आज का इतिहास 22 अप्रैल, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

आज का इतिहास 22 अप्रैल,

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1895- ईसवी को क्यूबा वासियों ने स्पेन के साम्राज्यवाद से छुटकारा पाने के लिए पुन: व्रिदोह किया। 19वीं शताब्दी के दूसरे पचास वर्षों के दौरान क्यूबा वासियों का स्वतंत्रता के लिए यह तीसरा प्रयास था। स्पेन ने क्रान्तिकारियों का मुकाबला करने के लिए अपने तीन लाख सैनिक क्यूबा भेजे। इस अशांति और उहापोह की स्थिति से अमरीका ने लाभ उठाया। सन 1898 ईसवी में क्यूबा के तट के निकट अपने एक युद्धपोत में विस्फ़ोट के बहाने वह स्पेन के विरुद्ध युद्ध में कूद पड़ा और स्पेन के जहाज़ों को नष्ट करके क्यूबा पर अपना अधिकार जमा लिया इस प्रकार से क्यूबा एक साम्राज्यवादी शक्ति के हाथ से दूसरी साम्राज्यवादी शक्ति के हाथ में चला गया। 
1904- ईसवी को अमरीका के भौतिक शास्त्री और परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिक रॉबर्ट ओपेन हाइमर का जन्म हुआ। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध से पहले अणु को तोड़ कर उसके भीतर की अपार शक्ति को स्वतंत्र करने के बारे में गहन अध्ययन किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्हें अमरीका के युद्ध मंत्रालय के अनुसंधान केंद्र का प्रमुख बना दिया गया और उनके निरीक्षण में पहले तीन परमाणु बम बनाए गये। सन 1945 में जब अमरीका ने जापान के नगरों पर परमाणु बम गिराकर लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया तो ओपेनहाइमर को बड़ा दुख हुआ। और उन्होंने परमाणु उर्जा को शांतिपूर्ण उददेश्यों के लिए प्रयोग किए जाने का अनुरोध किया।

1915- प्रथम विश्व युद्व में जर्मनी की सेना ने पहली बार जहरीली गैस क्लोरीन का इस्तेमाल किया।

1921- स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने देश सेवा के लिए भारतीय सिविल सेवा की नौकरी से इस्तीफा दिया।


1948- ईसवी को अवैध इस्राईल के गठन के दौरान ज़ायोनियों ने पश्चिमोत्तरी फ़िलिस्तीन के तटवर्ती नगर हैफ़ा पर आक्रमण किया जिसमें 500 फ़िलिस्तीनी शहीद और 200 घायल हो गये। इस आक्रमण से भय भीत फ़िलिस्तीनी बच्चे और महिलाएं बंदरगाह के क्षेत्र में भाग गए किंतु ज़ायोनियों ने उन पर भी आक्रमण किया और 100 अन्य निर्दोष फ़िलिस्तीनियों को मौत के घाट उतार दिया।

1954- तत्कालीन सोवियत रूस यूनेस्को में शामिल हुआ।
1961- ईसवी को अलजीरिया की राजधानी में फ़्रांस की विशेष सेना ने कम से कम 1200 लोगों की हत्या का दी। अलजीरिया में फ़्रांसीसी साम्राज्यवाद के विरोध में निरंतर संघर्ष को देखते हुए फ़्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल डोगाल ने अलजीरिया को स्वायतता देने पर सहमति व्यक्त की।
1970- अमेरिका के लाखों लोगों ने पहली बार 'पृथ्वी दिवस' मनाया।
2010- को लंबे समय से इनकार करते आ रहे चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर तिब्बत के पास सांग्पो में बांध बनाने की बात स्वीकार कर ली। यारलुंग सांग्पो ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम है, चीन नदी की धारा को मोड़कर अपने उत्तर-पूर्व या उत्तर पश्चिम में जिनजियांग प्रांत तक जल पहुंचाना चाहता है। भारत के भारी विरोध और दबाव के बाद उसने अपनी योजना को स्थगित कर दिया और 22 अप्रैल को इस नदी पर बांध बनाने की बात स्वीकार कर ली।

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