आज का इतिहास 9 अप्रैल, - Study Search Point

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आज का इतिहास 9 अप्रैल,

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1626- ब्रिटिश दर्शनशास्त्री फ़्रैंसिस बेकिन का 65 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनके जीवन को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। पहले भाग में वह ब्रिटिश सांसद बने और राजनीति क्षेत्र में उन्होंने प्रगति की। वर्ष 1621 ईसवी में उनपर घूस लेने का आरोप लगा और उनको भारी जुर्माना अदा करना पड़ा और सांसद की उनकी योग्यता को रद्द कर दिया गया। उसके बाद उनके जीवन का दूसरा चरण आरंभ हुआ।

1778- ब्रिटेन के रासायनशास्त्री हमफ़्रे डेविस का जन्म हुआ। उन्होंने अपने शोधकार्य के दौरान सोडियम पोटैशियम कैलशियम मैग्नीज़ियम स्ट्रेन्शियम और बैरियम के तत्वों को दूसरे तत्वों से अलग किया। यह कार्य उस समय रसायान शास्त्र की बड़ी उन्नति समझा गया। वे इलेक्ट्रोकेमिकल के जनक समझे जाते हैं।
1833- स्वीडन के महान रसायनशास्त्री, डाइनामाइट के आविष्कारक और नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अलफ़्रेड नोबेल स्टाकहोम के निकट जन्मे। वह युवाकाल में ही ज्वलंत पदार्थों के संबंध में शोध में रूचि और योग्यता के आधार पर विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त किए बिना ही,वे प्रसिद्ध रसायनशास्त्री बन गये। डायनामाइट का आविष्कार करके प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचे। बाद में इस ज्वलंत पदार्थ को अधिकांश युद्धों में प्रयोग किया जाने लगा, इससे वह बहुत ही अप्रसन्न हुए। उन्होंने नोबेल पुरस्कार का भी आधार रखा जो प्रति वर्ष भौतिक शास्त्र, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्रों में विद्वानों और बुद्धिजीवियों को दिया जाता है।

1879- रुस की क्रान्ति के नेता लियून ट्रोटेस्की का जन्म हुआ। उन्हें क्रान्तिकारी गतिविधियों के चलते दो बार देश निकाला देकर साइबेरिया भेजा गया और वे दोनों ही बार वहॉ से फ़रार होने में सफल रहे। 1917 में रुस की क्रान्ति की सफलता के पश्चात ट्रोटेस्की स्वदेश लौटे और विदेशी मामलों के आयुक्त निर्धारित कर दिए गये।

1948- फ़िलिस्तीन के बैतुल मुक़ददस नगर के पश्चिम में दैरे यासीन नामक गावं में ज़ायोनियों ने निर्मम जनसंहार किया। यह जनसंहार अरबों और ज़ायोनियों के पहले युद्ध के दौरान हुआ था। इसमें ज़ायोनियों के आतंकवादी संगठन एयरगोन के लड़ाके लिप्त थे जिसका नेतृत्व ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रधान मंत्री मेनाखिम बेगीन के हाथ में था।

1991- पूर्व सोवियत संघ में शामिल जार्जिया ने अपनी स्वतंत्रा की घोषणा की। रुस के ज़ार शासक ने 18वीं शताब्दी के अंत में जॉर्जिया में अपना प्रभाव बढ़ाया और 19वीं ईसवी शताबदी तक इस देश पर पूर्ण रुप से अधिकार कर लिया। 1917 में सोवियत संघ की क्रान्ति के पश्चात जॉर्जिया कुछ समय के लिए स्वतंत्र हो गया था किंतु शीघ्र ही सोवियत संघ की लाल सेना ने इसपर दोबारा कब्ज़ा कर लिया। सन 1936 में सोवियत संघ के सदस्य गणराज्यों में शामिल हो गया।

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