2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली ‘मन की बात’ - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली ‘मन की बात’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चर्चित कार्यक्रम '#मनकीबात' में एक बार फिर रेडियो पर देशवासियों से रूबरू हुए। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की सफलता पर कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें आमलोगों के साथ ऐसे बांधकर रखा है, कि जब भी उन्हें कोई चीज नजर आ जाती है या कोई भी विचार आ जाता है, तो उनकी इच्छा उसे जनता से बांटने की हो जाती है। 2016 में पीएम मोदी का यह पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम रहा। आमतौर पर वह हर महीने के आखिरी रविवार को इस कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम सब एक साथ चलें, हम सब एक स्वर में बोलें और हमारे मन एक हों, यही राष्ट्र की सच्ची ताकत है। पीएम ने सरदार पटेल की बातों का उल्लेख करते हुए कहा, सरदार पटेल कहते थे कि हिंदुस्तान की अंहिसा और आजादी खादी में है। इसलिए देशवासी अपने कपड़ों में एक जोड़ी खादी का कपड़ा जरूर रखें। महात्मा गांधी भी टेक्नोलॉजी के #अपग्रेडेशन के लिए तैयार थे। रेलवे समेत कई मिनिस्ट्री ने खादी को बढ़ावा देने के लिए इनिसियेटिव लिए हैं। आजकल युवाओं में भी खादी का क्रेज काफी बढ़ गया है। हाल ही में घोषित #फसलबीमा योजना के फायदों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से पूरे देश में इसकी जानकारी फैलाने में सहयोग का आग्रह किया ताकि अगले दो वर्षों में कम से कम 50 प्रतिशत किसान इसके दायरे में लाये जा सके। आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बालिकाओं को बचाने के बारे में जागरूकता फैलाने एवं स्टार्ट अप कार्यक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने फरवरी माह में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू सहित कुछ अन्य मुद्दों के बारे में भी लोगों से अपने विचार साझा किये।
‘हमारे देश में किसानों के नाम पर बहुत-कुछ बोला जाता है, बहुत-कुछ कहा जाता है। खैर, मैं उस विवाद में उलझना नहीं चाहता हूं। लेकिन किसान का एक सबसे बड़ा संकट है, प्राकृतिक आपदा में उसकी पूरी मेहनत पानी में चली जाती है। उसका साल बर्बाद हो जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘उसको सुरक्षा देने का एक ही उपाय अभी ध्यान में आता है और वह फसल बीमा योजना है। 2016 में भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा तोहफा किसानों को दिया है - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।’ ‘इस योजना की तारीफ हो, वाहवाही हो, प्रधानमंत्री को बधाईयां मिले, ..यह इसके लिये नहीं है। हमारा प्रयास है कि संकट में पड़े किसान को इसका भरपूर फायदा मिले।’ #किसानों तक इसकी जानकारी पहुंचाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इतने सालों से फसल बीमा की चर्चा हो रही है, लेकिन देश के 20-25 प्रतिशत से ज्यादा किसान उसके लाभार्थी नहीं बन पाए हैं, उससे जुड़ नहीं पाए हैं। ‘क्या हम संकल्प कर सकते हैं कि आने वाले एक-दो साल में हम कम से कम देश के 50 प्रतिशत किसानों को फसल बीमा से जोड़ सकें? प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी एक राष्ट्रीय प्रतीक और युवा पीढ़ी के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसके जरिये #भारतवासियों को स्वाबलंबी बनाने