प्रमुख परिभाषा कार्बनिक रसायन भाग - 10, - Study Search Point

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प्रमुख परिभाषा कार्बनिक रसायन भाग - 10,

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अल्कोहल किसे कहा जाता है?
अल्कोहल या सुषव वे कार्बनिक यौगिक हैं जिनमें एक या एक से अधिक -OH क्रियात्मक समूह होते हैं। उद्योग में मेथिल एल्कोहल तथा एथिल एल्कोहल का प्रमुख स्थान है। कुछ समय पहले तक व्यापारिक मात्रा में मेथिल ऐल्कोहल केवल लकड़ी के शुष्क आसवन द्वारा ही प्राप्त किया जाता था। इस विधि में लकड़ी को लोहे के बड़े-बड़े बकयंत्रों (रिटॉर्टों) में, जिनमें शीतक लगे रहते हैं, हवा की अनुपस्थिति में 500° सेंटीग्रेड पर गर्म करने से निम्नलिखित पदार्थ बनते हैं :
(क) काष्ट गैंस यह गैसों का मिश्रण तथा एक उपयोगी ईधंन है। इसमें मिथेन, कार्बन मोनोक्साइड और हाइड्रोजन की मात्रा अधिक तथा एथेन, अथिलीन और ऐसिटिलीन की मात्रा कम होती है।
(ख) एक द्रव-स्रव (डिस्टिलेट) जो स्थिर होने पर दो परतों में अलग हो जाता है। ऊपरवाले द्रव परत को पाइरोलिगनस अम्ल कहते है; इसमें ऐसिटिक अम्ल 10% तक, मेथिल ऐल्कोहल 2 से 4% तक तथा अन्य पदार्थ, जैसे ऐसिटोन आदि अति न्यूना मात्रा में होते हैं। नीचे की काली परत को काष्ट तारकोल कहते हैं; इसमें फिनोल श्रेणी के तथा कुछ दूसरे यौगिक रहते हैं।
(ग) लकड़ी का कोयला जो बकयंत्रों से बच रहता है।

पाइरोलिगनस अम्ल में से अम्ल कैल्सियम ऐसिटेट के रूप में अलग कर लिया जाता है; अब जो द्रव बच रहता है उसमें से चूने की बरी द्वारा ऐसीटोन अलग कर लेते हैं। इस काष्ट स्पिरिट में शुद्ध मेथिल ऐल्कोहल 70 से 80% तक होता है। इस विधि में व्यय अधिक तथा ऐल्कोहल की प्राप्ति कम होती है। अत: उद्योग के लिए ऐल्कोहल संश्लेषण विधि द्वारा तैयार करते हैं। पचास या इससे अधिक वायुमंडल दाब पर जल-गैस को किसी उपयुक्त उत्प्रेरक (ज़िंक आक्साइड+क्रोमियम आक्साइड; या ज़िंक आक्साइड+ताम्र आक्साइड) के साथ 400° सें. पर गर्म करने से मेथिल ऐल्कोहल बनता है। मेथिल ऐल्कोहल तीव्र विषैला पदार्थ है। अत: इसका मुख्यतम उपेयाग एथिल ऐल्कोहल को अपेय बनाने के लिए होता है। लाह और रेज़िन के लिए, जिनका उपयेग वार्निश तथा पॉलिश के उद्योग में होता है यह एक उपयुक्त विलेयक है। इसका आक्सीकरण करने से फार्मैलिल्डऐमाइन, कृत्रिम रंग, औषधि तथा सुगंधित पदार्थों के निर्माण में भी इसका अधिक उपयोग होता है।

आंशिक आसवन किसे कहा जाता है?
Fractional distillation रसायन विज्ञान में आंशिक आसवन विधि से वैसे मिश्रित द्रवों को अलग करते हैं, जिसमें क्वथनांकों में अन्तर बहुत कम होता है। खनिज तेल या कच्चे तेल में से शुद्ध डीज़ल, पेट्रोल, मिट्टी तेल, कोलतार आदि इसी विधि द्वारा अलग किया जाता है।

