हिंदुस्तान के नाम को लेकर विभिन्न कहानियाँ कल्पनाएं जुड़ी हुई हैं। लेकिन शायद बहुत कम ऐसे लोग हैं जो हिंदुस्तान के नाम से जुड़े तथ्य से वाकिफ हैं। वास्तव में हिंदुस्तान को उसका नाम हिंद नदी और आर्यन उपासक द्वारा मिला जो हिंद नदी को सिंध नाम से पुकारते थे। जबकि पारसी द्वारा इसे हिंद कहा जाता था। अतः ‘हिंदुस्तान’दो नामों का मिश्रण बना। ये है- हिंदू और सिंधु। यह कहने की जरूरत नहीं है कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है। यही नहीं यहाँ पग पग में बोली बदलती है, पग पग में संस्कृति नए आवरण में नजर आती है। यहाँ परम्परा, धर्म, आधुनिकता, मान्यताएं सबकी अपनी अपनी खास विशेषताएं हैं। यही कारण है कि भारत को विविधता में एकता वाला देश कहा जाता है। लाखों-करोड़ों लोग भारत के 29 राज्यों में एक साथ रहते हैं जहाँ भाषा, इतिहास, शासक आदि विभिन्न राज्यों को नाम देने में महति भूमिका अदा करती है।
बहरहाल क्या कभी आपने सोचा है कि देश के अलग अलग राज्यों को उनके नाम विशेष कैसे मिले? शायद नहीं। आइये देश के 29 राज्यों के नामों से जुड़े दिलचस्प तथ्यों पर एक नजर -
1. जम्मू कश्मीर -
यह राज्य अपने नाम की ही तरह एक खूबसूरत घाटी है। इसे पूर्वकाल में रिशि कश्यप की घाटी के नाम से जाना जाता था। इन्हीं के नाम से शब्द ‘कश्मीर’ की उत्पत्ति हुई। इसके अलावा संस्कृत में ‘क’ का मतलब पानी और ‘शीमीरा’ का अर्थ सूख जाना होता है। जहाँ तक बात जम्मू शब्द की उत्पत्ति की है तो यह इसके शासक राजा जम्बू लोचन के नाम से उत्पन्न हुआ है।
2. हिमाचल प्रदेश -
नाम से स्पष्ट है। यह हिम का आंचल है। इस प्रदेश का नाम भी संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुआ है। संस्कृत में हिम का अर्थ होता है बर्फ और आंचल का मतलब पहाड़। पूर्णतः इसे बर्फीले पहाड़ों का घर कहा जाता है।
3. पंजाब -
पंजाब असल में इंडो-इरानी शब्द है। बहरहाल ‘पंज’ शब्द का अर्थ है पांच और ‘आब’ का मतलब पानी। अतः इसे पांच नदियों की भूमि के रूप में जाना जाता है।
4. उत्तराखण्ड -
सन 2000 में उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक नए राज्य के रूप में उभरा। इसका अर्थ है उत्तरी पहाड़। लेकिन बाद में इसका नाम उत्तरांचल से उत्तराखण्ड कर दिया गया जिसका मतलब है उत्तरी भूमि।
5. हरियाणा -
हरियाणा दो शब्दों से मिलकर बना है। हरि और आना। हरि मतलब विष्णु या फिर विष्णु के अवतार श्री कृष्ण। समग्रता में आप कह सकते हैं कि हरि को आने के लिए कहा जा रहा है। मान्यताओं के मुताबिक महाभारत काल में श्री कृष्ण यहाँ आए थे। इसी कारण इस राज्य का नाम हरियाणा रखा गया।
6. उत्तर प्रदेश -
उत्तर यानी उत्तरी दिशा और प्रदेश यानी राज्य। इस राज्य के लिए हम कह सकते हैं कि राज्य जो उत्तर दिशा में स्थित है।
7. राजस्थान -
यह नाम संस्कृत शब्द ‘राजा’ से उत्पन्न हुआ है। लेकिन प्राचीन समय में इस शहर को ‘राजपुताना’ नाम से जाना जाता था अर्थात राजपूतों का शहर।