के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को उनकी सरकार आगे बढ़ा रही है और विभिन्न सरकारी संस्थान आगे बढ़कर खादी के उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नव गठित खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग नये अवसरों एवं चुनौतियों को ध्यान में रखकर कई #महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इन पहलों के तहत सौर चरखा और सौर लूम से उत्पादन के सफल प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से चलने वाले चरखा और लूम से बुनकर पहले से कम मेहनत में अधिक उत्पादन और दोगुनी आमदनी पा सकेंगे।

फरवरी में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 4 से 8 फरवरी तक भारत इसकी मेजबानी कर रहा है। पूरा विश्व, हमारे यहां मेहमान बन कर आ रहा है और हमारी नौसेना इस मेजबानी के लिए पुरे जोश से तैयारी कर रही है। दुनिया के कई देशों के युद्धपोत, नौसेना के जहाज आंध्र प्रदेश के #विशाखापत्तनम के समुद्री तट पर इकट्ठे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह भारत के समुद्र तट पर हो रहा है। यह विश्व की सैन्य-शक्ति और हमारी सैन्य-शक्ति के बीच तालमेल का एक प्रयास है। एक बहुत बड़ा अवसर है।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है और भारत का सामुद्रिक इतिहास स्वर्णिम रहा है। संस्कृत में समुद्र को उदधि या सागर कहा जाता है। इसका अर्थ है अनंत प्रचुरता। उन्होंने कहा कि सीमायें हमें अलग करती होंगी, जमीन हमें अलग करती होगी, लेकिन जल हमें जोड़ता है, समुद्र हमें जोड़ता है। समंदर से हम अपने-आप को जोड़ सकते हैं, किसी से भी जोड़ सकते हैं। और हमारे पूर्वजों ने सदियों पहले विश्व भ्रमण करके, विश्व व्यापार करके इस शक्ति का परिचय करवाया था। चाहे #छत्रपतिशिवाजी हों, चाहे चोल साम्राज्य हो - सामुद्रिक शक्ति के विषय में उन्होंने अपनी एक नई पहचान बनाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी का पर्व बहुत उमंग और उत्साह के साथ हमने मनाया। आतंकवादी क्या करेंगे, इसकी चिंता के बीच देशवासियों ने हिम्मत दिखाई, हौसला दिखाया और आन-बान-शान के साथ इस पर्व को मनाया। उन्होंने कहा कि लेकिन हरियाणा और गुजरात, दो राज्यों ने एक बड़ा अनोखा प्रयोग किया। इस वर्ष उन्होंने हर गांव के सरकारी स्कूल में ध्वजवंदन करने के लिए, उस गांव की सबसे पढ़ी-लिखी बेटी को चुना।

प्रधानमंत्री ने कहा कि #हरियाणा में तो और भी अच्छी बात हुई कि गत एक वर्ष में जिस परिवार में बेटी का जन्म हुआ है, उन परिवारजनों को 26 जनवरी के निमित्त विशेष रूप से निमंत्रित किया और वी.आई.पी. के रूप में प्रथम पंक्ति में उनको स्थान दिया गया। ये अपने आप में इतना बड़ा गौरव का पल था क्योंकि हरियाणा में एक हजार बेटों के सामने जन्म लेने वाली बेटियों की संख्या बहुत कम हो गयी थी। बड़ी चिंता थी, सामाजिक असंतुलन का विषय उत्पन्न हो गया था। #विज्ञानभवन में 16 जनवरी को आयोजित स्टार्टअप कार्यक्रम का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सारे देश के नौजवानों में नयी उर्जा, नयी चेतना, नई उमंग, नये उत्साह का अनुभव किया। लेकिन इस बारे में एक सामान्य लोगों की सोच है कि स्टार्ट अप का मतलब कि आईटी क्षेत्र की बातें, बहुत ही उन्नत कारोबार से जुड़ा है..