(A) वर्ष 1921 में सर
जॉन मार्शल के निर्देशन में रायबहादुर दयाराम साहनी ने हड़प्पा सभ्यता की खोज की।
(B) हड़प्पा
और मोहनजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियां पिग्गट महोदय ने कहा
है।
(C) रेडियो
कार्बन-14 के
आधार पर हड़प्पा सभ्यता की तिथि 3250 ईसा पूर्व से 2700 ईसा
पूर्व के मध्य मानी जाती है।
(D) हड़प्पा
संस्कृति लगभग 2300 ईसा पूर्व से 2000 ईसा पूर्व के मध्य अपने विकास
की पराकाष्ठा पर रही थी।
2- निम्नलिखित
कथनों पर विचार कर, नीचे
दिए कूट का प्रयोग करते हुए सही कथन का चयन करें?
1. सिंधु
सभ्यता का पूर्वी तथा पश्चिमी स्थल क्रमशः आलमगीरपुर और सुत्कागेनडोर रहे हैं।
2. सिंधु
सभ्यता का विस्तार उत्तर में मांडा से लेकर दक्षिण में नवदाटोली तक रहा था।
3. सिंधु
सभ्यता लगभग 13 लाख
वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में त्रिभुजाकार रूप में विस्तार मिलता है।
4. सिंधु
सभ्यता मिस्र सभ्यता के समकालीन वाली सभ्यता रही थी।
सही
कूट चुने -
(A) 1,
2, और 3,
(B) 2,
3, और 4,
(C) केवल 2,
(D) केवल 3,
3- निम्नलिखित
में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) सिंधु
घाटी की नगरों की खुदाई के फलस्वरूप इसके नगरों को तीन भागों में वर्गीकृत किया
गया है।
(B) हड़प्पा
में प्राप्त दो टीले - पूर्वी टीला नगर टीला तथा पश्चिमी टीला दुर्ग टीला नाम से
संबोधित किया गया है।
(C) हड़प्पा
से 6-6 कक्षो
की पंक्ति में निर्मित अट्ठारह कक्षा वाला एक अन्नागार के अवशेष मिलते हैं।
(D) मोहनजोदड़ो
की जनसंख्या एक मिश्रित प्रजाति की रही थी, जिसमें कम से कम 4 प्रजातियां
प्रमुख थी।
4- निम्नलिखित
कथनों में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) सिंधु
सभ्यता में अभिलेख युक्त मुहरे सर्वाधिक मोहनजोदड़ो से मिलती हैं।
(B) हड़प्पा
नामक स्थल से एक बर्तन पर बना मछुआरे का चित्र, स्त्री के गर्व से निकला हुआ
पौधा, गेहूं
और जौ के अवशेष तथा ईंटों के वृत्ताकार चबूतरे मिलते हैं।
(C) मृतकों
का टीला मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में राखालदास बनर्जी ने की थी।
(D) मोहनजोदड़ो
से प्राप्त विशाल स्नानागार को मार्शल ने तत्कालीन विश्व का एक आश्चर्य निर्माण
कहा है।
5- निम्नलिखित
कथनों पर विचार कीजिए -
1. मोहनजोदड़ो
की सबसे बड़ी इमारत विशाल अन्नानगार है, जो 45.72 मीटर
लंबी तथा 22.86 मीटर चौड़ी है।
2. राजपथ
कही जाने वाली मोहनजोदड़ो की मुख्य सड़क 9.15 मीटर चौड़ी थी।
3. मोहनजोदड़ो
की सड़कें एक दूसरे को तारांकिक आकार में विभाजित करती थी।
4. मोहनजोदड़ो
स्थल से कांसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति, योगी की मूर्ति, मुद्रा
पर अंकित पशुपतिनाथ की मूर्ति, गले हुए तारे के ढेर प्राप्त होते
हैं।
गलत
कथन का चयन करें
(A) केवल 1,
(B) 2, और 3,
(C) केवल 2,
(D) केवल 3,
6- निम्नलिखित
कथनों में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) औद्योगिक
केंद्र रहा चन्हूदडो मोहनजोदड़ो के दक्षिण पूर्व दिशा में स्थित है जहां से प्राक
हड़प्पा संस्कृति जिसे झूकर या झांगर संस्कृति कहते हैं कि अवशेष मिलते हैं।
(B) चन्हूदडो
नामक स्थल से ही मनके बनाने का कारखाना तथा भट्टीयां मैंके महोदय को प्राप्त हुई
है।
(C) चन्हूदडो
से कुत्ते द्वारा बिल्ली का पीछा करने के साक्ष्य, सौंदर्य प्रसाधनों में
लिपस्टिक, अलंकृत
हाथी प्राप्त हुए हैं।
(D) चन्हूदडो
सिंधु सभ्यता का एक मात्र स्थल जहां से वर्गाकार ईटें मिलती है।
7- निम्नलिखित
कथनों पर विचार करते हुए गलत कथन का चयन करें?