कीटोन किसे कहा जाता है?
अल्केन में किसी बीच वाले कार्बन से जुड़े दोनों हाइड्रोजन परमाणुओं को एक ऑक्सीजन परमाणु द्वारा विस्थापित करने पर जो कार्बनिक यौगिक प्राप्त होता है उसे कीटोन कहते हैं। कीटोन में कम से कम एक -C=O ग्रूप पाया जाता है। एसिटोन, ब्यूटोन प्रमुख कीटोन हैं। सरल कीटोन का सबसे साधारण उदाहरण ऐसीटोन है, जो कार्बाइट नामक विस्फोटक पदार्थ बनाने में विलायक के रूप में प्रयुक्त होता है। मिश्रित कीटोन का साधारण उदाहरण ऐसीटोफीनोन है, जो हिपनोन के नाम से नींद लाने वाली दवा के रूप में प्रयुक्त होता है। वे कीटोन, जिनमें दो कार्बनिल समूह होते हैं, द्वि-कीटोन कहलाते हैं। यदि ये पास पास हुए, जैसे- द्विऐसीटिल CH3 COCO CH3 में, तो इनको ऐल्फा द्विकीटोन कहते हैं। यदि इनके बीच में एक कार्बन हुआ, जैसे- ऐसीटिल ऐसीटोन CH3 CO CH2 CO CH3 में तो इनको बीटा-द्वि-कीटोन कहते हैं और यदि बीच में दो कार्बन हुए, जैसे- ऐसीटोनील ऐसीटोन CH3 CO CH2 CH2 CO CH3 में तो इनको गामा-द्वि-कीटोन कहते हैं। बीटा-द्वि-कीटोन तथा बीटा-किटोनिक-एस्टर, जैसे- ऐसीटोऐ-सीटिक एस्टर, अनेक प्रकार के कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में विशेष महत्व रखते हैं।

कीटनाशक किसे कहा जाता है?
कीटनाशक रासायनिक या जैविक पदार्थों का ऐसा मिश्रण होता है जो कीड़े मकोड़ों से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने, उन्हें मारने या उनसे बचाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कृषि के क्षेत्र में पेड़ पौधों को बचाने के लिए बहुतायत से किया जाता है। उर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करते हैं जबकि कीटनाशक कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्‍ट करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है। कीटनाशक रसायनिक पदार्थ (फासफैमीडोन, लिंडेन, फ्लोरोपाइरीफोस, हेप्‍टाक्‍लोर तथा मैलेथियान आदि) अथवा वाइरस, बैक्‍टीरिया, कीट भगाने वाले खर-पतवार तथा कीट खाने वाले कीटों, मछली, पछी तथा स्‍तनधारी जैसे जीव होते हैं। बहुत से कीटनाशक मानव के लिए जहरीले होते हैं। सरकार ने कुछ कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि अन्‍य के इस्‍तेमाल को विनियमित (रेगुलेट) किया गया है।

फसल के कीटनाशक आधार : -

कीटनाशक - लक्ष्य

  1. शाकनाशी  - पौधे
  2. एल्गीनाशी (Algicides)  - एल्गी
  3. पक्षीनाशी  - पक्षी
  4. जीवाणु  - जीवाणू (बैक्टीरिया)
  5. फफूँदनाशी - फफूँद
  6. इन्सेक्टिसाइड  - कीट (Insects)
  7. दीमकनाशी (Miticides or Acaricides)  - दीमक (Mites)
  8. घोंघानाशी (Molluscicides)  - घोंघा
  9. नेमेटिसाइड _ निमेटोड (Nematodes)
  10. कृंतकनाशी (Rodenticides)  - कृंतक (Rodents)
  11. विषाणुनाशी (Virucides)  - विषाणु (Viruses)

रासायनिक संरचना के आधार पर


  1. ऑर्गैनोफॉस्फेट कीटनाशी
  2. कार्बामेट कीटनाशी
  3. ऑर्गैनोक्लोरीन कीटनाशी
  4. Pyrethroid pesticides
  5. Sulfonylurea herbicides
  6. जैव कीटनाशी


आसवन किसे कहा जाता है?
आसवन (Distillation) किसी मिश्रित द्रव के अवयवों को उनके वाष्पन-सक्रियताओं (volatilities) के अन्तर के आधर पर उन्हें अलग करने की विधि है। यह पृथक्करण की भौतिक विधि है न किरासायनिक परिवर्तन अथवा रासायनिक अभिक्रियाव्यावसायिक दृष्टि से आसवन के बहुत से उपयोग हैं। कच्चे तेल (क्रूड आयल) के विभिन्न अवयवों को पृथक करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है। पानी का आसवन करने से उसकी अशुद्धियाँ (जैसे नमक) निकल जातीँ हैं और अधिक शुद्ध जल प्राप्त होता है। आजकल आसवन शब्द पुराने की अपेक्षा अधिक व्यापक अर्थ में प्रयुक्त होता है। भभके में वाष्पवान्‌ द्रव्य को उड़ाना और उड़ी हुई भाप को ठंडा करके फिर चुआ लेना, यह सबकी सब प्रक्रियाआसवन कहलाती है। आसवन का उद्देश्य किसी वाष्पवान्‌ अंश को अन्य अवाष्पवान्‌ अंशों से पृथक्‌ किए जा सकते हैं। पुराने समय में आसवन की इस विधि का उपयोग केवल आसवों अर्थात्‌मदिरा के समान पेय तैयार करने में किया जाता था, पर आजकल आसवन द्वारा अनेक रासायनिक द्रव्यों का शोधन किया जाता है। आसवन की एक साधारण परिभाषा यह है कि विलयन में से विलायक को भाप बनाकर उड़ाना और फिर उसे संघनित कर लेना। इस परिभाषा के भीतर 'साधारण आसवन' और 'प्रभाजित आसवन', दोनों सम्मिलित हैं। आसवन से मिलती जुलती एक विधि का नाम ऊर्ध्वपातन है। ऊर्ध्वपातन में वाष्पवान्‌ ठोस पदार्थ भभके में गरम करके उड़ाया जाता है और फिर उस भाप को ठंडा करके ठोस शुद्ध पदार्थ प्राप्त कर लिया जाता है।

