असामान्य मनोविज्ञान एवं नैदानिक मनोविज्ञान की मुख्य घटनाएँ - Study Search Point

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असामान्य मनोविज्ञान एवं नैदानिक मनोविज्ञान की मुख्य घटनाएँ

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(ईसवी सन्)
1791 : गलवानी (Galvani) इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि तंत्रिका आवेग (nerve impulse) का स्वरूप वैद्युतीय (electrical) होता है।
1794 : पिनेल ने मानसिक अस्पतालों से मानसिक रोगियों को लोहे की जंजीरों से मुक्त करने का आदेश दिया।
1807 : वेल (Bell) एवं मैगेनडाई (Megnedie) द्वारा इस निष्कर्ष पर पहुँच गया कि संवेदी एवं पेशीय तंत्रिकाएँ संरचना तथा कार्य के खयाल से एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।
1841 : डोरोथिया डिक्स (Dorothiya Dix) ने अमेरिका तथा यूरोप में मानसिक अस्पतालों को उन्नत बनाने के लिए कार्यक्रम तैयार किया।
1861 पॉल व्रोका (Paul Broca) ने मस्तिष्क में संभाषण (speech) विशिष्ठ क्षेत्रों का निर्धारण किया।
1870 फ्रिस्क (Fristch) हिटजीग (Hitzig) ने मस्तिष्क में विशिष्ठ संवेदी तथा पेशीय क्षेत्रों का पता लगाया।
1879 लिपजिग विश्वविद्यालय में विलहेल्म वुन्ट (Wilhelm Wundt) ने पहला मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला खोला और मनोविज्ञान को एक स्वातंत्र विज्ञान का दर्जा दिया गया। इस विश्वविद्यालय का वर्तमान नाम कालमार्क्स विश्वविद्यालय (Karl Marx University) है।
1883 जी. एस. हॉल (G. S. Hall) ने जान हापकिन्स विश्वविद्यालय (John Hopkinns University) पहले अमेरिकन मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना किया।
1885 सर फ्राँसिस गाल्टन ने लंदन में पहला मानसिक परीक्षण-कार्य (mental testing) केन्द्र की स्थापना किया।
1887 जी. एस. हाल द्वारा मनोवैज्ञानिक का प्रथम पेशेवर जनरल अमेरिका में प्रकाशित किया गया।–अमेरिकन जनरल ऑफ साइकोलोजी (American Journal of Psychology)
1890 जे. एस. कैटेल (J. S. Cattell) ने मानसिक परीक्षण (mental test) जैसे पद का सृजन किया।
1892 जी. एस. हाल (G. S. Hall) ने अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ (American) Psychological Association) की स्थापना किया और इसके प्रथम अध्य्क्ष बने।
1895 ब्रियूअर (Breuer) तथा फ्रायड (Freud) ने एक साथ मिलकर अपनी पुस्तक स्टडीज इन हिस्ट्रीया (Studies in Hysteria) का प्रतिपादन किया।
1886 लाइटर विटमर (Lighter Witmer) ने पेनिस्लावैनिया विश्वविद्यालय (Pennsylavania University) में पहला मनोवैज्ञानिक उपचारगृह (clinic) खोला।
1896 काल पियरसन (Karl Pearson) ने सहसंबंध के साँख्यिकी सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।
1900 सिगमंड फ्रायड द्वारा अपनी बहुचर्चित पुस्तक दी इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम (The Interpretation of Dream) का प्रकाशन किया गया।
1904 : स्पीयरमैन ने बुद्धि की व्याख्या सामान्य (General or g) तथा विशिष्ठ (Specific or s) कारक के रूप में पेश किया है।
1905 : फ्रांस में बिने तथा साइमन ने बच्चों के लिए पहला माननीकृत बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया।
1907 : पहला नैदानिक जनरल जिसका नाम साइकोलाजिकल क्लिनिक (Psychological clinic) था, विटमर द्वारा प्रकाशित किया गया।
