मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty, बचपन का नाम: गौरांग चक्रवर्ती, 16 जून, 1950) भारत के प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और उद्यमी है। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय की शुरुआत कला फ़िल्म 'मृगया' (1976) से की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ। 1980 के दशक के अपने सुनहरे दौर में एक डांसिंग स्टार के रूप में उनके बहुत सारे प्रसंशक बने और खुद को उन्होंने भारत के सबसे लोकप्रिय प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया, विशेष रूप से1982 में बहुत बड़ी हिट फ़िल्म 'डिस्को डांसर' में स्ट्रीट डांसर जिमी की भूमिका ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। कुल मिलाकर बॉलीवुड की 350 से अधिक फ़िल्मों में अभिनय के अलावा उन्होंने बांग्ला, उड़िया और भोजपुरी में भी बहुत सारी फ़िल्में की। मिथुन मोनार्क ग्रुप के मालिक भी हैं जो हॉस्पिटालिटी सेक्टर में कार्यरत है। मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून, 1950 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ और कोलकाता के ही विख्यात स्कॉटिश चर्च कॉलेज से उन्होंने रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद वे भारतीय फ़िल्म और टेलीविजन संस्थान, पुणे से जुड़े और वहीं से स्नातक भी किया। यह बहुत ही कम लोगों को ज्ञात है कि मिथुन फ़िल्म उद्योग में प्रवेश करने से पहले एक कट्टर नक्सली थे, लेकिन उनकेपरिवार को कठिनाई का सामना तब करना पड़ा जब उनके एकमात्र भाई की मौत दुर्घटनावश बिजली के करंट लगने से हो गयी।
इसके बाद मिथुन अपने परिवार में लौट आये और नक्सली आन्दोलन से खुद को अलग कर लिया, हालांकि ऐसा करने के कारण नक्सलियों से उनके जीवन को खतरा उत्पन्न हो सकता था, क्योंकि नक्सलवाद को वन-वे रोड माना जाता रहा। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और जीवन में उन्हें एक आइकोनिक दर्जा प्रदान करने में प्रमुख कारण बना। यह बात भी कम लोग ही जानते हैं कि उन्होंने मार्शल आर्ट में महारत हासिल की है। मिथुन ने भारतीय अभिनेत्री योगिता बाली से शादी की और वे चार बच्चे, तीन बेटे और एक बेटी के पिता हैं। ज्येष्ठ पुत्र, मिमो चक्रवर्ती; जिन्होंने 2008 में बॉलीवुड फ़िल्म 'जिमी' से अपने अभिनय जीवन की शुरुआत की। उनका दूसरा बेटा, रिमो चक्रवर्ती जिसने फ़िल्म 'फिर कभी' में छोटे मिथुन की भूमिका में अभिनय किया। मिथुन के अन्य दो बच्चे नमाशी चक्रवर्ती और दिशानी चक्रवर्ती हैं।
फ़िल्मी कॅरियर
मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी पहली फ़िल्म मृणाल सेन की ‘मृगया’ के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीता था। लगभग तीन दशक बाद उनकी भूमिका फ़िल्म ‘वीर’ में सराही गयी। कुछ वर्ष पूर्व मणिरत्नम की ‘गुरु’ में भी उन्हें सराहा गया था। ‘मृगया’ के बाद मुंबई में मिथुन को लंबा संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि उनका चेहरा पारंपरिक नायक का नहीं था। बी सुभाष की फ़िल्म ‘डिस्को डांसर’ ने उन्हें सितारा हैसियत दिलाई। एक्शन और नाच-गाने की श्रेणी की फ़िल्मों में वह सिरमौर बन गए और केसी बोकाडिया की फ़िल्म ‘प्यार झुकता नहीं’ की विराट सफलता ने उन्हें ऊपर की श्रेणी में पहुंचा दिया। शायद इसी कारण अमिताभ बच्चन अभिनीत ‘अग्निपथ’ और ‘गंगा जमुना सरस्वती’ में भी उन्हें समानांतर भूमिकाएं मिलीं। मिथुन के कॅरियर