विश्व गुर्दा दिवस (मार्च के दूसरे बृहस्‍पतिवार) : 14 मार्च., - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

विश्व गुर्दा दिवस (मार्च के दूसरे बृहस्‍पतिवार) : 14 मार्च.,

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(14 मार्च, मार्च के दूसरे बृहस्‍पतिवार) विश्व गुर्दा दिवस है। यह दिन हर वर्ष मार्च के दूसरे बृहस्‍पतिवार को मनाया जाता है।

शुरूआत - विश्व गुर्दा दिवस मनाने की शुरूआत 2006 से हुई थी।
उद्देश्‍य - विश्‍व गुर्दा दिवस का उद्देश्‍य गुर्दे के महत्‍व और गुर्दे की बीमारियों को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर देशभर में गुर्दे तथा मधुमेह और उच्‍च रक्‍त चाप से गुर्दे को होने वाले खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
विश्‍व गुर्दा दिवस का विषय -
इस वर्ष (2019) के विश्‍व गुर्दा दिवस का विषय है - "सभी के लिए सभी जगह स्‍वस्‍थ गुर्दा" 
वर्ष 2019 के विश्व गुर्दा दिवस के समारोह में गुर्दा प्रत्यारोपित लोगों द्वारा "वॉकथॉन" से लेकर प्रेरक वार्ता, नाटकों और म्यूजिकल शो का प्रदर्शन किया गया।
हाई ब्लड प्रेशर और शुगर किडनी के दुश्मन हैं। खाने पीने में सावधानी रखकर किडनी को सही रखा जा सकता है। पेस्टीसाइड का ज्यादा इस्तेमाल, फास्ट फूड आदि किडनी की सेहत खराब कर रहे हैं। पिछले 10 सालों में किडनी के मरीजों की संख्या करीब 15 प्रतिशत बढ़ चुकी है।
गुर्दो में पनपते कई रोग : पथरी के अलावा गदूद बनना, पेशाब में संक्रमण व रूकावट, कैंसर जैसे रोग गुर्दे में पनपते है। वैसे तो आज अत्याधुनिक पद्धति से इलाज के चलते गुर्दे के रोगों का इलाज भी काफी हद तक संभव हो रहा है लेकिन सावधानी और जागरूकता से इन रोगों से बचाव भी हो सकता है।

इस तरह हो सकती है जाँच -
गुर्दे की बीमारी का शीघ्र पता चलने पर इसमें पूर्ण इलाज संभव है और बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि ब्लड प्रेशर व शूगर की नियमित जाच कराई जाए। खून की मात्रा और प्रोटीन की जाच के अलावा खून में यूरिया, किडनी की पथरी, रुकावट, गदूद व कैंसर की बीमारी की भी नियमित जाच कराएं। साथ ही पेशाब की मात्रा व धार की भी जाच जरूरी है।

क्या करें स्वस्थ गुर्दों के लिए -
- नियमित एक्सरसाइज करें।
- ब्लड प्रेशर और शुगर को चेक कराते रहें और कंट्र्रोल में रखें।
- वजन चेक कराते रहें, बॉडी इंडेक्स मास (बीएमआई) 25 से ज्यादा न होने दें।
- धूम्रपान से दूर रहें, पेन किलर का कम से कम प्रयोग करें।
- प्रतिदिन पांच ग्राम से कम नमक का इस्तेमाल करें।
- अंगूर खाएं, ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।
- मैग्नीशियम किडनी को सही से काम करने में मदद करता है, इसलिए गहरे रंग की सब्जियां खाएं।

आदतें जो पहुंचाती हैं नुकसान -
- पेशाब आने पर रोक लेना, कम पानी पीना, ज्यादा नमक खाना, हाई बीपी के इलाज में लापरवाही, 
- शुगर के इलाज में कोताही, ज्यादा मांस खाना, अधिक पेनकिलर लेना, धूम्रपान करना, पर्याप्त आराम न करना, सॉफ्ट ड्रिंक्स व सोडा ज्यादा लेना।

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