8. बिहार -
यह पाली शब्द ‘विहार’ से उत्पन्न हुआ है। इसका अर्थ है आवास या डेरा डालना। समय के साथ यह विहार से बिहार हुआ। एक समय तक इसे बौद्ध मठधारियों के विहार का स्थाना माना जाता था।
9. पश्चिम बंगाल -
जरा सोचिए कि बंगाल के साथ पश्चिम क्यों जुड़ा? इससे पहले कि हम इसके नाम के इतिहास के बारे में जानें, यह जान लेना आवश्यक है कि इसकी उत्पत्ति किस भाषा से हुई है। इस नाम की उत्पत्ति भी संस्कृत भाषा से ही हुई है। संस्कृत शब्द ‘वांग’ से इसे लिया गया है। लेकिन समय के साथ साथ इसे अलग अलग नामों से पुकारा जाने लगा। मसलन पारसी इसे बांग्लाह के नाम से पुकारते थे। जबकि हिंदी में इसे बंगाल कहा जाता है और बंगाली में इसे बांग्ला कहा जाने लगा। असल में इस नाम के साथ पश्चिम 1905 के विभाजन के बाद जुड़ा। 1947 में हुए विभाजन के बाद पश्चिम बंगाल एक राज्य बना जबकि पूर्व बंगाल एक नए देश के रूप में विश्व मानचित्र में जुड़ा जो बांग्लादेश नाम से जाना गया।
10. झारखण्ड -
झारखण्ड संस्कृत शब्द ‘झर’ से बना है। इसका अर्थ है जंगल और खण्ड मतलब है भूमि। अतः समग्रता में आप इसे जंगल की भूमि कह सकते हैं। झारखण्ड को ‘वनांचल’ नाम से भी जाना जाता है।
11. ओडिशा -
यह संस्कृत शब्द ‘ओडरा विषय’या ‘ओडरा देश’से उत्पन्न हुआ है। इसका मतलब है कि ओडरा लोग जो मध्य भारत में निवास करते हैं।
12. छत्तीसगढ़ -
पहले इस राज्य को दक्षिण कोसला के नाम से जाना जाता था। लेकिन इस नाम से सम्बंधित किसी तरह के प्रमाण या साक्ष्य मौजूद नहीं है। जबकि इस राज्य में 36 किले मौजूद हैं। यही कारण है कि इसे आज हम छत्तीसगढ़ के नाम से जानते हैं।
13. मध्य प्रदेश -
मध्य प्रदेश मतलब मध्य में स्थित राज्य। आजादी के पहले देश के ज्यादातर राज्य मध्य प्रदेश के रूप में ही जाने जाते थे जो कि ब्रितानियों द्वारा प्रशासित राज्य थे। सन 1950 में सेंट्रल प्रोविंस और बरार, मकरई और छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर सेंट्रल प्रोविंस के रूप में जाना जाने लगे।
14. गुजरात -
इसकी उत्पत्ति गुजरा से हुई। असल में यह वह भूमि है जो 700 और 800 में गुज्जरों द्वारा शासित थी। अतः इसे गुज्जरों की भूमि कहा जाता था।
15. महाराष्ट्र -
महाराष्ट्र के नाम के साथ विभिन्न किस्म के मत जुड़े हुए हैं।
- इसकी संस्कृत शब्द से उत्पत्ति हुई है। ‘महा’ मतबल महान और ‘राष्ट्र’ मतलब देश यानी महान देश।
- इसके अलावा अशोक के अभिलेखों के मुताबिक इसकी उत्पत्ति वंश से हुई है अतः इसे राष्ट्रिका कहा जाता है।
- राष्ट्रकूट एक वंश है जिसका 8 से 10 सदी तक शासन रहा है और राष्ट्र शब्द ‘रत्ता’ से उत्पन्न हुआ है।
- यही नहीं यह भी माना जाता है कि राष्ट्र शब्द ‘राठी’या ‘रथ’ से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ होता है रथ गाड़ी।
16. गोआ -
अब तक ठीक ठीक यह नहीं कहा जा सकता है कि इस शहर को ‘गोआ’ नाम कैसे मिला। संभवतः यह शब्द संस्कृत से लिया गया है। जिसमें ‘गो’का अर्थ गाय होता है। कुछ लोगों की मान्यता है कि गोआ यूरोपीय या पुर्तगाली शब्द है।