(A) भोगवा
नदी के तट पर स्थित लोथल शहर को लघु हड़प्पा या लघु मोहनजोदड़ो नगर का प्रतिरूप
माना जाता है।
(B) लोथल
में गढ़ी और नगर दोनों एक ही रक्षा दीवार से नहीं घिरे हुए हैं।
(C) लोथल
की प्रमुख विशेषता उसके जहाजों की गोदी (डाक यार्ड) है।
(D) लोथल
स्थल से धान (चावल), बाजरे
के साक्ष्य, घोड़े
की लघु मृणमूर्ति और तीन युगल समाधिया मिलती हैं।
8- निम्नलिखित
कथनों में कालीबंगा किस संदर्भ में कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) अमलानंद
घोष द्वारा खोजा कालीबंगा स्थल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में है।
(B) कालीबंगा
में भवनों के निर्माण तथा नालियों और कुओं के साथ स्नानागार के निर्माण के लिए
कच्ची ईंटों का प्रयोग किया गया है।
(C) कालीबंगा
से ही जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं जिसकी जुताई आड़ी तिरछी की गई है।
(D) कालीबंगा
स्थल से भूकंप के साक्ष्य, चबूतरे
पर अग्नि कुंड, वेदिकाएं, सेलखड़ी
तथा मिट्टी की बनी मुहरें मिलती हैं।
9- निम्नलिखित
कथनों में से धौलावीरा के संदर्भ में कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) कच्छ
के रन में स्थित धौलावीरा की खोज जे.पी जोशी के द्वारा की गई थी।
(B) धौलावीरा
स्थल के नगर की बनावट आयताकार रूप में की गई है।
(C) धौलावीरा
नगर तीन भागों - किला, मध्य
नगर तथा निचला नगर में विभाजित है।
(D) धौलावीरा
में उन्नत जल प्रबंधन व्यवस्था के साथ हड़प्पा लिपि के बड़े आकार के आठ चिह्न वाला
एक शिलालेख मिलता है।
10- निम्नलिखित
कथनों में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) गुजरात
में स्थित सुरकोटदा नगर दो दुर्गीकृत भागो गढ़ी तथा आवास क्षेत्र में विभाजित है।
(B) सुरकोटदा
से ही घोड़े की कुछ हड्डियों के साक्ष्य के साथ कब्रिस्तान से कलश समाधान के
साक्ष्य मिलते हैं।
(C) दैमाबाद
दाश्त नदी के बाएं तट पर अहमदनगर नगर जिले में स्थित स्थल है।
(D) दैमाबाद
से ही रथ चलाते हुए मनुष्य, सांड, सैंधव
लिपि की मुहरें, तश्तरी, प्याले
की आकृतियां के साक्ष्य प्राप्त हुई है।
11- निम्नलिखित
कथनों पर विचार कर कूट का प्रयोग कर सही विकल्प का चयन करें?
1. सूरजभान
द्वारा खोजा गया राखीगढ़ी स्थल घग्गर नदी के किनारे स्थित है।
2. वर्ष 1969 में
हरियाणा के हिसार जिले में खोजा राखीगढ़ी स्थल भारत में सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा
स्थल है।
3. रोपण
स्थल से सेलखड़ी की मुहरें, ताबे
के बाणाग्र, चर्ट
के बटखरें और मनुष्य के साथ पालतू कुत्ते के दफनाए जाने के साक्ष्य मिलते हैं।
4. रंगपुर
स्थल में प्राक हड़प्पा, हड़प्पा
और उत्तर हड़प्पाकालीन सभ्यता के साथ यहां लोगों के द्वारा चावल, बाजरा
एवं ज्वार की खेती के साक्ष्य मिलते हैं।
सही
कथन का कूट चुने -
(A) 1,
2 और 3,
(B) 1,
3 और 4,
(C) 2,
3, और 4,
(D) उपरोक्त
सभी,
12- निम्नलिखित
कथनों में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) आलमगीरपुर
हिंडन नदी के तट पर स्थित स्थल से खुदाई में मृदभांड एवं मनके मिलते हैं।
(B) आलमगीरपुर
से प्राप्त बर्तनों में त्रिभुज, मोर, गिलहरी आदि की चित्रकारी देखने
को मिलती है।
(C) सिरमौर
जिले में स्थित हुलास स्थल से कांचली मिट्टी के मनके, चूड़ियां
तथा सैंधव लिपि युक्त एक ठप्पा का साक्ष्य मिलता है।
(D) सुत्कागेनडोर
स्थल का दुर्ग एक प्राकृतिक चट्टान के ऊपर स्थित था, यहां से ताबे से निर्मित
बाणाग्र, ब्लेड
के टुकड़े और मिट्टी की चूड़ियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
13- निम्नलिखित
कथनों में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) शिल्प
उद्योग में समृद्धि बलूचिस्तान में स्थित बालाकोट एक बंदरगाह का कार्य करता था।
(B) बालाकोट
में सुनियोजित नगर योजना के साथ भवनों का निर्माण पक्की ईंटों से तथा नालियों का
निर्माण कच्ची ईंटों से किया गया था।
(C) आर. एस
बिष्ट द्वारा उत्खनन स्थल बनावली में संस्कृति के तीन स्तर प्राक सैंधव, विकसित
सैंधव, एवं उत्तर सैंधव संस्कृती
दिखती है।
(D) बनावली
की सड़कें एक दूसरे को तारांकित (स्टार शेप्ड) भागों में विभाजित करती है।
14- निम्नलिखित
कथनों में से कौन सा कथन सही नहीं है?
