राजस्थान
को कई राजाओं और रजवाड़ों की ऐतिहासिक भूमि के नाम से जाना जाता है। राजस्थान में
कई ऐसी इमारतें, महल और
किले हैं जो सदियों से आज भी वैसे के वैसे खड़े हैं। इन महलों की चर्चा पूरी
दुनिया में की जाती है। इन ऐतिहासिक धरोहरों की अपनी अलग पहचान है। राजस्थान की
राजधानी जयपुर में मौजूद हवा महल एक ऐसी ही प्राचीन और ऐतिहासिक इमारत है, जो
अपनी अद्भुत खूबसूरती और संरचना के लिए जाना जाता है। इस प्रसिद्ध इमारत की ऐसी कई
कहानियां हैं, जिससे
शायद आप अंजान होंगे। इस लेख में आपको हवा महल के उन्हीं ऐतिहासिक पहलुओं से
रूबरू कराने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इनसे संबधित रोचक तथ्यों के बारे में-
1- क्या आपको मालूम है कि हवा महल को सर के ताज के आकर में
बनाया है, और
इसके पीछे एक कहानी है। नहीं जानते ना! तो चलिए जानते हैं। हवा महल को हमेशा भगवन
श्री कृष्णा से जोड़ कर देखा जाता है। कहा जाता है कि इस इमारत को बनवाने वाले राजा
सवाई प्रताप सिंह श्री कृष्णा भगवन के प्रति बहुत ही भक्ति और श्रद्धा रखते थे, जिसकी
वजह से उन्होंने हवा महल को श्री कृष्णा के ताज के समान बनवाया।
2- क्या आपको मालूम है कि इस महल में कितनी खिड़कियां है। अगर
नहीं जानते तो, अब ये
जान के लिए इस महल में लगभग 953 खिड़कियां हैं। इतने सारे खिड़की को
बनाने का अर्थ था कि इस महल में हमेशा साफ हवा आते रहे और कभी गर्मी का अनुभव नहीं
हो।
3- एक अन्य धारणा यह कि हवा महल को विशेष रूप से राजपूत परिवार
के सदस्यों और खास कर महिलाओं के लिए बनवाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि जो 953 खिड़कियां
बनाई गई थीं उन खिड़कियों से बिना किसी रोक-टोक के शहर के नजारों को महिलाएं देख
सकें इसलिए इतनी सारी खिड़कियों को बनवाया गया है।
4- हवा महल का नाम हवा महल ही क्यों रखा गया इसका भी एक
बड़ा रोचक तथ्य है। इतिहास में ऐसा उल्लेख है कि हवा महल का नाम यहां की 5वीं
मंजिल के नाम पर रखा है, क्योंकि
5वीं
मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता था, इसीलिए इसका नाम हवा महल पड़ा।
5- अभी तक तो आपको मालूम चल ही गया होगा कि हवा महल में 5 मंजिला
इमारत है लेकिन, क्या
आपको यह मालूम है कि इस इमारत में ऐसी कोई भी सीढ़ी नहीं हैं जिसके सहारे इसकी छत
पर जाया जा सके। जी हां, आपने
बिल्कुल सही पढ़ा। इस इमारत की सभी मंजिलों पर जाने के लिए ढलान किए हुए रास्ते के
सहारे ही जाना होता है।
6- इस इमारत को ऐसे कई नामों से जाना जाता है जिसके बारे में
आपको शायद ही मालूम हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हवा महल को अधिकतर 'पैलेस
ऑफ विंड्स' के नाम
से भी जाना जाता है।
7- एक ऐसा भी रोचक तथ्य है कि ये देश में कुछ उन महलों और
इमारतों में से एक है जिन्हें हिंदू राजा ने मुगल और राजपुताना वास्तुकला शैली के
इस्तेमाल से बनवाया है। इसलिए ये कला का अनूठा नमूना है।
8- सवाई प्रताप सिंह द्वारा सन् 1799 में बनवाए गए इस महल की वर्ष 2005 में
यानी लगभग 50 साल के
बाद मरम्मत करवायी गई थी। जिसमें लगभग 45,679 लाख
रुपये खर्च हुए थे। हालांकि, ये आंकड़ा राजस्थान के किसी अधिकारी से
नहीं बल्कि एक लेख से लिया गया है, जो कम और अधिक भी हो सकता है।
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