में एक दौर ऐसा आया कि उनकी दर्जन भर फ़िल्में असफल हो गईं। अपनी इस असफलता से वह हतप्रभ रह गए। उन दिनों ‘मृगया’ के इस नायक ने (जो कभी नक्सलवाद से भी जुड़ा था) ऊटी में ‘मोनार्क’ नामक पांच सितारा होटल बनाया। उन्होंने वहां माहवारी वेतन पर कैमरामैन इत्यादि तकनीशियन रखे और मुंबई के वे तमाम निर्माता जिन्हें सितारे उपलब्ध नहीं थे, अपनी सीमित पूंजी लेकर ‘मोनार्क’ जाते थे, जहां तीन माह में मिथुन अभिनीत फ़िल्म बतर्ज फैक्टरी के उन्हें बनाकर दी जाती थी। सीमित बजट और अल्प समय में बनी ये फ़िल्में निर्माता को लाभ देती थीं और इन फ़िल्मों ने हिंदुस्तान के तमाम ठाठिया सिनेमाघरों को बंद होने से बचा लिया। उसी दौर में समयाभाव के कारण संस्कृत में बनने वाली एक फ़िल्म में विवेकानंद की भूमिका को उन्हें नकारना पड़ा। मिथुन कॉटेज फ़िल्म उद्योग के जनक रहे।
मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मों की सूची
- मृगया (1976) - घिनुआ
- दो अनजाने (1976) - घंटी
- मुक्ति (1977) - रंगमंच कलाकार (अतिथि पात्र)
- सुरक्षा (1979) - सी.बी.आई अफसर गोपी/गनमास्टर जी-9
- अमर दीप 1979 - साजन
- तराना 1979
- हम पाँच (1980) - भीम
- शौकीन (1981) - रवि आनंद
- वारदात (1981) - गनमास्टर
- आदत से मजबूर (1981) - अपूर्बा किशोर बीर
- डिस्को डांसर (1982) अनिल
- मुझे इंसाफ चाहिए 1983
- कसम पैदा करने वाले की (1984)
- प्यार झुकता नहीं (1985)
- ग़ुलामी (1985)
- डांस डांस (1987) - रामू
- प्यार का मंदिर (1988) - विजय
- जीते हैं शान से (1988) - जॉन
- दुश्मन (1990) (1990) - राकेश
- अग्निपथ (1990) - कृष्णन अय्यर
- दिल आशना है (1992) - सुनील
- दलाल (1993)
- तडीपार (1993)
- जल्लाद (1995) - अमावस
- रावण राज: एक सच्ची कहानी - एसीपी अर्जुन वर्मा
- लोहा (1997) - अर्जुन
- सहारा जलुची (उड़िया) (1998)
- यमराज (1998) - बिरजू
- गुंडा (1998) - शंकर
- तितली (2002) - रोहित रॉय
- एलान (2005) - बाबा सिकंदर
- लकी : नो टाइम फॉर लव (2005) - दास कपूर
- चिंगारी (2006) - भुवन पांडा
- दिल दिया है (2006)
- गुरु (2007) - मानिकदास गुप्ता
- हसन राजा (2007) - रुहुल अमीन
- माई नेम इज एंथनी गोंजाल्विस (2008)
- भोले शंकर (2008) भोजपुरी
- हीरोज़ (2008) - डॉ॰ नकवी
- चांदनी चौक टु चाइना (2008) - दादा
- सी कंपनी (2008)
- लक (2009)
- बाबर (2009)
- वीर (2009)
सम्मान और पुरस्कार -
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
- 1977 - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मृगया के लिए
- 1993 - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार ताहादेर कथा के लिए
- 1996 - सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार स्वामी विवेकानंद के लिए
फिल्मफेयर पुरस्कार
- 1990 - सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार अग्निपथ के लिए
- 1995 - सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जल्लाद के लिए
स्टार स्क्रीन पुरस्कार
- 1995 - सर्वश्रेष्ठ खलनायक का स्टार स्क्रीन पुरस्कार जल्लाद के लिए
स्टारडस्ट पुरस्कार
- 2007 - लाइफटाइम एचीवमेंट के लिए स्टारडस्ट पुरस्कार
- 2007 - साल के लिए रोल मॉडल पुरस्कार
बंगाल फिल्म पत्रकार संघ पुरस्कार
- 1977 - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का BFJA पुरस्कार मृगया के लिए
- 1995 - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का BFJA पुरस्कार ताहादेर कथा के लिए