अम्लीय लवण किसे कहा जाता है?
Acidic Salt जब प्रबल अम्ल की दुर्बल क्षारक से क्रिया होती है तो परिणामस्वरूप प्राप्त लवण में अम्लीयता का प्रभाव होता है। ऐसे लवण अम्लीय लवण कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, (NH4Cl) एक अम्लीय लवण है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (प्रबल अम्ल) और अमोनियम हाइड्रोक्साइड (दुर्बल क्षारक) की उदासीनीकरण क्रिया से बनता है।
(HCl) + (NH4OH) → (NH4Cl) + (H2O)
लवण (Salt) वह यौगिक है जो किसी अम्ल के एक, या अधिक हाइड्रोजन परमाणु को किसी क्षारक के एक, या अधिक धनायन से प्रतिस्थापित करने पर बनता है। खानेवाला नमक एक प्रमुख लवण है। रसायनत: यह नमक सोडियम और क्लोरीन का सोडियम क्लोराइड नामक यौगिक है। पोटैशियम नाइट्रेट एक दूसरा लवण है, जो नाइट्रिक अम्ल के हाइड्रोजन आयन को पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के पोटैशियम आयन (धनायन) द्वारा प्रतिस्थापित करने से बनता है। नाइट्रिक अम्ल के अणु में केवल एक हाइड्रोजन होता है, जो पोटैशियम से प्रतिस्थापित होता है। सल्फ्यूरिक अम्ल में प्रतिस्थापनीय हाइड्रोजन की संख्या दो है। अत: सोडियम द्वारा सल्फ्यूरिक अम्ल के दोनों हाइड्रोजन के प्रतिस्थापित होने पर सोडियम सल्फेट नामक लवण प्राप्त होता है। दोनों ही यौगिक लवण कहलाते हैं। पहला नॉर्मल (normal) लवण और दूसरा अम्लीय लवण कहलाता है। विविध अम्लों और विविध क्षारों के सहयोग से अनेक लवण बने हैं।

अम्लीय ऑक्साइड किसे कहा जाता है?
ये पानी से मिलकर अम्ल बनाते हैं अथवा क्षार या क्षारीय आक्साइड के लवण; जैसे कार्बन डाइ आक्साइड, सल्फर डाइ आक्साइड। कुछ आक्साइड मिश्रित ऐनहाइड्राइड होते हैं, जैसे नाइट्रोजन पराक्साइड पानी के साथ नाइट्रस और नाइट्रिक अम्ल दोनों बनाता है। Acidic Oxide अधातुओं के ऑक्साइड जो जल के साथ अभिक्रिया करके अम्ल बनाते हैं, उसे अम्लीय ऑक्साइड कहते हैं।
उदहारण के लिए 
(CO2), (SO2) (P2O5), (SO3), (NO2) आदि।

अमोनिया किसे कहा जाता है?
अमोनिया एक तीक्ष्म गंध वाली रंगहीन गैस है। यह हवा से हल्की होती है तथा इसका वाष्प घनत्व ८.५ है। यह जल में अति विलेय है। अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है यह क्षारीय प्रकृति का होता है। जोसेफ प्रिस्टले ने सर्वप्रथम अमोनियम क्लोराइड को चूने के साथ गर्म करके अमोनिया गैस को तैयार किया। बर्थेलाट ने इसके रासायनिक गठन का अध्ययन किया तथा इसको बनाने वाले तत्वों को पता लगाया। प्रयोगशाला में अमोनियम क्लोराइड तथा बुझे हुए सूखे चूने के मिश्रण को गर्म करके अमोनिया गैस तैयार की जाती है। यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट आदि रासायनिक खादों को बनाने में अमोनिया का उपयोग किया जाता है। बड़े पैमाने पर नाइट्रिक एसिड तथा सोडियम कार्बोनेट के निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है। बर्फ बनाने के कारखाने में शीतलीकारक के रूप में अमोनिया का उपयोग किया जाता है। प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। लिकर अमोनिया का उपयोग कपड़ों से तेल ग्रीज आदि के दाग को छुड़ाने के लिए किया जाता है। अमोनियम कार्बोनेट बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। अपने अत्यधिक उपयोग के कारण पूरी दुनिया में इसका व्यापक पैमाने पर उत्पादन होता है।

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