चीन-पाक इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का नाम बदलने को तैयार, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

चीन-पाक इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का नाम बदलने को तैयार,

Share This
सीमा कॉरिडॉर विवाद के बीच चीन ने भारत को बड़ा संकेत दिया है। चीन ने कहा कि यदि भारत वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) मुहिम में शामिल हो तो वह चीन-पाक इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का नाम बदलने को तैयार है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को नाराज किए बिना अपने राजदूत को इस मुद्दे पर नई दिल्ली से बात करने को कहा था।  बता दें कि भारत में चीन के राजदूत लू झाओहुई ने कहा कि भारत की परेशान और चिंता को दूर करने के लिए हम पेइंचिग चीन पाक इकनॉमिक कॉरिडोर का नाम बदलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि भारत की चिंता के मुताबिक जम्मू-कश्मीर, नाथू ला पास या नेपाल से होकर एक वैकल्पिक कॉरीडोर का निर्माण किया जा सकता है। नेपाल और म्यांमार में चीन का भारी निवेश है और इसलिए दक्षिण में अपने सबसे बड़े पड़ोसी से ओबीओआर के जरिये जुडऩे का दबाव बना रहा है लेकिन भारत ने अब तक इस प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं दिया है।
चीन ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अगर भारत OBOR पहल में शामिल हो जाता है तो CPEC का नाम बदला जा सकता है। चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत में अपने राजदूत के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दी। दरअसल, भारत में चीन के राजदूत लू झाओहुई ने हाल ही में कहा था कि भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए पेइचिंग चीन-पाक इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का नाम बदलने को तैयार है। गौर करने वाली बात यह है कि मंत्रालय ने ना तो लू के बयान का समर्थन किया और ना ही इससे इनकार किया। कहा गया कि चीन की ओर से इस मामले पर नई दिल्ली के साथ समझौता करने के लिए लू को प्रोत्साहित किया गया है, हालांकि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस कदम से इस्लामाबाद को परेशानी ना हो। राजदूत ने पिछले हफ्ते दिल्ली में कहा था कि 'भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए चीन CPEC का नाम बदल सकता है और जम्मू-कश्मीर, नाथू ला पास या नेपाल से होकर एक वैकल्पिक कॉरिडोर बना सकता है।' इसके बदले में सुझाव दिया गया कि भारत उसके वन बेल्ट वन रोड (OBOR) कनेक्टिविटी प्लान में शामिल हो, जिसे चीन के दक्षिण में इस सबसे बड़े पड़ोसी देश से बढ़ावा दिए जाने की दरकार है। गौरतलब है कि नेपाल और म्यांमार में बड़े पैमाने पर चीनी निवेश कर भारत पर इस पहल में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन भारत ने अब तक इस प्रतिक्रिया नहीं दी है। 

साभार - पंजाब केशरी, NBT

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Pages