इस आयोजन के बाद ये भ्रम टूट गया। आईटी तो इसका एक छोटा सा हिस्सा है। जीवन विशाल है, आवश्यकताएं अनंत हैं। स्टार्ट अप भी अनगिनत अवसरों को लेकर आता है। #स्वच्छताअभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने के बारे में काफी भावनात्मक होते हैं लेकिन बाद में हम बेपरवाह हो जाते हैं। और दूसरी बात प्रजासत्तात्मक पर्व है तो हम कर्तव्य पर भी बल कैसे दें, कर्तव्य की चर्चा कैसे हो? अधिकारों की चर्चा बहुत हुई है और होती भी रहेगी, लेकिन कर्तव्यों पर भी तो चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के कई स्थानों पर नागरिक आगे आए, सामाजिक संस्थाएं आगे आई, शैक्षिक संस्थाएं आगे आई, कुछ संत-महात्मा आगे आए और उन सबने कहीं-न-कहीं जहां महपुरूषों की प्रतिमाएं हैं, उसकी सफाई की, परिसर की सफाई की। एक अच्छी शुरुआत हुई है, और ये सिर्फ स्वच्छता अभियान नहीं है, ये सम्मान अभियान भी है।
प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में देश में कई #रेलवेस्टेशनों पर वहां के स्थानीय नागरिकों, स्थानीय कलाकारों एवं अन्य लोगों की स्थानीय कला को केंद्र में रखते हुए दीवारों की पेंटिंग, साइन-बोर्ड अच्छे ढंग से बनाने का जिक्र किया। उन्होंने इसके बारे में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, #अस्पताल, स्कूल, मंदिरों, #गिरजाघरों, #मस्जिदों के आस-पास साफ सफाई पर ध्यान देने का भी आग्रह किया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कल राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहीदों को नमन करने का यह प्रतिवर्ष होने वाला कार्यक्रम है। यह स्वभाव बनना चाहिए, इसे हमें अपनी राष्ट्रीय जिम्मेवारी समझना चाहिए? और यही बातें हैं जो देश के लिये हमें जीने की प्रेरणा देती हैं । हर वर्ष 30 जनवरी ठीक 11 बजे सवा-सौ करोड़ देशवासी 2 मिनट के लिये मौन रखें। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस घटना में कितनी बड़ी ताकत होगी । आने वाले दिनों में होने वाली दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि इनमें सफल होने वाले विद्यार्थी इस बारे में अनुभव मेरे साथ साझा करें कि परीक्षा के दिन उन्होंने तनावमुक्त होकर कैसे गुजारे हैं, परिवार में क्या माहौल बना, गुरुजनों ने, शिक्षकों ने क्या सहयोग किया, स्वयं ने क्या प्रयास किये, सीनियर लोगों ने उनको क्या बताया और क्या किया।

 'मन की बात' कार्यक्रम की प्रमुख बातें...
  • पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर उनको शत् शत् नमन। पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को याद करते हुए कहा, 'मैं पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देने के लिये शनिवार को राजघाट गया था। शहीदों को नमन करने का ये प्रतिवर्ष होने वाला कार्यक्रम है।
  • यह ठीक 11 बजे 2 मिनट के लिए मौन रखकर देश के लिए जान की बाजी लगा देने वाले, प्राण न्योछावर करने वाले महापुरुषों के लिए, वीर पुरुषों के लिए, तेजस्वी-तपस्वी लोगों के लिए श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर होता है, लेकिन अगर हम देखें, तो हममें से कई लोग हैं, जिन्होंने ये नहीं किया होगा।
  • आपको नहीं लगता है कि ये स्वभाव बनना चाहिए, इसे हमें अपनी राष्ट्रीय जिम्मेवारी समझना चाहिए।
  • मैं जानता हूं कि मेरी एक ‘मन की बात’ से ये होने वाला नहीं है, लेकिन जो मैंने कल महसूस किया, तो मुझे लगा आपसे भी बातें करूं।
  • यही बातें हैं जो हमें देश के लिए जीने की प्रेरणा देती हैं। आप कल्पना तो कीजिए, हर वर्ष 30 जनवरी को ठीक 11 बजे सवा-सौ करोड़ देशवासी 2 मिनट के लिये मौन रखें।आप कल्पना कर सकते हैं कि इस घटना में कितनी बड़ी ताक़त होगी?