17. आंध्र प्रदेश -
यह संस्कृत शब्द ‘आंध्र’ से उभरा है। इसका अर्थ है दक्षिण। इस क्षेत्र विशेष में जनजातियों का भी आवास है जिन्हें ‘आंध्र’के नाम से जाना जाता है। मौर्य काल के इतिहास आंध्र भ्रुट्य के रूप में जाना जाता था। इसका मतलब है दक्षिण के नौकरशाह।
18. कर्नाटक -
इसकी उत्पत्ती ‘करू’शब्द से हुई है। इसका अर्थ है कि गगनचुम्बी। ‘नाद’मतलब भूमि। यह दक्कन पठार को परिलक्षित करता है।
19. तमिलनाडु -
तमिलनाडु का अर्थ है कि तमिलों का घर। तमिल मतलब मीठा शरबत। नाडु एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ है जन्मभूमि या देश।
20. केरला -
इस शहर के नाम के साथ भी कई मत जुड़े हैं।
- इसकी उत्पत्ति ‘चरना’से हुई है जिसका अर्थ है संकलित और ‘आलम’ यानी भूमि।
- केरलम शब्द चेरा वंश के शासकों से उत्पन्न हुआ है जो कि 1-5 ए.डी. तक मौजूद रहे। शब्द बना ‘चेरा आलम’ अंततः इसका नाम बदलकर केरलम हुआ।
- संस्कृत शब्द ‘केरलम’ का अर्थ है एक जुड़ी हुई भूमि।
- भौगोलिक रूप से कह सकते हैं कि केरला समुद्र से निकली अतिरिक्त भूमि है।
21. तेलंगाना -
तेलंगाना शब्द ‘त्रिलिंग’ से उत्पन्न हुआ है। इसका अर्थ है शिव के तीन लिंग।
22. सिक्किम -
इसकी उत्पत्ति लिम्बु से हुई है। इसमें ‘सू’ का अर्थ है नया और ‘खिम’का अर्थ है विशाल भवन। पूर्णतः में हम कह सकते हैं नया विशाल भवन। इसके अलावा सिक्किम को तिब्बती भाषा में डेंजांग नाम से जाना जाता है।
क्या आपने कभी विचार किया है कि सात बहनों की भूमि कैसे अस्तित्व में आयी?
यह उपाधि मूल रूप से सात बहनों के बीच समानता दर्शाने के लिए दी गई थी। ज्योति प्रसाद सैकिया जो कि त्रिपुरा में पत्रकार थे द्वारा जनवरी 1972 में नए राज्यों के उद्घाटन के समय रेडिया टाक शो के जरिये ऐसा किया गया। बाद में सात बहनों की परस्पर निर्भरता और साधारणता पर एक किताब संकलित हुई और सात बहनों की भूमि के रूप में यह नाम दिया गया। इस प्रकाशन से यह नाम अस्तित्व में आया ।
23. अरुणाचल प्रदेश -
इसकी उत्पत्ति अरुण शब्द से हुई है। इसका अर्थ है सुबह की ज्योति और आंचल मतलब पहाड़ अर्थात सुबह की ज्योति का पहाड़।
24. असम -
इसका मतलब ‘अहम’शासकों से उत्पन्न हुआ है। जिन्होंने 6 सदियों तक असम पर राज किया। अहम इंडो-आर्यन शब्द असामा से भी उत्पन्न माना जाता है जिसका अर्थ है अनियमित।
25. मेघालय -
यह राज्य बादलों का घर है। मेघ यानी बादल और आलय यानी घर अर्थात बादलों का घर।
26. मणिपुर -
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है यह मणियों का शहर है।
27. मिज़ोरम -
‘मी’का अर्थ है लोग और ‘ज़ो’यानी पहाड़ के निवासी।
28. नागालैंड -
नागालैंड शब्द की उत्पत्ति बर्मा शब्द से हुई है। यह है नाका। नाका का अर्थ नागा होता है। नागा मतलब ऐसे लोग जिनके नाक और कान छिदे हुए होते हैं। इसे नागा की भूमि भी कहा जाता है।
29. त्रिपुरा -