1908 : वाइनलैंड (Vineland) प्रशिक्षण स्कूल में पहला नैदानिक इटर्नशीप (clinical iternship) था, विटमर द्वारा प्रकाशित किया गया।
1909 : विलियम हीली (William Healy) द्वारा पहला बाल निदेशक केन्द्र तथा शिकागो में जुवेनाइल साइकोपैथिक इन्स्टीट्यूट (Juvenile Psychopathic Insititute) की स्थापना की गयी।
1910 : बिने-साइमन परीक्षण का 1908 के संशोधित संस्करण का गोडार्ड (Goddard) द्वारा किया गया अंग्रेजी अनुवाद का प्रकाशन हुआ।
1911 : स्टर्न (Stern) द्वारा बुद्धिलब्ध (Intelligence Quotient or IQ) के संप्रत्यय का विकास हुआ।
1912 : जे.वी. वाटसन (J.B. Watson) ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक साइकोलोजी एज ए बिहेवियरिस्ट व्यूज इट (Psychology as a Behaviourist views it) का प्रकाशन किया।
1913 : कार्ल युंग (Carl Jung) अपने आपको फ्रायड से अलग करके वैश्लेषिक स्कूल (analytical school) की स्थापना किया।
1916 : स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में टरमैन (Terman) द्वारा बिने-साइमन परीक्षण (Binet-Simon test) का अमेरिका में उपयोग के लिये संशोधित किया गया। इस नयी परीक्षण को स्टैन-फोर्ड बिने-परीक्षण कहा गया।
1917 : अमेरिकन सैनिकों के उपयोग के लिए बुद्धि का प्रथम समूह परीक्षण का निर्माण किया गया।
1917 : नैदानिक मनोवैज्ञानिक द्वारा अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ (American Psychological Association) से संबंध विच्छेद करके नया संघ अमेरिका एशोसियशन ऑफ क्लिनिकल साइकोलाजी (American Association of Clinical Psychology or AACP) की स्थापना की गयी।
1919 : AACP पुनः अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ के नैदानिक विभाग (clinical section) से जुड़ गया।
1921 : जे. एम. कैटेल द्वारा ‘साइकोलोजिकल कारपोरेशन’ (Psychological Corporation) की स्थापना की गयी।
1921 हरमान रोशार्क (Harmann Rorschach) जो स्विटजरलैंड के एक मनोवैज्ञानिक थे, ने असंरचित सामाग्रियों के आधार पर व्यक्तित्व मापने का एक परीक्षण का निर्माण किया।
1924 : डेविड लेवी (David Levy) द्वारा अमेरिका के रोशार्क परीक्षण का परिचय प्रारंभ किया गया।
1925 भारतीय मनोवैज्ञानिक संघ (Indian Psychological Association) की स्थापना की गयी।
1931 : एपीए (APA) का नैदानिक डिविजन ने शिक्षण मानक (Training standards) के लिए एक कमेटी का निर्माण किया।
1935 : मर्रे (Murray) द्वारा थीमेटिक एपरसेपसन टेस्ट (Thematic Apperception Test or TAT) का प्रकाशन हुआ।
1936 : नैदानिक मनोविज्ञान की पहली पुस्तक नैदानिक मनोविज्ञान (Clinical Psychology) का प्रकाशन लोउटिट (Louttit) द्वारा किया गया।
1939 : अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ का नैदानिक विभाग का अमेरिकन एशोशियसन फॉर एपलायड साइकोलाजी (American Association for Applied Psychology or AAAP) से संबंध टूटा।
1937 : व्यक्तित्व विकास एवं कार्य में सामाजिक कारकों के महत्व को नवफ्रायडिन (Neo-Freudians) द्वारा बल डाला गया।
1938 : मेन्टल मेजरमेंट ईयरबुक (Mental Measurement Yearbook) का प्रथम प्रकाशन हुआ।
1939 वेक्सलर-वेलेव्यू बुद्धि परीक्षण (Wechler-Bellevue Intelligence test) का प्रकाशन हुआ।
1941-45 : द्वितीय विश्व-युद्ध की घटना के परिणाम स्वरूप नैदानिक मनोविज्ञान के क्षेत्र में तेजी से फैलाव हुआ।
1942 : कार्ल रोजर्स (Carl Rogers) द्वारा क्लायंट-केन्द्रित चिकित्सा (Client-Centered therapy) का प्रतिपादन किया गया।
