मिलिए जॉनी वाकर से कपिल शर्मा तक लोगों को हंसाकर लोट पोट कर देने वाले सितारों से। इन्होंने कब कब कौन सी फिल्मों से अपनी पहचान बनाई और क्या है उनका कॉमडी स्टाइल।
1920 में इंदौर में जन्में बॉलीवुड कॉमेडी किंग जॉनी वाकर ने लगभग 300 फिल्में की। जॉनी मुंबई में बस कंडक्टर की नौकरी के दौरान यात्रियों को अपने जॉक और एक्टिंग से इसी उम्मीद से हंसाया करते थे कि एक दिन फिल्मी दुनिया से उन्हें कोई जरुर देखेगा। खबरों की मानें तो एक दिन बलराज साहनी ने उन्हें देखा और इसके बाद उन्हें फिल्म हलचल से काम मिलना शुरु हुआ। जॉनी को फिल्म फेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिला। इन फिल्मों ने जॉनी को स्टार बनाया। मेरे महबूब, सीआईडी, चोरी चोरी, प्यासा, मधुमती, मिस्टर एंड मिसेज 55, आदमी और इंसान, एक बेचारा, कागज के फूल, आग का दरिया, दूर की आवाज, सूरज, हम दोनों ।

- कादर खान ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। अपनी कॉमेडी में स्क्रिप्ट से परे जाकर किरदार को निभाते थे। इनकी कॉमेडी स्क्रिप्ट से ज्यादा फिजी कल कॉमेडी होती थी। 90 के दशक में आई फिल्म कुली नं 1 में कादर की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इसके बाद उन्होंने मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, आंखें, बोल राधा बोल, राजा बाबू, साजन चले ससुराल और आंटी नं 1 जैसी फिल्में की।
- असरानी कॉमेडी में अपने खास तरह के एक्सप्रेशन के लिए जाने गए। असरानी ने मेरे अपने फिल्म से रातों रात कॉ़मेडियन बन गए। इसके बाद उन्होंने बावर्ची, चुपके चुपके,रफु चक्कर, शोले, चरस, सीता और गीता जैसी 90 के दशक की फिल्में की।
- केश्तो मुखर्जी ने भारतीय सिनेमा में 60 और 70 के दशक में काम किया। केश्तो का नैचुरल कॉमेडी स्टाइल ही स्क्रीन पर छाया।
- जगदीप ने अपना करियर बाल कलाकार से शुरु किया। बड़े होने तक वह स्क्रीन के फेमस कॉमेडियन में से एक बन गए थे। इनकी कॉमेडी में खास बात इनके डायलॉग बोलने का स्टाइल रहा। वह डायलॉग को नाक से बोलकर खास बना दिया करते थे। उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। शोले में उनके किरदार ने उन्हें अमर कतर दिया।
LiveHindustan