त्रिपुरा के नाम के साथ कई मत और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
- त्रिपुरा, कोकबोरोक शब्द से जन्मा है। इसका अर्थ है ‘तुई। ‘तुई’ मतलब पानी और ‘पारा’ मतलब नजदीक।
- मान्यता के मुताबिक राजा त्रिपुर के नाम से इस राज्य को त्रिपुरा नाम मिला। शायद ही आप इस तथ्य से वाकिफ हों कि यह राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से देश का तीसरा सबसे छोटा राज्य है।
साभार - जागरण जोश,
बहरहाल क्या कभी आपने सोचा है कि देश के अलग अलग राज्यों को उनके नाम विशेष कैसे मिले? शायद नहीं। आइये देश के 29 राज्यों के नामों से जुड़े दिलचस्प तथ्यों पर एक नजर -
1. जम्मू कश्मीर -
यह राज्य अपने नाम की ही तरह एक खूबसूरत घाटी है। इसे पूर्वकाल में रिशि कश्यप की घाटी के नाम से जाना जाता था। इन्हीं के नाम से शब्द ‘कश्मीर’ की उत्पत्ति हुई। इसके अलावा संस्कृत में ‘क’ का मतलब पानी और ‘शीमीरा’ का अर्थ सूख जाना होता है। जहाँ तक बात जम्मू शब्द की उत्पत्ति की है तो यह इसके शासक राजा जम्बू लोचन के नाम से उत्पन्न हुआ है।
2. हिमाचल प्रदेश -
नाम से स्पष्ट है। यह हिम का आंचल है। इस प्रदेश का नाम भी संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुआ है। संस्कृत में हिम का अर्थ होता है बर्फ और आंचल का मतलब पहाड़। पूर्णतः इसे बर्फीले पहाड़ों का घर कहा जाता है।
3. पंजाब -
पंजाब असल में इंडो-इरानी शब्द है। बहरहाल ‘पंज’ शब्द का अर्थ है पांच और ‘आब’ का मतलब पानी। अतः इसे पांच नदियों की भूमि के रूप में जाना जाता है।
4. उत्तराखण्ड -
सन 2000 में उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक नए राज्य के रूप में उभरा। इसका अर्थ है उत्तरी पहाड़। लेकिन बाद में इसका नाम उत्तरांचल से उत्तराखण्ड कर दिया गया जिसका मतलब है उत्तरी भूमि।
5. हरियाणा -
हरियाणा दो शब्दों से मिलकर बना है। हरि और आना। हरि मतलब विष्णु या फिर विष्णु के अवतार श्री कृष्ण। समग्रता में आप कह सकते हैं कि हरि को आने के लिए कहा जा रहा है। मान्यताओं के मुताबिक महाभारत काल में श्री कृष्ण यहाँ आए थे। इसी कारण इस राज्य का नाम हरियाणा रखा गया।
6. उत्तर प्रदेश -
उत्तर यानी उत्तरी दिशा और प्रदेश यानी राज्य। इस राज्य के लिए हम कह सकते हैं कि राज्य जो उत्तर दिशा में स्थित है।
7. राजस्थान -
यह नाम संस्कृत शब्द ‘राजा’ से उत्पन्न हुआ है। लेकिन प्राचीन समय में इस शहर को ‘राजपुताना’ नाम से जाना जाता था अर्थात राजपूतों का शहर।
8. बिहार -
यह पाली शब्द ‘विहार’ से उत्पन्न हुआ है। इसका अर्थ है आवास या डेरा डालना। समय के साथ यह विहार से बिहार हुआ। एक समय तक इसे बौद्ध मठधारियों के विहार का स्थाना माना जाता था।
9. पश्चिम बंगाल -
