डिशवॉशर ( Dishwasher ) : जोसेफीन कोकरेन ( Josephine Cochrane ) ने 1886 सबसे पहला मशीन के उपयोग से डिशवाशर बनाया था। जोसेफीन एक अमीर महिला थीं जिन्हें अक्सर डिनर पार्टियां देनी होती थीं। वह कभी खुद बरतन साफ नहीं करती थी क्योंकि बहुत से नौकर उनके लिए यह काम करते थे। परंतु वह चाहती थीं कोई ऐसी मशीन हो जिससे बरतन साफ करने का काम जल्दी से किया जा सके। उनके समय तक अन्य किसी ने ऐसी मशीन नहीं बनाई थी इस कारण जोसेफीन ने स्वयं ही ऐसी मशीन बनाने का फैसला किया।
सबसे पहले उन्होंने प्लेट का नाप लिया। इसके बाद उन्होंने वायर कंपार्टमेंट (तार के खाने) बनाए, हर खाने में प्लेट, कप और छोटे प्लेट रखने के लिए पर्याप्त जगह थी। इस तार के बने सांचे को तांबे के बॉयलर, जिसमें पानी गर्म होकर घुमता है, के अंदर रखा साथ ही एक पंखा भी लगाया गया। एक मोटर से पंखा घुमता था जब गर्म साबुन का पानी पूरी सांचे में प्लेट और अन्य बर्तनों पर तेजी से फिकता था।
जोसेफीन की दोस्त इस मशीन से बेहद प्रभावित हुईं। उन्हें ऐसी ही मशीन बनाने के ऑर्डर मिलने लगे। उनकी इस खोज को 'कोकरेन डिशवाशर' कहा जाने लगा। कुछ ही समय बाद उन्हें बड़े होटल और रेस्टोरेंट से ऑर्डर मिलने लगे। उन्होनें अपनी डिजाइन को पेटेंट करवा लिया और ज्यादा संख्या में डिशवाशर बनाने लगीं। उन्होंने अपने डिशवाशर का प्रदर्शन 1893 में वर्ल्ड कोलंबियन एक्सपोजिशन में किया जहां उन्हें पुरस्कार भी दिया गया।
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