अनन्नास के स्वास्थ्य लाभ, - Study Search Point

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अनन्नास के स्वास्थ्य लाभ,

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➤  अन्नास में क्लोरीन की पर्याप्त मात्रा होता ही जिसके कारण यह शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। यह मूलतः पैराग्वे एवं दक्षिणी ब्राज़ील का फल है।
➤ अनन्नास में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है।
➤ अनन्नास कच्चा होने पर एकदम हरा दिखता है और इसके ऊपर सख्त छिलके की परत चढ़ी होती है, जिसे मोटे चाकू से काटकर ही अलग किया जा सकता है। फल के बाहरी कठोर हिस्से पर खानेदार हिस्सों में काँटे भी उगे होते हैं, जिन्हें छीलने से पहले तोड़ना आवश्यक होता है। अनन्नास के ऊपरी सिरे पर पत्तों का गुच्छा होता है, जिसे दूर से देखने पर केवड़े के पौधे होने का भ्रम हो सकता है। अनन्नास पौधे में लगने वाले पत्ते करीब-करीब तीन-चार फुट लम्बे और लगभग चार इंच चौड़े होते हैं।
➤ अनन्नास का रस थोड़ा खट्टा किन्तु बेहद स्वादिष्ट होता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में इसके गुणों की व्यापक रूप से चर्चा की गई है और इसके सेवन को अत्यधिक लाभदायक और बलदायक बताया गया है। अनन्नास अन्य फलों जैसे आम, अमरूद, नारंगी की तरह पेड़ों पर नहीं पकता, बल्कि इसे पौधों से अलग करके पकने के लिए रखा जाता है। पकने के बाद अनन्नास कुछ-कुछ भूरे रंग या फिर कई हल्के रंगों में दिखाई देने लगता है। इसका फल पीले रंग का होता है। एक फल का भार एक किलो से पाँच-छह किलो तक हो सकता है।
➤ अनन्नास बतौर फल खाने के अलावा रस, शर्बत, मुरब्बा के रूप में भी सेवन किया जाता है। यह एक रसदार फल है इसकी फाँकें बेहद रसीली होती हैं। इसका मुरब्बे के तौर पर सेवन करें तो गर्मी के दिनों में पित्त की शिकायत नहीं होगी। अनन्नास आमतौर से नमक, जीरा और काली मिर्च के साथ सेवन करने पर बेहद लजीज और मजेदार लगता है। फल को काटने और नमक आदि लगाने के बाद तुरन्त सेवन करना आवश्यक होता है अन्यथा अनन्नास की फाँकियों से रस बाहर निकल आता है। अजीर्ण दूर करने के लिए अनन्नास की फाँक पर नमक एवं कालीमिर्च डालकर खाना चाहिए। अनन्नास का रस घबराहट तथा प्यास कम करता है। शरीर को तरावट देता है। अनन्नास एक ऐसा फल है जिसमें कोई बीज नहीं होता है। इसे अंग्रेजी में ‘पाइनएपल’ नाम से जाना जाता है।
➤ इसका सेवन पाचन, उदर रोगों, वायु विकार, पीलिया, बुखार, अम्लपित्त, अजीर्ण, डिप्थीरिया, पेट दर्द आदि रोगों में बेहद लाभप्रद और गुणकारी माना जाता है। अनन्नास में कई ऐसे रस पाए जाते हैं जो ‘पाचक रस’ (एंजाइम) के रूप में कार्य करते हैं। इसके नियमित सेवन से हृदय संबंधी सामान्य रोगों से मुक्ति मिलती है। इसका अम्लीय गुण शरीर में बनने वाले अनावश्यक पदार्थों को बाहर निकाल देता है और शारीरिक शक्ति में वृद्धि करता है।

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