आज का इतिहास 19 अप्रैल, - Study Search Point

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आज का इतिहास 19 अप्रैल,

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1707- फ़्रांस के लेखक जॉर्ज लुई बोफेन का जन्म हुआ। उन्होंने अपना अधिकांश समय ज्ञान संबंधी गतिविधियों में बिताया। और भौतिक शास्त्र के विषय में 24 प्रतियों पर आधारित एक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में धर्ती वनस्पतियों पशुओं और पत्थरों के इतिहास को बड़े सादे अंदाज़ में लिखा गया है। 

1775- अमेरिकी क्रांति की शुरुआत।

1807- मिस्र की सेना से भारी पराजय का सामना करने के पश्चात ब्रिटेन की अतिक्रमणकारी सेना इसकंदरिया बंदरगाह से पीछे हटने पर विवश हुई। ब्रिटन ने जो उस समय अपने उपनिवेशों में विस्तार के लिए प्रयास रत था मिस्र पर अधिकार करके उसमानी शासन पर दबाव बनाने का प्रयास किया क्योंकि मिस्र उस समय उसमानी शासन के अधीन था।

1852- कैलिफोर्निया हिस्टोरिकल सोसायटी का गठन हुआ।

1895- फ़्रांस के प्रसिद्ध रसायन शास्त्री लुई पास्चर का 70 वर्ष की आयु में देहांत हुआ। मानवता के लिए फ़्रांस के इस बुद्धिजीवी की सेवाओं को नहीं भुलाया जा सकता। लुई पास्चर ने पेरिस में आरंभिक शिक्षा पूरी करने के पश्चात पढ़ाना आरंभ किया। सत्ताईस वर्ष की आयु में उन्होंने डाक्टर ऑफ़ साइंस की उपाधि प्राप्त की और रसायन शास्त्र के प्रोफ़ेसर के रूप में वैज्ञानिक सेवा में लीन हो गए।

1910- हैली पुच्छल तारा पहली बार खुली आंखों से देखा गया।

1919- अमेरिका के लेस्ली इरविन ने पैराशूट से पहली छलांग लगाई।


1882-प्रसिद्ध जीवविज्ञानी चाल्र्स डार्विन का निधन।


1970- ऊर्दू के प्रतिष्ठित साहित्यकार सय्यद इम्तेयाज़ अली ताज का निधन हुआ। 13 अक्तूबर सन 1900 को लाहौर में उनका जन्म हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा ग्वर्नमेंट कालेज लाहौर से पूरी की। उर्दू के प्रतिष्ठित साहित्यकारों व ड्रामा लेखकों में उनकी गणना होती है। वर्ष 1922 में उन्होंने प्रसिद्ध नाटक अनारकली लिखा जिसे उर्दू साहित्य के उत्कृष्ट ड्रामों में गिना जाता है।

1975- तत्कालीन सोवियत रूस की मदद से पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट प्रक्षेपित किया गया।

1989- अफ्रीकी देश सिएरा लियोन ने गणतंत्र की घोषणा की।


1993- अमरीकी पुलिस एफ़ बी आई द्वारा डेविडियन मत के अनुयाइयों के मुख्यालय पर किए गए आक्रमण में इस समुदाय के 80 लोग ज़िन्दा जल कर मर गये। मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी थीं। इस समुदाय के लोग कि जो अमरीकी नीतियों के विरोधी हैं कई दिन तक एफ़ बी आई के परिवेष्टन में रहे फिर उन पर भीषण आक्रमण हुआ।

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