agra to Delhi in the place of an old castle was built in 1638 to begin construction of the Red Fort, which was completed in 1648 after 10 years. Mughal ruler Shahjahan Agra for 11 years after it decided to rule on the nation's capital to be brought to the city and in 1618 laid the foundation of the red castle. Since its opening in the year 1647 the main halls of the palace are decorated with heavy drapes. Red Fort and Shahazhaannabad city, was built in 1639 AD by the Mughal emperor Shah Jahan.
Lal Qila Mughal emperor Shah Jahan's new capital, was the palace of Shahazhaannabad. The city of Delhi was the seventh Muslim city. Shah made his capital from Agra to Delhi. Shah Jahan was newly Mhttvkacsha of building and was his main interest. Lalkile planning, organization and beauty is a magnificent example of Mughal creativity, which was at its peak in the time of Shah Jahan. It is said that the castle was constructed, several developments were added by Shah Jahan himself. The development work carried out by Aurangzeb and last Mughal rulers. In all configuration changes during British rule were the first war of independence of 1857.
Red castle red sand stones were used in the construction of the Red Fort had the same name.
Its walls are two and a half kilometers long and 60 feet high.
The total length of the river Yamuna and its walls are 18 m and 33 m towards the town.
Red Fort is located on the eastern edge of Slimgdh.
This red sandstone ramparts and walls because of its name is found.
That makes its boundaries.
Measurers have known, that its plans, 82 m. The square grid (squares) is created using.
The Lahore Gate is the main entrance. The inside is a long market. Chatta Chowk, whose walls are rows of shops. Next is the largest open space, where it intersects the north-south road. The road to the first castle was divided into military and civil palaces. The southern end of the street is the Delhi Gate.
Lahore Gate audience hive square 'reach, which used to be the royal market. The royal courtier in the market, Jhuhri, painter, producer of carpets, enamel Kamghar of silk weavers and artisans typical family lived. A street market is Nwabr royal dinner, where the royal band was played five times a day. On the one hand the door to cross open ground, which is basically crazy-e-Aam, Diwan-e-Aam, which was called the courtyard. The large courtyard was made to the public. An ornate throne was built in the heart of the eastern wall of the Diwan visor. The Colossus was made to sit, and Suleiman's throne was copied. Diwan-e-Aam Red Fortress is a public auditorium. Shell made from sand stone covered with plaster made of ivory think this room, the 80 X 40 ft hall is divided by pillars. The royal chambers are located toward the back of the throne. The area, on the eastern edge remained on high terraces are lined vaulted buildings, which is visible edge of the river Yamuna. These tents are associated with a small canal, the "Canal-a-heaven says, all of which runs through the center of the cells.
Red Fort since its creation faced several attacks, but no one could not succeed in destroying it completely.
- Nadirshah Persian ruler in 1739 on the red castle was attacked and damaged the gardens and walls.
- Angrejon heavy damage during the Revolution of 1857 it was transported. Since its independence, the Red Fort was occupied by Angrejon. The British called it "the British-Indian Army's headquarters had made.
- After the 1857 War of Independence, British forces took control of the red castle.
- There was a time when 3,000 people lived in the building group. But the 1857 War of Independence, the castle was occupied by the British, many residential palaces destroyed.
- It was the headquarters of the British Army.
- Just after the war right here at Bahadur Shah Zafar was driving case.
- This November 1945 'Indian National Army' was the court martial of three officers. After independence in 1947, it happened. The Indian armed forces had taken control of the castle.
- Later, in December 2003, the Indian tourism authorities handed over to the Indian Army.
- Red Fort, Delhi's most popular tourist places, which each year attracts millions of foreign tourists. This is the place every year on 15 August, Prime Minister of India addresses the nation. Independence day this tradition has continued until today. After independence, the Red Fort was under the control of the Indian Army, but also for the maintenance of the army in December 2003 as "India Tourism Authority has surrendered.
- December 22, 2003, the Indian army, replacing 56-year-old Red Fort cleared out his office and handed over to the Department of Tourism at the ceremony. Defence Minister George Fernandes said at the ceremony
- The history of the armed forces is linked to the red castle, now an aspect of our history and heritage is the time to show the world.
Red Fort of Delhi is the city's most famous tourist destination, which attracts millions of tourists annually. The castle is also the venue where the Prime Minister's Independence Day on August 15, the country's public addresses. It is the largest monument in Delhi too.
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