अब तक आपने #दोस्ती के कम ही ऐसे किस्से सुने होंगे, जब किसी मुस्लिम ने हिंदू मित्र का अंतिम संस्कार कर दोस्ती का फर्ज निभाया हो। मगर #मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में अब्दुल रज्जाक ने अपने दोस्त संतोष सिंह ठाकुर का पूरे हिंदू रीति-रिवाज से#अंतिमसंस्कार कर दोस्ती की मिसाल कायम की है। पिछले 12 दिनों से बीमार था। संतोष संतोष रज्जाक का अजीज दोस्त था। उनकी इस दोस्ती में धर्म कभी बाधा नहीं बना। रज्जाक ऑटो चलाता था और संतोष मजदूरी कर परिवार का #भरण_पोषण करता था। दोनों के परिवार #सोनाघाटी क्षेत्र में रहते हैं। ऑटो रिक्शा चलाने वाले रज्जाक का अजीज दोस्त था मजदूर संतोष। उनकी दोस्ती में धर्म कभी बाधा नहीं बना। दोनों के परिवार सोनाघाटी क्षेत्र में रहते हैं। संतोष की रविवार सुबह मौत हो गई। दोनों की ही आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार कैसे हो यह समस्या आ गई।
इस पर #सामाजिक संगठन जनआस्था की टीम ने संतोष के अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्था की। संतोष का कोई बेटा नहीं था और रिश्तेदार भी मौजूद नहीं थे। इसलिए रज्जाक ने खुद अपने दोस्त को #हिंदू रीति-रिवाज से मुखाग्नि देकर दोस्ती का फर्ज निभाया। वह संतोष का #श्राद्धकर्म भी हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक करेगा।