(A) बनावली
से मुहरे, लाजवर्द, कार्नेलियन
के मनके, हल की
आकृति के खिलौने आदि के साक्ष्य मिलते हैं।
(B) सरस्वती
नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित भगवानपुर स्थल से सफेद काले तथा आसमानी रंग की
कांच की चूड़ियां कांच की चूड़ियां के साक्ष्य मिलते हैं।
(C) सिंधु
नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित मांडा स्थल में तीन सांस्कृतिक स्तर - प्राक सैंधव, विकसित
सैंधव, एवं उत्तर सैंधव सभ्यता
दिखती है।
(D) मांडा
स्थल से मिट्टी के ठीकरे, कांस्य
से निर्मित पेंचदार पिन, नुकीले
बाणाग्र तथा एक अधूरी मुहर के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
15- निम्नलिखित
कथनों पर विचार करें -
1. बागपत
जिले के तहत सनौली स्थल से हड़प्पन पुरास्थल से के रूप में 125 समाधान
प्राप्त हुए हैं।
2. सुमेरियन
सभ्यता के लोगों को प्राचीन विश्व में प्रथम लिपि अविष्कर्ता माना जाता है।
3. सिंधु
सभ्यता में बड़ी संख्या में प्राप्त नारी मूर्तियों से अनुमान लगाया जाता है कि
सैंधव सभ्यता मातृसत्तात्मक थी।
4. सिंधु
सभ्यता के लोग शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों प्रकार के थे, तथा
ऊनी एवं सूती दोनों तरह के वस्त्रों का प्रयोग करते थे।
सही कथनों
का कूट चुने -
(A) 1,
3 और 4,
(B) 1,
2 और 4,
(C) 2,
3 और 4,
(D 1,
2, 3 और 4,
16- निम्नलिखित
में से कौन सा आभूषण सिंधु सभ्यता से संबंधित है?
(A) हंसुली,
(B) करधनी,
(C) कड़ा,
(D) उपरोक्त
सभी
17- निम्नलिखित
में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?
(A) रंगपुर-लोथल
: चावल के अवशेष,
(B) मोहनजोदड़ो-सुरकोटडा
: कूबड़दार ऊंट के अवशेष,
(C) कालीबंगा-सुरकोटडा
: घोड़े की मरणमूर्तियां के अवशेष,
(D) चन्हूदड़ो-बालाकोट
: मनके बनाने के साक्ष्य,
18- निन्नलिखित
में से किन दो स्थलों से हाथी दांत के बने तराजू के पलड़े मिलते हैं।
(A) मोहनजोदड़ो
- लोथल,
(B) लोथल -
कालीबंगा,
(C) लोथल -
मोहनजोदड़ो,
(D) मोहनजोदड़ो
- सुरकोटदा,
19- निम्नलिखित
में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
(A) चन्हूदड़ो
- इक्का गाड़ी एवं बैलगाड़ी की मूर्तियां,
(B) मोहनजोदड़ो
- एक संयुक्त पशुमूर्ति,
(C) हड़प्पा
- दो पाषाण मूर्तियां,
(D) कालीबंगा
- सूती धागा और कपड़ा प्राप्त,
20- निन्नलिखित
में से सिंधु सभ्यता के बारे में कौन सा कथन सही नहीं है ।
(A) सुमेरियन
लेख में ज्ञात मेलुहा कि पहचान सिंध क्षेत्र से की गई है, जबकि
दिलमुन की पहचान बहरीन से हुई है।
(B) सैंधव
मृदभांड लाल या गुलाबी रंग के थे, जबकि कुछ मृदभांडों पर
काले रंग से रंगकर नीली रेखाओं से चित्र बनाए गए हैं।
(C) सैंधव
मृदभांड में मोर, हिरन, कछुआ, गाय, पीपल, नीम, खजूर, केला, का
अंकन देखने को मिलता है।
(D) सिंधु सभ्यता में शव दफनाने की प्रथा उत्तर दक्षिण
दिशा में रही जबकि कालीबंगा में यह प्रथा अपवाद रूप दक्षिण उत्तर दिशा में देखती
है।प्रश्नों के व्याख्या सहित उत्तर देखने के लिए क्लिक करें - व्याख्या सहित उत्तर भाग एक, ʘ भाग दो देखने के लिए क्लिक करें,
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