आज का इतिहास 14 अगस्त - Study Search Point

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आज का इतिहास 14 अगस्त

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1248- जर्मनी के कोलोन कैथेड्रल का आग में नष्ट हो जाने के बाद पुनर्निर्माण शुरू।

1452- ईसवी को इटली के प्रख्यात चित्रकार व शिल्पकार लियोनार्डो दावेन्ची का जन्म हुआ। उन्हें बचपन से ही चित्रकला से बहुत लगाव था। 1506 ईसवी में बारहवें लुई और फिर फ़्रांसिस प्रथम के दरबारी चित्रकार के रुप में दावेन्ची का चयन हुआ। मीलान नगर के गिरजाघर के उनकी निर्माण कला का सबसे प्रख्यात नमूना जावा जाना है।

1805- अमेरिका और ट्यूनिस के बीच एक शांति संधि पर हस्ताक्षर किए गए।

1825- ईसवी को डीज़ल की खोज की गयी। ब्रिटेन के प्रख्यात भौतिक एवं रसायनशास्त्री माइकल फ़ैराडे ने अनेक अनुसंधानों व प्रयोगों के पश्चात डीज़ल को खनिज तेल से अलग करने में सफलता प्राप्त की। किंतु उस समय लोगों को तेल के आर्थिक व औद्योगिक महत्व का पता नहीं था।

1848- अमेरिका के ओरेगन क्षेत्र की स्थापना।

1862- बॉम्बे उच्च न्यायालय का शुभारंभ हुआ।

1888- बिजली के मीटर का पेटेंट ओलिवर बी शैलेनबर्गर को दिया गया।

1917- चीन ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1935- अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पर हस्ताक्षर किए ।

1936- जर्मनी के बर्लिन में आयोजित ओलंपिक खेलों के दौरान पहली बार बॉस्केटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें अमेरिका ने कनाडा को 19-8 से हराया था।

1945- ईसवी को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान, घटक देशों के सामने हथियार डालने पर विवश हुआ। इस प्रकार 1939 में पोलैंड पर नाजी जर्मनी के आक्रमण के साथ ही आरंभ होने वाला यह विश्व युद्ध जापान में समाप्त हो गया।

1947- पाकिस्तान और भारत का विभाजन । ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध भारत की जनता के आन्दोलन के अतंर्गत 1906 में मुस्लिम लीग पार्टी का गठन हुआ और मुहम्मद अली जेनाह इसके अध्यक्ष बने। मुस्लिम लीग का उद्देश्य एक मुस्लिम सरकार का गठन था। इस पार्टी ने भारतीय मुसलमानों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया और पाकिस्तान बनाने में सफल हो गयी। भारत से अलग होते समय पाकिस्तान के दो भाग थे जो एक दूसरे से बिल्कुल अलग थे। पूर्वी पाकिस्तान सन 1971 में बंग्लादेश के रूप में अलग देश बन गया।

2006- को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की ओर से प्रस्ताव क्रमांक 1701 पारित होने और लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन तथा ज़ायोनी शासन द्वारा उसे स्वीकार किए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच युद्ध समाप्त हुआ। हिज़्बुल्लाह की सैन्य शक्ति को तबाह करने के उद्देश्य से लेबनान पर ज़ायोनी शासन के आक्रमण के कारण 12 जुलाई वर्ष 2006 को यह युद्ध आरंभ हुआ था। 

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