आज का इतिहास 16 जून, 17 जून, 18 जून - Study Search Point

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आज का इतिहास 16 जून, 17 जून, 18 जून

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1733 ईसवी को ब्रिटेन के रसायन व भौतिक शास्त्री जोज़फ़ प्रिसली का फ़ील्ड  नामक नगर में जन्म हुआ। उन्होंने ऐसे काल में समय बिताया जिसे रसायन शास्त्र का स्वर्णिम काल कहा जाता है

1779- स्पेन ने अमेरिका के समर्थन में ग्रेट ब्रिटेन पर हमले की घोषणा की। 

1881- आस्ट्रिया और हंगरी ने सर्बिया के साथ सैन्य संधि पर हस्ताक्षर किए। 

 1944 ईसवी को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमरीकी वायु सेना ने जापान के दक्षिणी नगर फ़ोकोला पर बम्बारी करके जापान के विरुद्ध अपना हवाई आक्रमण आरंभ किया। अमरीका ने जापान को हथियार डालने पर विवश करने के लिए यह बम्बारी की थी। 


1948 ईसवी को पहली बार किसी विमान के अपचालन की घटना घटी। जिस विमान का अपचालन किया गया उसका नाम था मिस माकाऊ और उसका संबंध कैथे पैसेफ़िक एयरवेज़ से था। यह विमान माकाऊ के हवाई अड्डे से हांगकांग जा रहा था कि उड़ान के तुरंत बाद एक गुट ने जिसका नेतृत्व वुंग यूमीन नामक एक व्यक्ति कर रहा था, इस विमान का अपचालन कर लिया किन्तु विमान के पायलट ने अपचालकों का आदेश मानने से इन्कार कर दिया जिस पर अपचालकों ने गोली चला दी।

1963 ईसवी को सोवियत संघ की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री वैलेन्टीना टशकोवा ने वेस्टोक-6 नामक अंतरिक्ष यान में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा आरंभ की। अंतरिक्षा यात्रा पूरी करके वे उस समय लौटीं जब सोवियत संघ के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बीकोफ़िस्की पृथ्वी का चक्कर काट रहे थे। 

2012- बहुराष्ट्रीय शीतल पेय कंपनी कोका कोला ने म्यांमार में 60 वर्षों के बाद व्यापार शुरू किया।

आज का इतिहास  17 जून

1576 ईसवी को हॉलैंड में स्पेन के विरुद्ध जनविरोध का नेतृत्व करने वाले विलियम दि साइलेन्ट ने देश की स्वतंत्रता की घोषणा की। यह विद्रोह सन 1568 में तेज़ हुआ था और हालैंड के सात राज्यों के एक साथ मिल जाने के बाद स्वतंत्र देश की स्थापना के लिए भूमि समतल हो गयी। 

1925 ईसवी को जेनेवा में रसायनिक और जौविक हथियारों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के आधार पर हर प्रकार के जैविक हथियार अर्थात घातक गैस और रासायन आदि का युद्ध में प्रयोग वर्जित घोषित कर दिया गया। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों की संख्या 29 थी। बाद में यह संख्या बढ़ी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा व्यापक स्तर पर रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रयोग के कारण यह समझौता हुआ। 
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1944 ईसवी को आइसलैंड द्वीप के निवासियों ने डेनमार्क से अपनी भूमि को स्वतंत्र कराने में सफलता प्राप्त की और हर वर्ष आज का दिन इस देश में राष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाया जाता है। 10वीं ईसवी शताब्दी तक आइसलैंड स्वतंत्र देश था किंतु उसके बाद नार्वे और फिर डेनमार्क के अधिकार में चला गया। 

आज का इतिहास 18 जून
1576- महाराणा प्रताप और मुगल शासक अकबर के बीच हल्दीघाटी का युद्ध शुरू हुआ। 

1812- अमेरिका और ब्रिटेन के बीच युद्ध शुरू हुआ। 


1815 ईसवी को नेपोलियन बोनापार्ट और संयुक्त योरोपीय देशों के बीच वॉटरलू की अंतिम और ऐतिहासिक लड़ाई हुई। इस युद्ध में बेल्जियम के वाटरलू नामक गांव में प्रॉस की संयुक्त सेनाओं ने नेपोलियन बोनापार्ट की सेना के विरुद्ध मोर्चा संभाला। इस युद्ध के दौरान चूंकि भारी वर्षा हो गयी अत: नेपोलियन की सेना की तोपों का आगे बढ़ना कठिन हो गया। 


1837- स्पेन ने नया संविधान अपनाया। 

1858- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेज सेना के साथ से लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुईं। 

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1946- डॉ़ राममनोहर लोहिया की अगुवाई में गोवा में पुर्तगाल के शासन से आजादी के लिए पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू हुआ। 


1953 ईसवी को मिस्र में गणतांत्रिक व्यवस्था की घोषणा की गयी। तथा इसदेश के नरेश मलिक फ़ारुक़ को सपरिवार देश निकाला दे दिया गया। ज़ायोनी शासन से युद्ध में पराजय के कारण जनता का विश्वास मलिक फ़ारुक़ से उठ गया और देश में अफ़रातफ़री मच गयी। जिसके बाद मिस्र की सेना में एक गुप्त संगठान बन गया जो ब्रिटेन के वर्चस्व और मिस्र के नरेश का कटटर विरोधी था। 


1956- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम पारित हुआ। 

1987- एम एस स्वामीनाथन को पहला विश्व खाद्य पुरस्कार मिला। 


 1997 ईसवी को तुर्की के इस्लामवादी प्रधान मंत्री नज्मुददीन अर्बकान, इस देश के सैनिकों के दबाव में त्यागपत्र देन पर विवश हुए। इससे पहले 1994 में तुर्की में मध्यावधि चुनाव में अर्बकान के नेतृत्व में रिफ़ाह पार्टी ने भारी बहुमत प्राप्त किया था और उन्होंने गठबंधन से मंत्रिमंडल बनाया था। किंतु देश के सैनिक अधिकारियों और धर्मविरोधी धड़ों ने उनके मार्ग में भारी रुकावटें डालीं। अर्बकान इस्लामी झुकाव वालों के जनसंहार को अनुचित तथा ज़ायोनी शासन से संबंधों को अवैध मानते थे। उन्होंने इस्लामी देशों से तुर्की के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए व्यवहारिक क़दम उठाए। 
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