सबसे बड़ी समस्या होती है शरीर में पानी की कमी, गर्मी में होने वाली बीमारियों, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

सबसे बड़ी समस्या होती है शरीर में पानी की कमी, गर्मी में होने वाली बीमारियों,

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गर्मियों में जब तापमान चरम पर होता है तब सबसे बड़ी समस्या होती है शरीर में पानी की कमी हो जाना। एक विशेषज्ञ ने इसके लिए आसान सुझाव दिया है कि गर्मियों में अपने भोजन को ही जल का अच्छा स्रोत बनाएं। फिटनेस और आहार विशेषज्ञ नीरज मेहता ने कहा कि गर्मियों में कोई भी अधिक मात्रा में पानी पी सकता है। ठोस खाना भी आश्चर्यजनक मात्रा में पानी उपलब्ध कराता है जो आपके शरीर में पानी के स्तर को संतुलित रखता है।
सलाद : सलाद में 95 प्रतिशत मात्रा में जल होता है। इसमें बेहतर मात्रा में प्रोटीन भी मौजूद होता है जिसमें वसा जरा सा भी नहीं होता और क्लोरीन भी बिल्कुल कम होता है।
ब्रोकली : इसमें पोषाहार के साथ 89 प्रतिशत मात्रा में जल होता है। इसके गैर-दाहक लक्षण आपको गर्मी से लड़ने में सक्षम बनाता है।
सेब : इसमें भी 89 प्रतिशत पानी होता है और यह फाइबर, विटामिन सी और काफी मात्रा में अन्य पोषक तत्वों का सबसे बेहतरीन स्रोत होता है।
दही : गर्मी में जल की कमी के लिए दही सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें 85 प्रतिशत पानी के अवयव होते हैं।
चावल : पके हुए चावल में 70 प्रतिशत पानी के अवयव होते हैं। इसमें आयरन, कार्बोहाइड्रेट और अन्य तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं।

गर्मी में होने वाली बीमारियों : -
सर्दियों की तरह गर्मियां भी मौसमी बीमारियों के साथ आती हैं। गर्मी में होने वाली गर्मी से थकावट, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉयजनिंग आम बीमारियां हैं। अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। चक्कर आना, अत्यधिक प्यास लगना, कमजोरी, सिर दर्द और बेचैनी इसके मुख्य लक्षण हैं। इसका इलाज तुरंत ठंडक देना और पानी पीकर पानी की कमी दूर करना है। अगर हीट एग्जॉशन का इलाज तुरंत न किया जाए तो हीट-स्ट्रोक हो सकता है, जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। हीट-स्ट्रोक में शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है, जो कि अंदरुनी अंगों की कार्यप्रणाली को नष्ट कर सकता है। हीट-स्ट्रोक के मरीजों को शरीर का तापमान बहुत ज्यादा होता है, त्वचा सूखी और गर्म होती है, शरीर में पानी की कमी, कन्फ्यूजन, तेज या कमजोर नब्ज, छोटी-धीमी सांस, बेहोशी तक आ जाने की नौबत आ जाती है। 
हीट-स्ट्रोक से बचने के लिए दिन के सबसे ज्यादा गर्मी वाले समय में घर से बाहर मत निकलें। अत्यधिक मात्रा में पानी और जूस पीएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहने। फूड पॉयजनिंग गर्मियों में आम तौर पर हो जाती है। गर्मियों में अगर खाना साफ-सुथरे माहौल में न बनाया जाए तो उसके दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही पीने का पानी भी दूषित हो सकता है। सड़क किनारे बिकने वाले खाने-पीने के सामान भी फूड पॉयजनिंग के कारण बन सकते हैं। फूड पॉयजनिंग से बचने के लिए बाहर खुले में बिक रहे कटे हुए फल खाने से परहेज करें। गर्मी में शरीर में पानी की कमी से बचने के और शरीर में पानी की मात्रा को पर्याप्त बनाए रखने के लिए अत्यधिक मा़त्रा में तरल पदार्थ पिएं। प्यास लगने का इंतजार न करें। हमेशा घर में बना हुआ नींबू पानी और ओआरएस का घोल आस-पास ही रखें। अल्कोहल और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का परहेज करें, इनके सेवन से भी शरीर में पानी की कमी होती है। तेज अल्ट्रा वॉयलेट किरणों और धूप से बचने के लिए धूप के चश्मे और हैट का प्रयोग करना भी काफी लाभप्रद साबित हो सकता है।

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