विश्व कैंसर दिवस -
शुरुआत - विश्व कैंसर दिवस का इतिहास 1933 से शुरू होता है जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार यह दिवस मनाया। आधिकारिक रूप से वर्ष 2005 से शुरुवात,
उद्देश्य - कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताना और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना।
विश्व कैंसर दिवस थीम -
2016, 2017 and 2018 के विश्व कैंसर दिवस का विषय (थीम) था - “हम कर सकते हैं, मै कर सकता हूँ”
वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय (थीम) - “मैं हूं और मैं रहूंगा"(आई एम एंड आई विल)।
विश्व कैंसर दिवस का इतिहास -
विश्व कैंसर दिवस का इतिहास 1933 से शुरू होता है जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड (जिनेवा) में पहली बार यह दिवस मनाया। यह दुनिया भर में कैंसर कम करने के लिए अधिक से अधिक बढ़ावा देने और विश्व कैंसर निगरानी स्वास्थ्य और विकास के एजेंडे में एकीकृत करने के क्रम में पूरी दुनिया से जुड़ने की पहल थी। विश्व कैंसर दिवस विश्व भर में 4 फ़रवरी को हर साल मनाया जाता है। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने और रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है। 2014 में इसे विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्य 5 पर केंद्रित किया गया है जो कैंसर के कलंक को कम और मिथकों को दूर करने से संबंधित है। एक रिपोर्ट के अनुसार ये ध्यान देने योग्य है कि 12.7 मिलीयन से अधिक लोगों की कैंसर की पहचान की गयी साथ ही हर वर्ष 7 मिलीयन लोग इस बीमारी से मरते हैं।
कैंसर क्या होता है ?
शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना ह तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है। कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है। जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
कैंसर के कारण -
कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का ख़तरा किसी को भी हो सकता है। ये कारक हैं-
१. वजन बढ़ना या मोटापा।
२. अधिक शारीरिक सक्रियता ना होना।
३. एल्कोहल और नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
४. कैंसर में पौष्टिक आहार ना लेना।अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना।
क्या आप जानते हैं देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं -
१. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होते हैं।
२. पुरुषों में सबसे अधिक मौत फुस्फुस, आमाशय, यकृत, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती है।
३. कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है।
कैंसर के बारे में आम मिथक और तथ्य -
१. आम लोगों के बीच में कैंसर के बारे में यहाँ नीचे कुछ आम मिथक और तथ्य दिये गये हैं जिसको हटाना बहुत जरुरी है तथा इसके ऊपर नियंत्रण पाने के लिये इसकी वास्तविकता को अच्छे से समझना होगा।
२. आमतौर पर लोग ये सोचते हैं कि कैंसर के ऊत्तक केवल स्वास्थ्य का मसला होता है जबकि ऐसा नहीं होता।
सामान्य लोग समझते हैं कि कैंसर धनवान और उम्रदराज़ लोगों की बीमारी है जबकि ये एक वैश्विक और संक्रामक रोग है जो सभी उम्र के लोगों को हो सकता है।
३. आमजन को लगता है कि कैंसर से पीड़ित होना मतलब ये एक सजा के समान है लेकिन अब ज्यादातर कैंसर उपचार योग्य है।
४. आम लोगों को लगता है कि कैंसर उनकी किस्मत में था ,जबकि 30% मामलों में इसे पूरे जीवन भर के लिये ठीक और रोका जा सकता है।
शुरुआत - विश्व कैंसर दिवस का इतिहास 1933 से शुरू होता है जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार यह दिवस मनाया। आधिकारिक रूप से वर्ष 2005 से शुरुवात,
उद्देश्य - कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताना और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना।
विश्व कैंसर दिवस थीम -
2016, 2017 and 2018 के विश्व कैंसर दिवस का विषय (थीम) था - “हम कर सकते हैं, मै कर सकता हूँ”
वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय (थीम) - “मैं हूं और मैं रहूंगा"(आई एम एंड आई विल)।
विश्व कैंसर दिवस का इतिहास -
विश्व कैंसर दिवस का इतिहास 1933 से शुरू होता है जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड (जिनेवा) में पहली बार यह दिवस मनाया। यह दुनिया भर में कैंसर कम करने के लिए अधिक से अधिक बढ़ावा देने और विश्व कैंसर निगरानी स्वास्थ्य और विकास के एजेंडे में एकीकृत करने के क्रम में पूरी दुनिया से जुड़ने की पहल थी। विश्व कैंसर दिवस विश्व भर में 4 फ़रवरी को हर साल मनाया जाता है। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने और रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है। 2014 में इसे विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्य 5 पर केंद्रित किया गया है जो कैंसर के कलंक को कम और मिथकों को दूर करने से संबंधित है। एक रिपोर्ट के अनुसार ये ध्यान देने योग्य है कि 12.7 मिलीयन से अधिक लोगों की कैंसर की पहचान की गयी साथ ही हर वर्ष 7 मिलीयन लोग इस बीमारी से मरते हैं।
शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना ह तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है। कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है। जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
कैंसर के कारण -
कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का ख़तरा किसी को भी हो सकता है। ये कारक हैं-
१. वजन बढ़ना या मोटापा।
२. अधिक शारीरिक सक्रियता ना होना।
३. एल्कोहल और नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
४. कैंसर में पौष्टिक आहार ना लेना।अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना।
क्या आप जानते हैं देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं -
१. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होते हैं।
२. पुरुषों में सबसे अधिक मौत फुस्फुस, आमाशय, यकृत, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती है।
३. कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है।
कैंसर के बारे में आम मिथक और तथ्य -
१. आम लोगों के बीच में कैंसर के बारे में यहाँ नीचे कुछ आम मिथक और तथ्य दिये गये हैं जिसको हटाना बहुत जरुरी है तथा इसके ऊपर नियंत्रण पाने के लिये इसकी वास्तविकता को अच्छे से समझना होगा।
२. आमतौर पर लोग ये सोचते हैं कि कैंसर के ऊत्तक केवल स्वास्थ्य का मसला होता है जबकि ऐसा नहीं होता।
सामान्य लोग समझते हैं कि कैंसर धनवान और उम्रदराज़ लोगों की बीमारी है जबकि ये एक वैश्विक और संक्रामक रोग है जो सभी उम्र के लोगों को हो सकता है।
३. आमजन को लगता है कि कैंसर से पीड़ित होना मतलब ये एक सजा के समान है लेकिन अब ज्यादातर कैंसर उपचार योग्य है।
४. आम लोगों को लगता है कि कैंसर उनकी किस्मत में था ,जबकि 30% मामलों में इसे पूरे जीवन भर के लिये ठीक और रोका जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें