शराब के बढ़ते सेवन और मोटापे के कारण होने वाली लीवर की बीमारी, - Study Search Point

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शराब के बढ़ते सेवन और मोटापे के कारण होने वाली लीवर की बीमारी,

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आने वाले कुछ दशकों में लोगों को लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता लीवर की घातक बीमारी हेपेटाइटिस बी और सी के कारण नहीं, बल्कि शराब के बढ़ते सेवन और मोटापे के कारण होने वाली लीवर की प्रमुख बीमारी 'फैटी लीवर' से होगी। यह दावा विशेषज्ञों ने किया है। ग्लोबल अस्पताल मुंबई के हिपेटो-पैनक्रिएटो बायलरी सर्जरी और लीवर ट्रांसप्लांटेशन विभाग के प्रमुख और मुख्य सर्जन रवि मोहंका ने कहा कि हेपेटाइटिस बी के लिए टीका और हेपेटाइटिस बी और सी दोनों के लिए प्रभावी चिकित्सा उपलब्ध होने के कारण लीवर खराब होने के मामलों में कमी आ रही है। अल्कोहलिक व एनएएफएल (गैर अल्कोहल फैटी लीवर) के कारण भी कैंसर होने की संभावना होती है और दुनिया भर में लीवर कैंसर से सर्वाधिक मौतें होती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि एनएएफएल लीवर की गंभीर बीमारियों का एक प्रमुख कारण है जो मोटापा, जंक फूड के सेवन, कसरत न करने, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा से हो सकता है। बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के निदेशक व वरिष्ठ परामर्शदाता योगेश बत्रा ने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि सामान्य आबादी की लगभग 20 फीसदी एनएएफएल से पीड़ित है। मोटापाग्रस्त व मधुमेह से पीड़ित लोगों में यह आंकड़ा 80 फीसदी है। इनमें से पांच फीसदी लोगों में एनएएफएल लीवर की गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।  पारस अस्पताल में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी व हिपेटोलॉजी के परामर्शदाता डॉ. रजनीश मोंगा ने कहा कि फैटी लीवर में लीवर की कोशिकाओं में वसा जमा हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि फैटी लीवर से कुछ रोगियों के लीवर में सूजन हो सकता है, जिसके कारण धीमे-धीमे लीवर की कोशिकाओं की मौत होती जाती है और अंतत: लीवर सिरोसिस हो जाती है। रोग के निदान की चर्चा करते हुए बत्रा ने कहा कि अल्ट्रासाउंड से बीमारी आसानी से पकड़ में आ जाती है। उन्होंने कहा कि रोगी पेट में दर्द और थकावट की शिकायत लेकर आते हैं। अल्ट्रासाउंड से रोग की पहचान आसानी से हो जाती है।

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