711- ईसवी को मुसलमान सेना पति तारिक़ बिन ज़ियाद पहली बार भारी सेना के साथ स्पेन में प्रवाष्टि हुए। विजय के बाद मुसलमान सेना युरोप में फ़्रांस तक आगे बढ़ती चली गई। मोरक्को और स्पेन के बीच स्थित जलडमरु मध्य को जिसे जिबराल्टर था जबलुत तारिक़ कहा जाता है।
1233- ईसवी को मिस्र में इसकंदरिया बंदरगाह को सलीबी सेना की युद्धक नौकाओं ने घेर लिया। उस समय सलीबी युद्ध काल के विख्यात मुस्लिम सेनापति सलाहुद्दीन अय्यूबी इसकंदरिया के शासक थे शत्रु के आक्रमण के समय वे शहर से बाहर गए हुए थे उनकी वापसी तक मुसलमान सेना ने सलीबी सेनाओं का मुक़ाबला किया और जब सलाहुद्दीन अय्यूबी इस युद्ध में उतरे तो सलीबी सेनाओं की पराजय आरंभ हो गई।
1290- इंग्लैंड के सम्राट एडवर्ड प्रथम के आदेश पर यहूदियों को बाहर निकाला गया।
1674- मराठा शासक शिवाजी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किये।
1801- अल्जीसिरास की लड़ाई में ब्रिटेन ने फ्रांस और स्पेन को पराजित किया।
1812- अमेरिकी सेना ने कनाडा पर हमला किया।
1823- भारत में बने पहले स्टीमर ‘डायना’का कलकत्ता(अब कोलकाता) में अनावरण किया गया।
1935-बेल्जियम ने तत्कालीन सोवियत संघ को मान्यता दी।
1233- ईसवी को मिस्र में इसकंदरिया बंदरगाह को सलीबी सेना की युद्धक नौकाओं ने घेर लिया। उस समय सलीबी युद्ध काल के विख्यात मुस्लिम सेनापति सलाहुद्दीन अय्यूबी इसकंदरिया के शासक थे शत्रु के आक्रमण के समय वे शहर से बाहर गए हुए थे उनकी वापसी तक मुसलमान सेना ने सलीबी सेनाओं का मुक़ाबला किया और जब सलाहुद्दीन अय्यूबी इस युद्ध में उतरे तो सलीबी सेनाओं की पराजय आरंभ हो गई।
1290- इंग्लैंड के सम्राट एडवर्ड प्रथम के आदेश पर यहूदियों को बाहर निकाला गया।
1674- मराठा शासक शिवाजी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किये।
1801- अल्जीसिरास की लड़ाई में ब्रिटेन ने फ्रांस और स्पेन को पराजित किया।
1812- अमेरिकी सेना ने कनाडा पर हमला किया।
1823- भारत में बने पहले स्टीमर ‘डायना’का कलकत्ता(अब कोलकाता) में अनावरण किया गया।
1935-बेल्जियम ने तत्कालीन सोवियत संघ को मान्यता दी।
1946- ईसवी को अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के बैतुल मुक़द्दस नगर में स्थित मलिक दाऊद होटल को आतंकवादी ज़ायोनी गुट एयरगोन ने विस्फोट से उड़ा दिया। इस होटल में फ़िलिस्तीनियों का आना जाना बहुत अधिक था इसी प्रकार दूसरे क्षेत्रों से आने वाले अधिकांश यात्री भी इसी होटल में ठहरते थे।
2006- को ज़ायोनी शासन की सेना ने एक बार फिर लेबनान पर व्यापक आक्रमण कर दिया। इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह द्वारा एक प्रतिरक्षात्मक कार्यवाही में दो इस्राईली सैनिकों को पकड़ लेना, इस आक्रमण के लिए बहाना बना। वास्तव में इस व्यापक आक्रमण से इस्राईल का मूल लक्ष्य यह था कि अमरीका की सहायता से हिज़्बुल्लाह की शक्ति को क्षीण कर दे और इस प्रतिरोध आंदोलन को हथियार ज़मीन पर रखने के लिए मजबूर कर दे ताकि वह ज़ायोनी शासन की अत्याचारी एवं वर्चस्ववादी नीतियों का मुक़ाबला न कर सके।
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