ओड़िशा, (ओड़िआ : ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे।
राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। ओडिशा राज्य प्राचीन समय में 'कलिंग' के नाम से विख्यात था। ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी (261 ई.पू.) में मौर्य सम्राट अशोक ने कलिंग विजय करने के लिए एक शक्तिशाली सेना भेजी थी, जिसका कलिंग के निवासियों ने जमकर सामना किया। सम्राट अशोक ने कलिंग तो जीता, परन्तु युद्ध के भीषण संहार से सम्राट का मन में वितृष्णा पैदा हो गई और अशोक की मृत्यु के बाद कलिंग फिर से स्वाधीन हो गया। ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में खारवेल राजा के अधीन कलिंग एक शक्तिशाली साम्राज्य बन गया। खारवेल की मृत्यु के बाद ओडिशा की ख्याति लुप्त हो गई। चौथी शताब्दी में विजय पर निकले समुद्रगुप्त ने ओडिशा पर आक्रमण किया और इस प्रदेश के पांच राजाओं को पराजित किया। सन् 610 में ओडिशा पर शशांक नरेश का अधिकार हो गया।
ओडिशा की अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ओडिशा की लगभग 80प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में लगी है, हालांकि यहाँ की अधिकांश भूमि अनुपजाऊ या एक से अधिक वार्षिक फ़सल के लिए अनुपयुक्त है। ओडिशा में लगभग 40 लाख खेत हैं, जिनका औसत आकार 1.5 हेक्टेयर है, लेकिन प्रति व्यक्ति कृषि क्षेत्र 0.2 हेक्टेयर से भी कम है। राज्य के कुल क्षेत्रफल के लगभग 45 प्रतिशत भाग में खेत है। इसके 80 प्रतिशत भाग में चावल उगाया जाता है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें तिलहन, दलहन, जूट, गन्ना और नारियल है। सूर्य के प्रकाश की उपलब्धता में कमी, मध्यम गुणवत्ता वाली मिट्टी, उर्वरकों का न्यूनतम उपयोग और मानसूनी वर्षा के समय व मात्रा में विविधता होने के कारण यहाँ उपज कम होती है! उद्योग प्रोत्साहन एवं निवेश निगम लि., औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड और ओडिशा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ये तीन प्रमुख एजेंसियां राज्य के उद्योगों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस्पात, एल्यूमीनियम, तेलशोधन, उर्वरक आदि विशाल उद्योग लग रहे हैं। राज्य सरकार लघु, ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए छूट देकर वित्तीय मदद दे रही है। 2004 - 2005 वर्ष में 83,075 लघु उद्योग इकाई स्थापित की गयी। सूचना प्रौद्योगिक में राज्य में संतोष जनक प्रगति हो रही है। भुवनेश्वर की इन्फोसिटी में विकास केंद्र खोलने का प्रयास चल रहा है। ओडिशा सरकार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस तथा नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर ने संयुक्त रूप एक पारदर्शी और कुशल प्रणाली शुरू की है। राज्य मुख्यालय को ज़िला मुख्यालयों, सब डिवीजन मुख्यालयों, ब्लाक मुख्यालयों से जोडने के लिए ई-गवर्नेंस पर आधारित क्षेत्र नेटवर्क से जोडा जा रहा है।
ओड़िशा के जिले -
राज्य के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र हैं कोणार्क, नंदनकानन, चिलका झील, धौली बौद्ध मंदिर, उदयगिरि-खंडगिरि की प्राचीन गुफाएं, रत्नगिरि, ललितगिरि और उदयगिरि के बौद्ध भित्तिचित्र और गुफाएं, सप्तसज्या का मनोरम पहाडी दृश्य, सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान तथा बाघ परियोजना, हीराकुंड बांध, दुदुमा जलप्रपात, उषाकोठी वन्य जीव अभयारण्य, गोपानपुर समुद्री तट, हरिशंकर, नृसिंहनाथ, तारातारिणी, तप्तापानी, भितरकणिका, भीमकुंड कपिलाश आदि स्थान प्रसिद्ध हैं।
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान
- कळिंग
- उत्कळ
- उत्कलरात
- ओड्र
- ओद्र
- ओड्रदेश
- ओड
- ओडराष्ट्र
- त्रिकलिंग
- दक्शिण कोशल
- कंगोद
- तोषाळी
- छेदि (महाभारत)
- मत्स (महाभारत)
ओड़िशा के जिले -
- अनुगुल जिला
- कटक जिला
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- कलाहान्डी जिला
- केन्दुझर जिला
- केन्द्रापड़ा जिला
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- रायगड़ा जिला
- सम्बलपुर जिला
- सुन्दरगड़ जिला
- सोनपुर जिला
1947 के बाद शैक्षणिक संस्थानों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यहाँ पाँच विश्वविद्यालय (और कई संबद्ध महाविद्यालय) हैं, जिनमें उत्कल विश्वविद्यालय और उड़ीसा कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय सबसे बड़े व विख्यात हैं। शैक्षणिक संस्थानों के नाम इस प्रकार है:-कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी (भुवनेश्वर), इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (तालचर), इंस्टिट्यूट ऑफ़ फिज़िक्स (भुवनेश्वर), उड़ीसा इंजीनियरिंग कॉलेज (भुवनेश्वर), रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (राउकेला), रेवनशॉ कॉलेज (कटक), स्टीवर्ट साइंस कॉलेज (कटक), यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (संबलपुर), वी. एस. एस. मेडिकल कॉलेज (बुरला) और ज़ेवियर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (भुवनेश्वर) अन्य महत्त्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान हैं। इन संस्थानों की उपस्थिति के बावजूद उड़ीसा की जनसंख्या का एक छोटा सा भाग ही विश्वविद्यालय स्तर तक शिक्षित है और राज्य की साक्षरता दर (63.61 प्रतिशत) राष्ट्रीय औसत (65.38 प्रतिशत) से कम है।
राज्य के आर्थिक विकास में पर्यटन के महत्त्व को समझते हुए मीडिया प्रबंधन एजेंसियों और पर्व प्रबंधकों को प्रचार एवं प्रसार का कार्य दिया गया है। ओडिशा को विभिन्न महत्त्वपूर्ण पर्यटन परिजनाओं - धौली में शांति पार्क, ललितगिरि, उदयगिरि तथा लांगुडी के बौद्ध स्थलों को ढांचागत विकास और पिपिली में पर्यटन विकास का काम किया जाएगा। (पुरी) भुवनेश्वर का एकाग्र उत्सव, कोणार्क का कोणार्क पर्व के मेलों और त्योहारों के विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है।राज्य के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र हैं कोणार्क, नंदनकानन, चिलका झील, धौली बौद्ध मंदिर, उदयगिरि-खंडगिरि की प्राचीन गुफाएं, रत्नगिरि, ललितगिरि और उदयगिरि के बौद्ध भित्तिचित्र और गुफाएं, सप्तसज्या का मनोरम पहाडी दृश्य, सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान तथा बाघ परियोजना, हीराकुंड बांध, दुदुमा जलप्रपात, उषाकोठी वन्य जीव अभयारण्य, गोपानपुर समुद्री तट, हरिशंकर, नृसिंहनाथ, तारातारिणी, तप्तापानी, भितरकणिका, भीमकुंड कपिलाश आदि स्थान प्रसिद्ध हैं।
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