स्वदेश निर्मित युद्धपोत आईएनएस कोच्चि मोर्चा संभालने को तैयार है। बुधवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के हाथों इस पोत का जलावतरण मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में किया जाएगा।
आइये आपको बताते हैं आईएनएस कोच्चि की खास बातें : -

- दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए आईएनएस कोच्चि को कई आधुनिकतम हथियारों एवं सेंसरों से लैस किया गया है।
- इस युद्धपोत पर तैनात खतरनाक हथियारों में आकाश में मार करने वाली मिसाइलें भी शामिल हैं।
- ये मिसाइलें समुद्र एवं सतह पर लंबी दूरी तक मार कर सकती हैं।
- आईएनएस कोच्चि भारत की दूसरी एवं दुनिया के ऐसे कुछ युद्धपोतों में से एक है, जो सतह से हवा में मार करने के लिए मल्टी-फंक्शन निगरानी यंत्रों एवं रडारों से लैस है।
- सतह अथवा हवा से किए गए प्रहार से बचाव के लिए पोत पर विशेष इंतजाम भी किए गए हैं।
- कई और तकनीकी साधनों से लैस इस युद्धपोत के डेक पर सी-किंग 42बी अथवा चेतक जैसे दो हेलीकॉप्टर तैनात रह सकते हैं।
- 7500 टन विस्थापन क्षमता वाले 164 मीटर लंबे एवं बीम पर 17 मीटर चौड़ाई वाला यह पोत कोलकाता श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है।
- इसे निर्देशित मिसाइल विधवंसक श्रेणी का युद्धपोत कहा जाता है।
- नौसेना डिजाइन निदेशालय की योजना के अनुसार इस पोत का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड ने किया है।
- करीब एक दशक पहले कमीशन हुए दिल्ली श्रेणी के तीन युद्धपोतों के बाद अब कोलकाता श्रेणी का यह दूसरा स्वदेश निर्मित युद्धपोत भारतीय समुद्री सीमाओं की हिफाजत करने के लिए तैयार है।