दुनिया अब मुट्ठी में सिमट रही है। जिस तरह फिलहाल डेस्कटॉप पर गूगल सर्च में सामग्री खोजी जाती है, ठीक उसी तरह से मोबाइल एप की सामग्री खोजने में गूगल मदद करेगा। गूगल को जब पता चला कि विश्व के 10 देशों में डेस्कटॉप सर्च के बजाय मोबाइल सर्च का आंकड़ा बढ़ गया है तो उसने अपनी पूरी सर्च टीम को मोबाइल पर सर्च टूल ‘गूगल ऑफ एप्स’ के डेवलपमेंट में लगा दिया। इस काम के लिए टीम का नेतृत्व कर रहा है अमित भसघल नाम का एक भारतीय युवा। अमित गूगल के सर्च प्रमुख हैं, जिन्होंने पिछले 15 साल गूगल सर्च बॉक्स जैसी चमत्कारिक रचना बनाने में खपा दिए हैं। गूगल का यह सर्च प्रमुख मोबाइल क्रांति के दौर में कम्प्यूटर और वेबसाइट को फोन और एप्स का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है।
एक साक्षात्कार में अमित भसघल ने कहा कि वर्तमान में पांच साल पहले वाले डेस्कटॉप जैसे हालात नहीं रहे हैं। अब हर आदमी कम्प्यूटर की शक्ति को अपनी जेब में रखना पसंद करता है। जेब में रखे कम्प्यूटर की यह ताकत पृथ्वी पर सबसे बड़े डाटा केंद्र के रूप में जुड़ती जा रही है। उन्होंने माना कि मोबाइल पर एप सर्च बहुत तेजी के साथ विस्तार पा रही है। मोबाइल डिवाइस पर यूजर जब भी किसी एप से जुड़ा होगा और अपने विषय से संबंधित सामग्री के लिए सहयोग की जरूरत महसूस करेगा, गूगल वहां तुरंत हाजिर हो जाएगा। सिर्फ एक टेप के साथ वहां कई विकल्प देगा। गूगल के सर्च प्रमुख ने कहा कि इस प्लेटफार्म की वर्तमान में सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही है।
‘गूगल ऑफ एप्स’ : 4 जरूरी कारण
1. इसकी स्क्रीन का बहुत छोटा होना, बातचीत करने के लिए कुछ भी सोचते वक्त फोन को बतौर सर्च टूल तुरंत इस्तेमाल संभव।
2. टाइभपग कठिन है, लेकिन अब लोग इसका इस्तेमाल करने में परेशानी महसूस नहीं करते, कई भाषाओं में है यह सुविधा।
3. यह डिवाइस हर वक्त इंसान के साथ मौजूद रहती है, इस कारण कहीं भी सूचना ढूंढने में इसका उपयोग हो सकता है।
4. दुनिया में यूजर टाइम का 85 प्रतिशत मोबाइल एप पर बितता है, कोई भी इस पर लाइव बना रह सकता है।
2. टाइभपग कठिन है, लेकिन अब लोग इसका इस्तेमाल करने में परेशानी महसूस नहीं करते, कई भाषाओं में है यह सुविधा।
3. यह डिवाइस हर वक्त इंसान के साथ मौजूद रहती है, इस कारण कहीं भी सूचना ढूंढने में इसका उपयोग हो सकता है।
4. दुनिया में यूजर टाइम का 85 प्रतिशत मोबाइल एप पर बितता है, कोई भी इस पर लाइव बना रह सकता है।
साभार : SamacharJagat
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