आज का इतिहास 3 जून - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

आज का इतिहास 3 जून

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1502 ईसवी को पुर्तगाल के नाविक वास्को डीगामा के हाथों दक्षिणी भारत के कालीकट क्षेत्र में भयानक जनसंहार हुआ। कालीकट, मद्रास के निकट की बंदरगाह का नाम था। यह बंदरगाह वह पहला स्थान था जहॉ पहली बार सन 1498 ईसवी में वास्कोडीगामा पहुंचा और उसने उसे अपने अतिग्रहण में लिया।

1667 ईसवी को पहली बार मनुष्य के शरीर में बाहर से खून चढ़ाया गया। फ्रांस के चिकित्सक जॉन बैपटेस्ट डेनिस ने पहली बार इस काम में सफलता प्राप्त की। रोगियों के शरीर में खून चढाने का प्रयोग सफल हो जाने से चिकित्सा और उपचार के क्षेत्र में भारी प्रगति हुई।



940 ईसवी को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान फ़्रांस की बंदरगाह डनकर्क से संयुक्त सेना के जवानों को बचाने का काम पूरा हुआ और ब्रिटन, फ़्रांस और बेल्जियम के तीन लाख 35 हज़ार  सैनिकों को बचा लिया गया।

1995 ईसवी को नैटो और योरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों ने बोसनिया में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के जवानों को सर्ब आक्रमण से बचाने के लिए रैपिड एक्शन फ़ोर्स के गठन पर सहमति की।
2004 केन फोर्ड नासा के अन्तरिक्ष खोज पैनल के नेतृत्वकार्ता बने!

2005 फ़्रांस ने सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन दुहराया!

2008 तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने उपचुनाव में करीरी हार के बाद अपने पर से इस्तीफा दिया केंद्र सरकार ने सीमेंट निर्यात का रिफंड को दी  गई मंजूरी वापस ली!

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