  • देश के लिए कुर्बान होने वाले शहीदों को नमन, वे हमेशा हमारी यादों में बसे रहेंगे।
  • हमारे वीर शहीदों की याद में आज के दिन 2 मिनट का मौन रखकर खड़े हों।
  • सरदार पटेल ने कहा था कि भारत की आजादी खादी में है। खादी भारत की संस्कृति को दिखाती है।
  • मैंने 30 जनवरी को पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर देश में खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़े हुए जितने लोगों तक पहुंच सकता था, मैंने पत्र लिखकर पहुंचने का प्रयास किया। वैसे पूज्य बापू विज्ञान के पक्षकार थे, तो मैंने भी टेक्नोलॉजी का ही उपयोग किया और टेक्नोलॉजी के माध्यम से लाखों ऐसे भाइयों–बहनों तक पहुंचने का प्रयास किया।
  • खादी अब सिंबल बन गई है। खादी ने अलग पहचान बनाई है, अब यह राष्ट्रीय रुचि की चीज बन गई है।खादी में करोड़ों लोगों को रोजगार देने की क्षमता है।
  • पूज्य बापू हमेशा तकनीक के अपग्रेडेशन के प्रति बहुत ही सजग थे और आग्रही भी थे और तभी तो हमारा चरखा विकसित होते-होते यहां पहुंचा है। इन दिनों सोलर एनर्जी का उपयोग करके चरखा चलाने का चलन बढ़ा है।सोलर एनर्जी को चरखे के साथ जोड़ना बहुत ही सफल प्रयोग रहा है। उसके कारण मेहनत कम हुई है, उत्पादन बढ़ा है।
  • कई लोगों नें मुझे चिट्ठी लिखकर बताया है कि सोलर चर्खा से उनकी जिंदगी में बदलाव आया है।
  • 26 जनवरी पर हरियाणा और गुजरात, दो राज्यों ने एक बड़ा अनोखा प्रयोग किया। इस वर्ष उन्होंने हर गांव के गवर्नमेंट स्कूल में ध्वजवंदन करने के लिए, गांव की जो सबसे पढ़ी-लिखी बेटी है, उसको पसंद किया। हरियाणा और गुजरात ने बेटी को सम्मान दिया। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ - इसका एक उत्तम संदेश देने का उन्होंने प्रयास किया। मैं दोनों राज्यों की इस कल्पनाशक्ति को बधाई देता हूं।
  • मैं हरियाणा को सामाजिक बदलाव के लिए बधाई देता हूं।
  • हरियाणा में सेक्स रेशियो बहुत बुरी स्थिति में पहुंच गया था, लेकिन वहां लोगों ने सामाजिक बदलाव की पहल की और मैं वहां के लोगों को इसके लिए बधाई देता हूं।
  • हमारे देश में किसानों के नाम पर बहुत कुछ कहा जाता है। मैं उन विवादों में पड़ना नहीं चाहता।
  • हमें ज्यादा से ज्यादा किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ना होगा।
  • परेशान किसानों को राहत देने का एक ही रास्ता है और वह यह कि उन्हें फसल बीमा का लाभ दिया जाए।
  • मैंने देखा है कि आजकल स्थानीय निवासी और कलाकार रेलवे स्टेशनों को अपनी कलाकारी से सुंदर बना रहे हैं। स्वच्छता का अब सौंदर्य से मिलन हो गया है। यह न तो रेलवे ने शुरू किया है और न ही ये मेरी पहल है। ये तो हमारे देश के लोगों ने अपने लिए किया है।
  • मेरे प्यारे देशवासियो, अपने लिए गर्व की बात है कि फ़रवरी के प्रथम सप्ताह में 4 से 8 तारीख तक भारत बहुत बड़ी मेजबानी कर रहा है। पूरा विश्व, हमारे यहां मेहमान बनकर आ रहा है और हमारी नौसेना इस मेजबानी के लिए पुरजोर तैयारी कर रही है।
  • दुनिया के कई देशों के युद्धपोत, नौसेना के जहाज़, आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम के समुद्री तट पर इकट्ठे हो रहे हैं। इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू भारत के समुद्र तट पर हो रहा है। यह विश्व की सैन्य-शक्ति और हमारी सैन्य-शक्ति के बीच तालमेल का एक प्रयास है।
  • टी.वी. पर, रेडियो पर मेरी 'मन की बात' आप सुन लेते हैं, लेकिन बाद में सुनना हो तो क्या? अब आप अपनेमोबाइल फोन पर भी मेरे 'मन की बात' सुन सकते हैं और कभी भी सुन सकते हैं। 'मन की बात' के लिए मोबाइल फोन का नंबर तय किया है- 8190881908.

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