अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी, लघुनाम:आईएईए) एक स्वायत्त विश्व संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है। यह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार रोकने में प्रयासरत रहती है। इस संस्था का गठन 29 जुलाई, 1957 को हुआ था। इसका मुख्यालय वियना, आस्ट्रिया में है। संस्था ने 1986 में रूस के चेरनोबल में हुई नाभिकीय दुर्घटना के बाद अपने नाभिकीय सुरक्षा कार्यक्रम को विस्तार दिया है। वर्तमान में इसके महासचिव मिस्र मूल के मोहम्मद अलबारदेई हैं। अलबारदेई को संयुक्त रूप से 2005 का शांति नोबेल पुरस्कार दिया गया। इसके सबसे पहले महासचिव डब्ल्यू स्टर्लिंग कोल (1957-1961) थे। आईएईए बोर्ड के 35 सदस्य देशों में से 26 नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह सदस्य देश हैं।
आईएईए सीधे सीधे संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन नहीं है, लेकिन यह संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट देती है। इस संस्था के मुख्यत: तीन अंग हैं -
बोर्ड ऑफ गर्वनर्स में सदस्यों की संख्या 35 होती है, जिनमें से 13 सदस्य पिछले बोर्ड से लिए जाते हैं, जबकि शेष 22 सदस्यों का चुनाव सामान्य सम्मेलन द्वारा होता है। बोर्ड ऑफ गर्वनर्स का मुख्य कार्य आईएईए की नीतियों का निर्धारण करना है।
संस्था अपने बजट का प्रस्ताव जनरल कांफ्रेस के सामने रखती है। इसके अलावा इसे महासचिव का भी चुनाव करना होता है। जनरल कांफ्रेंस की प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में बैठक होती है, जिसमें बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा प्रस्तावित बजट और कार्यो की सहमति प्रदान की जाती है। सचिवालय के अध्यक्ष महासचिव होते हैं। यह जनरल कांफ्रेंस और बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा लाए गए प्रस्तावों को कार्यरूप में लाने के लिए उत्तरदायी होता है। इस संस्था के तीन मुख्य काम हैं-
- राज्यपालों का बोर्ड (बोर्ड ऑफ गर्वनर्स),
- सामान्य सम्मेलन (जनरल कांफ्रेंस) और
- सचिवालय (सेकेट्रेरिएट)
बोर्ड ऑफ गर्वनर्स में सदस्यों की संख्या 35 होती है, जिनमें से 13 सदस्य पिछले बोर्ड से लिए जाते हैं, जबकि शेष 22 सदस्यों का चुनाव सामान्य सम्मेलन द्वारा होता है। बोर्ड ऑफ गर्वनर्स का मुख्य कार्य आईएईए की नीतियों का निर्धारण करना है।
संस्था अपने बजट का प्रस्ताव जनरल कांफ्रेस के सामने रखती है। इसके अलावा इसे महासचिव का भी चुनाव करना होता है। जनरल कांफ्रेंस की प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में बैठक होती है, जिसमें बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा प्रस्तावित बजट और कार्यो की सहमति प्रदान की जाती है। सचिवालय के अध्यक्ष महासचिव होते हैं। यह जनरल कांफ्रेंस और बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा लाए गए प्रस्तावों को कार्यरूप में लाने के लिए उत्तरदायी होता है। इस संस्था के तीन मुख्य काम हैं-
- सुरक्षा,
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं
- सुरक्षा व संपुष्टि
कई संयुक्त राष्ट्र सदस्य इस संस्था के सदस्य हैं। जो भागीदार नहीं हैं, उनकी सूची इस प्रकार से है : -
- अंडोरा
- एंटीगुआ एवं बारबुदा
- बहामास
- बार्बादोस
- भूटान
- कोमोरोस
- कांगो गणराज्य
- डोमिनिका
- इक्वेटोरियल गिनी
- फीजी
- गैम्बिया
- ग्रेनेडा
- गीनिया
- गीनिया-बिसाउ
- गुयाना
- कीरीबाती
- लाओस
- मालदीव
- माइक्रोनेशिया
- नाउरु
- पापुआ न्यू गीनिया
- रवांडा
- सेंट किट्ट्स एवं नेविस
- सेंट लूसिया
- सेंट विंसेंट एवं ग्रेनैडाइंस
- सामोआ
- सैन मरीनो
- साओ टोम एवं प्रिंसिपे
- सोलोमन द्वीप
- सोमालिया
- सूरीनाम
- स्वाज़ीलैंड
- तिमोर-लेस्ते
- टोगो
- टोंगा
- ट्रिनिडाड और टोबैगो
- तुर्कमेनिस्तान
- टुवालु
- वनुआटु
आई। ए.ई.ए से सदस्यता वापस लेने वाले राष्ट्र इस प्रकार हैं :-
- कंबोडिया (1958–2003)
- उत्तरी कोरिया (1974–1994)
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