जरा सोचिए कि बंगाल के साथ पश्चिम क्यों जुड़ा? इससे पहले कि हम इसके नाम के इतिहास के बारे में जानें, यह जान लेना आवश्यक है कि इसकी उत्पत्ति किस भाषा से हुई है। इस नाम की उत्पत्ति भी संस्कृत भाषा से ही हुई है। संस्कृत शब्द ‘वांग’ से इसे लिया गया है। लेकिन समय के साथ साथ इसे अलग अलग नामों से पुकारा जाने लगा। मसलन पारसी इसे बांग्लाह के नाम से पुकारते थे। जबकि हिंदी में इसे बंगाल कहा जाता है और बंगाली में इसे बांग्ला कहा जाने लगा। असल में इस नाम के साथ पश्चिम 1905 के विभाजन के बाद जुड़ा। 1947 में हुए विभाजन के बाद पश्चिम बंगाल एक राज्य बना जबकि पूर्व बंगाल एक नए देश के रूप में विश्व मानचित्र में जुड़ा जो बांग्लादेश नाम से जाना गया।
10. झारखण्ड -
झारखण्ड संस्कृत शब्द ‘झर’ से बना है। इसका अर्थ है जंगल और खण्ड मतलब है भूमि। अतः समग्रता में आप इसे जंगल की भूमि कह सकते हैं। झारखण्ड को ‘वनांचल’ नाम से भी जाना जाता है।
11. ओडिशा -
यह संस्कृत शब्द ‘ओडरा विषय’या ‘ओडरा देश’से उत्पन्न हुआ है। इसका मतलब है कि ओडरा लोग जो मध्य भारत में निवास करते हैं।
12. छत्तीसगढ़ -
पहले इस राज्य को दक्षिण कोसला के नाम से जाना जाता था। लेकिन इस नाम से सम्बंधित किसी तरह के प्रमाण या साक्ष्य मौजूद नहीं है। जबकि इस राज्य में 36 किले मौजूद हैं। यही कारण है कि इसे आज हम छत्तीसगढ़ के नाम से जानते हैं।
13. मध्य प्रदेश -
मध्य प्रदेश मतलब मध्य में स्थित राज्य। आजादी के पहले देश के ज्यादातर राज्य मध्य प्रदेश के रूप में ही जाने जाते थे जो कि ब्रितानियों द्वारा प्रशासित राज्य थे। सन 1950 में सेंट्रल प्रोविंस और बरार, मकरई और छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर सेंट्रल प्रोविंस के रूप में जाना जाने लगे।
इसकी उत्पत्ति गुजरा से हुई। असल में यह वह भूमि है जो 700 और 800 में गुज्जरों द्वारा शासित थी। अतः इसे गुज्जरों की भूमि कहा जाता था।
15. महाराष्ट्र -
महाराष्ट्र के नाम के साथ विभिन्न किस्म के मत जुड़े हुए हैं।
- इसकी संस्कृत शब्द से उत्पत्ति हुई है। ‘महा’ मतबल महान और ‘राष्ट्र’ मतलब देश यानी महान देश।
- इसके अलावा अशोक के अभिलेखों के मुताबिक इसकी उत्पत्ति वंश से हुई है अतः इसे राष्ट्रिका कहा जाता है।
- राष्ट्रकूट एक वंश है जिसका 8 से 10 सदी तक शासन रहा है और राष्ट्र शब्द ‘रत्ता’ से उत्पन्न हुआ है।
- यही नहीं यह भी माना जाता है कि राष्ट्र शब्द ‘राठी’या ‘रथ’ से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ होता है रथ गाड़ी।
16. गोआ -
अब तक ठीक ठीक यह नहीं कहा जा सकता है कि इस शहर को ‘गोआ’ नाम कैसे मिला। संभवतः यह शब्द संस्कृत से लिया गया है। जिसमें ‘गो’का अर्थ गाय होता है। कुछ लोगों की मान्यता है कि गोआ यूरोपीय या पुर्तगाली शब्द है।
यह संस्कृत शब्द ‘आंध्र’ से उभरा है। इसका अर्थ है दक्षिण। इस क्षेत्र विशेष में जनजातियों का भी आवास है जिन्हें ‘आंध्र’के नाम से जाना जाता है। मौर्य काल के इतिहास आंध्र भ्रुट्य के रूप में जाना जाता था। इसका मतलब है दक्षिण के नौकरशाह।
18. कर्नाटक -
इसकी उत्पत्ती ‘करू’शब्द से हुई है। इसका अर्थ है कि गगनचुम्बी। ‘नाद’मतलब भूमि। यह दक्कन पठार को परिलक्षित करता है।