1943 : माइनेसोटा मल्टीफेजिक परसनालिटी इन्वेन्ट्री (Minnesota Multiphasic personality Inventory or MMPI) का निर्माण किया गया।
1945 : AAAP पुनः अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ का सदस्य बना।
1946 नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेन्टल हेल्थ (National Institute of Mental Health) द्वारा नैदानिक मनोविज्ञानियों के परीक्षण का समर्थन किया गया।
1947 : पेशेवर मनोविज्ञान (Professional psychology) में परीक्षकों का अमेरिका बोर्ड (American Bord of Examiners) का संगठन किया गया।
1947 भारतीय मनोरोगविज्ञानी (Psychiatrist) संघ का गठन।
1952 : अमेरिकन मनोरोगविज्ञानी संघ (American psychiatric Association) द्वारा डायग्नोस्टिक एण्ड स्टैस्टीकल मैनुअल-1 (Diagnostic and Statistical Manual or DSM-1) का प्रकाशन किया गया।
1953 : अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ (American Psychological Association) द्वारा मनोवैज्ञानिकों के लिए नैतिकता मानक (ethical standards) प्रकाशित किया गया।
1954 : अब्राहम मैसलो (Abraham maslow) द्वारा मानवतावादी अन्दोलन (Humanistic Moement) की शुरुआत किया गया। 1954 : बंगलौर में अखिल भारतीय मानसिक स्वास्थ संस्थान का गठन जिसका नाम बाद में निम्हांस (NIMHANS-National Institute of Mental Health and Neuro Science) कर दिया गया।
1962 : सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री (Central Institute of Psychiatry) कांके, राँची का स्थापना।
1965 : शिकागो ट्रेनिंग कनफ्रेंस का आयोजन किया गया।
1968 : इलिनोइस विश्वविद्यालय (Illinois University) द्वारा डॉक्टर ऑफ साइकोलोजी एण्ड स्टैटिस्टीकल मैनुअल का दूसरा संस्करण (Diagnostic and Statistical Manual or DSM-II) का प्रकाशन किया गया।
1968 भारतीय नैदानिक मनोवैज्ञानिक संघ का गठन।
1969 कैलीफोर्निया स्कूल ऑफ प्रोफेसनल साइकोलोजी (Clifornia School of Professional Psychology) का स्थापना की गयी।
1978 : सोवियत रूस के आल्मा अटा में पूरे संसार में मानसिक स्वास्थ्य के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय घोषणा की गयी जिसे आल्मा अटा की घोषणाएँ (Declaration for Alma Ata) कहते हैं।
1980 : DSM का तीसरा संस्करण (DSM-III) का प्रकाशन किया गया।
1981 : अमेरिकन मनोवैज्ञानिक संघ द्वारा मनोवैज्ञानिकों के लिए नैतिक मानकों का संशोधित संस्करण प्रकाशित किया गया।
1987 : DSM-3 का संशोधित प्रारूप जिसे ‘DSM-3-Revision’ कहा गया, प्रकाशित किया गया।
1987 : मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम (Mental Health Act-, 1987) पारित
1988 : अमेरिकन साइकोलोजिकल सोसाइटी (American Psychological Society) की स्थापना की गयी।
1889 : MMPI का संशोधित संस्करण का प्रकाशन हुआ जिसे MMPI-2 कहा गया।
1994 : DSM-IV का प्रकाशन हुआ।
2000 : पारकिन्सन (Parkinson) रोग तथा अन्य तंत्रकीय रोगों (neurological disoders) के उपचार की खोज के लिए अर्विड कार्लसन (Arvid Carlsson) को नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्लसन जो स्वीडन के एक वैज्ञानिक है, को यह पुरस्कार दो अमेरीकन वैज्ञानिक अर्थात् पाल ग्रीनगार्ड (Paull Greengard) एवं इरिक कैनडेल (Eric Kandel) के साथ संयुक्त रूप से दिया गया।

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