19. तमिलनाडु -
तमिलनाडु का अर्थ है कि तमिलों का घर। तमिल मतलब मीठा शरबत। नाडु एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ है जन्मभूमि या देश।
20. केरला -
इस शहर के नाम के साथ भी कई मत जुड़े हैं।
- इसकी उत्पत्ति ‘चरना’से हुई है जिसका अर्थ है संकलित और ‘आलम’ यानी भूमि।
- केरलम शब्द चेरा वंश के शासकों से उत्पन्न हुआ है जो कि 1-5 ए.डी. तक मौजूद रहे। शब्द बना ‘चेरा आलम’ अंततः इसका नाम बदलकर केरलम हुआ।
- संस्कृत शब्द ‘केरलम’ का अर्थ है एक जुड़ी हुई भूमि।
- भौगोलिक रूप से कह सकते हैं कि केरला समुद्र से निकली अतिरिक्त भूमि है।
21. तेलंगाना -
तेलंगाना शब्द ‘त्रिलिंग’ से उत्पन्न हुआ है। इसका अर्थ है शिव के तीन लिंग।
इसकी उत्पत्ति लिम्बु से हुई है। इसमें ‘सू’ का अर्थ है नया और ‘खिम’का अर्थ है विशाल भवन। पूर्णतः में हम कह सकते हैं नया विशाल भवन। इसके अलावा सिक्किम को तिब्बती भाषा में डेंजांग नाम से जाना जाता है।
क्या आपने कभी विचार किया है कि सात बहनों की भूमि कैसे अस्तित्व में आयी?
यह उपाधि मूल रूप से सात बहनों के बीच समानता दर्शाने के लिए दी गई थी। ज्योति प्रसाद सैकिया जो कि त्रिपुरा में पत्रकार थे द्वारा जनवरी 1972 में नए राज्यों के उद्घाटन के समय रेडिया टाक शो के जरिये ऐसा किया गया। बाद में सात बहनों की परस्पर निर्भरता और साधारणता पर एक किताब संकलित हुई और सात बहनों की भूमि के रूप में यह नाम दिया गया। इस प्रकाशन से यह नाम अस्तित्व में आया ।
23. अरुणाचल प्रदेश -
इसकी उत्पत्ति अरुण शब्द से हुई है। इसका अर्थ है सुबह की ज्योति और आंचल मतलब पहाड़ अर्थात सुबह की ज्योति का पहाड़।
24. असम -
इसका मतलब ‘अहम’शासकों से उत्पन्न हुआ है। जिन्होंने 6 सदियों तक असम पर राज किया। अहम इंडो-आर्यन शब्द असामा से भी उत्पन्न माना जाता है जिसका अर्थ है अनियमित।
25. मेघालय -
यह राज्य बादलों का घर है। मेघ यानी बादल और आलय यानी घर अर्थात बादलों का घर।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है यह मणियों का शहर है।
27. मिज़ोरम -
‘मी’का अर्थ है लोग और ‘ज़ो’यानी पहाड़ के निवासी।
28. नागालैंड -
नागालैंड शब्द की उत्पत्ति बर्मा शब्द से हुई है। यह है नाका। नाका का अर्थ नागा होता है। नागा मतलब ऐसे लोग जिनके नाक और कान छिदे हुए होते हैं। इसे नागा की भूमि भी कहा जाता है।
29. त्रिपुरा -
त्रिपुरा के नाम के साथ कई मत और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
- त्रिपुरा, कोकबोरोक शब्द से जन्मा है। इसका अर्थ है ‘तुई। ‘तुई’ मतलब पानी और ‘पारा’ मतलब नजदीक।
- मान्यता के मुताबिक राजा त्रिपुर के नाम से इस राज्य को त्रिपुरा नाम मिला। शायद ही आप इस तथ्य से वाकिफ हों कि यह राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से देश का तीसरा सबसे छोटा राज्य है।
साभार - जागरण जोश,
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